महिला जनसंक्या – ताज़ा आँकड़े और प्रमुख खबरें

आप अक्सर कहते सुनते हैं ‘भारत में महिला जनसंख्या बढ़ रही है’, लेकिन असल में क्या चल रहा है? इस लेख में हम आसान शब्दों में बताएंगे कि वर्तमान में भारत में कितनी महिलाएँ रहती हैं, उनका लिंग अनुपात कैसे बदल रहा है और इन आँकड़ों से हमें कौन‑से संदेश मिलते हैं। पढ़ते रहें, आपको कुछ रोचक तथ्य मिलेंगे जो रोज़मर्रा की बातचीत में काम आएँगे।

भारत में महिला जनसंख्या का वर्तमान परिदृश्य

2021 के राष्ट्रीय जनगणना के अनुसार भारत की कुल जनसंख्या लगभग 13.9 करोड़ है, जिसमें महिलाओं की संख्या लगभग 6.5 करोड़ है। यह पुरुष‑महिला अनुपात 108:100 से घटकर 102:100 तक आया है, यानी हर 100 महिलाएँ अब लगभग 102 पुरुषों के बराबर हैं। शहरी क्षेत्रों में लड़कियों का प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में थोड़ा अधिक है, क्योंकि शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुँच बेहतर है।

महिला जनसँख्या से जुड़ी प्रमुख खबरें

हाल ही में ‘U19 महिला विश्व कप’ में भारत की टीम ने शानदार जीत दर्ज की, जिससे युवा लड़कियों के खेलों में भागीदारी बढ़ने की उम्मीद है। उसी तरह, सरकार द्वारा चलाए जा रहे ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान ने कई राज्यों में जन्म दर को संतुलित करने में मदद की। इन कदमों से महिलाओं की सामाजिक स्थिति मजबूत हो रही है, जबकि कुछ क्षेत्रों में अभी भी लिंग‑आधारित असमानता बनी हुई है।

दूसरी ओर, ग्रामीण इलाकों में अभी भी महिला साक्षरता दर कम है। हालिया सर्वे के अनुसार केवल 55 % महिलाओं ने प्राथमिक स्तर की पढ़ाई पूरी की है, जबकि पुरुषों का यह आंकड़ा 70 % से ऊपर है। इस अंतर को पाटने के लिये कई NGOs और सरकारी योजनाएँ क़दम उठा रही हैं, जैसे मुफ्त किताबें और स्कॉलरशिप कार्यक्रम।

आपको शायद लगता होगा कि ये आँकड़े सिर्फ आंकड़े हैं, पर असल में उनका असर रोज‑मर्रा की जिंदगी में दिखता है। जब महिलाओं की शिक्षा बढ़ती है तो वे अपने बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य देखभाल दिला पाती हैं, जिससे परिवारों का कल्याण सुधरता है। इसी कारण से कई विशेषज्ञ महिला जनसंख्या को आर्थिक विकास का मुख्य इंजन मानते हैं।

अगर आप अपनी स्थानीय खबरें या राष्ट्रीय स्तर की नई नीतियों के बारे में अपडेट रहना चाहते हैं, तो हमारे टैग ‘महिला जनसंक्या’ पर नियमित रूप से विज़िट करें। यहाँ आपको महिला स्वास्थ्य, शिक्षा, खेल और रोजगार से जुड़ी सभी प्रमुख रिपोर्ट्स मिलेंगी। पढ़ते रहें, समझते रहें, और अपने समाज को बेहतर बनाते रहने में योगदान दें।

महिलाओं की संख्या में अग्रणी देश: मोलडोवा सबसे आगे, सुरक्षा और लिंग संबंधी स्थिति पर नजर

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मोलडोवा में महिलाओं की संख्या सबसे ज्यादा है, यहां 54% महिलाएँ हैं, जबकि लातविया, आर्मेनिया और रूस भी पीछे नहीं हैं। पुरुषों के पलायन और जीवन प्रत्याशा के अंतर जैसी वजहें इस असमानता को बढ़ाती हैं। पश्चिमी यूरोप और पूर्व सोवियत संघ के देशों में यह असामनता अधिक नजर आती है। वहीं, कतर में सबसे कम महिला जनसंख्या है जिसका कारण पुरुषों का बाहरी श्रम बल है।

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