Chaitra Navratri 2025 – कब, कैसे और क्यों?
छत्र नवरात्रि भारत में शरद ऋतु के बाद आती सबसे बड़ी देवी उर्जा का उत्सव है। 2025 में यह त्यौहार भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की पहली तिथि से शुरू होकर नौ दिनों तक चलता है, यानी 1 अप्रैल से 9 अप्रैल तक। इस दौरान माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है और हर दिन का अपना खास महत्व होता है।
छत्र नवरात्रि के प्रमुख पर्व
पहला दिन सातवाँ कहलाता है, जिसमें माँ काली की पूजा की जाती है। दूसरा दिन आठवाँ है, जहाँ देवी लक्ष्मी की आरती खास होती है। तीसरा दिन नवम् को हम कूमारी स्वरूप में माँ को याद करते हैं।
चौथा दिन संहिता कहलाता है, जहाँ घर में साफ‑सफ़ाई करके देवी को स्वागत किया जाता है। पाँचवाँ दिन पंचमी पर मंत्र जपना और प्रसाद बनाना शुरू होता है। छठा दिन षष्ठी में विशेष रूप से गजरा और झिलमिलाते फूलों से शringar किया जाता है। सातवाँ दिन सप्तमी पर माँ की कथा सुनकर ऊर्जा बढ़ाते हैं।
आठवाँ दिन अष्टमी में धूप, तालाब‑स्नान और अक्षय तिल के साथ प्रसाद बनाते हैं। नौवाँ दिन नवमी पर माँ की अंतिम पूजा और पुनः प्रसाद वितरित किया जाता है, फिर अगले दिन जीजा (दसवा दिन) मनाते हैं।
उपवास और पूजा के आसान टिप्स
उपवास में हल्का भोजन रखें, जैसे फल, सूखे मेवे, कच्चा कद्दू, जलेबी‑इधर‑उधर। शक्कर या तेल से बचें, कच्चा दूध और फलों का रस अच्छा रहता है। यदि आप रिवाज़ का पालन नहीं कर पा रहे हैं तो एक कप पानी में थोड़ी हिल्दी मिला कर पी सकते हैं, इससे शरीर डिटॉक्स रहता है।
पूजा में सबसे जरूरी है साफ‑सफ़ाई। घर की स्फटिक चमक को बनाने के लिए नींबू‑नमक का घोल स्प्रे करें और रजाई को धूप में सुखा लें। देवी के मंच पर हल्का लाल कपड़ा रखें, क्योंकि लाल रंग ऊर्जा को बढ़ाता है।
प्रसाद बनाते समय हलके शुगर‑फ्री कप केक या शकरिया लेस्बी तैयार कर सकते हैं। सभी व्यंजन में घी की जगह तेल या तिल के तेल का प्रयोग करें, इससे पाचन बेहतर रहता है। याद रखें: नियत समय पर अन्न जलाएँ, सातबीज मंत्र का जप करें और परिवार के साथ मिलकर गाना गाएँ।
अगर आप व्यस्त हैं और समय नहीं है तो ऑनलाइन पूजा टेम्पलेट का इस्तेमाल कर सकते हैं। एक छोटा पिचकारी या पानी की बोतल रख कर स्नान कर सकते हैं, इसका असर वही है जो मंडप में स्नान करने का होता है।
नवरात्रि के अंत में माँ दुर्गा की काली अष्टमी पर सबको मिठाई बांटना शुभ माना जाता है। इसे अपने पड़ोसियों या जरूरतमंदों को दें, ताकि आपके घर में हमेशा खुशहाली बनी रहे।
तो इस बार Chaitra Navratri 2025 को बस यही टिप्स अपनाएँ—साफ‑सफ़ाई, हल्का भोजन, समय पर पूजा और अपने मन को सकारात्मक ऊर्जा से भरें। आशा है आपका नवरात्रि सुख‑समृद्धि और स्वास्थ्य से भरपूर रहेगा।

Chaitra Navratri 2025 की दूसरी शाम: माँ ब्रह्मचारिणी का पूजन, सफेद रंग का महत्व
Chaitra Navratri 2025 का दूसरा दिन, 31 मार्च को, माँ ब्रह्मचारिणी की आराधना के लिए विशेष रूप से मान्य है। इस दिन सफेद रंग को शुभ माना जाता है और भक्तों को सफेद वस्त्र पहनने, सफेद फूल अर्पित करने की सलाह दी जाती है। जल, दूध, दही और शहद से अभिषेक, साथ में शक्कर का भोग प्रमुख अनुष्ठान हैं। माँ ब्रह्मचारिणी के मंत्र एवं पूजा विधियों को अपनाकर श्रद्धालु आध्यात्मिक शक्ति और शुद्ध मन की कामना करते हैं।
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