शिलॉन्ग तीर के परिणाम 02 मार्च 2025: जानिए सुबह और शाम के जीतने वाले नंबर

शिलॉन्ग तीर के परिणाम 02 मार्च 2025: जानिए सुबह और शाम के जीतने वाले नंबर

शिलॉन्ग तीर के लॉटरी परिणाम

2 मार्च 2025 को शिलॉन्ग तीर के आकर्षक लॉटरी परिणाम घोषित किए गए हैं। यह खेल खास है क्योंकि यह तीरंदाजी और नंबर गेम का मजेदार मिश्रण है। इसे खास तौर पर खासी हिल्स आर्चरी स्पोर्ट्स एसोसिएशन (KHASA) द्वारा आयोजित किया जाता है। इस लॉटरी में दर्शकों के लिए रोमांचक पुरस्कार और खेल के आनंद का समावेश होता है।

सुबह के शिलॉन्ग तीर के परिणामों में प्रथम दौर का जीतने वाला नंबर 97 था, जबकि द्वितीय दौर में 55 नंबर की घोषणा हुई। इसके अलावा, जुआइ तीर सुबह की लॉटरी में प्रथम दौर में 53 और द्वितीय दौर में 48 नंबर निकले। शाम के खेल में शिलॉन्ग तीर की दूसरी दौर की घोषणा 4:15 बजे की गई जिसमें 62 नंबर आया।

खेल का मेकेनिज्म और पुरस्कार

खेल का मेकेनिज्म और पुरस्कार

खिलाड़ी 0 से 99 के बीच एक नंबर चुनते हैं और ये दांव दरअसल तीरंदाजी प्रतियोगिता के परिणाम पर आधारित होता है। हर दौर में 30 तीर पहले और 20 तीर बाद में मारे जाते हैं। अगर एक खिलाड़ी ने ₹1 का दांव लगाया है, तो:

  • पहले दौर में विजय की स्थिति में ₹80 जीत सकते हैं।
  • दूसरे दौर में विजय की स्थिति में ₹60 हासिल कर सकते हैं।
  • दोनों दौर के सही अनुमान पर ₹4,000 तक का बड़ा ईनाम मिल सकता है।

लॉटरी टिकट ₹1, ₹5, ₹10, ₹20 और ₹50 के दाम में खरीदे जा सकते हैं। ये टिकट अधिकृत विक्रेताओं से खरीदे जाते हैं। दिलचस्प बात यह है कि इस लॉटरी से होने वाली कमाई KHASA की तीरंदाजी प्रशिक्षण योजनाओं में भी खर्च की जाती है और इसके अलावा, शिलॉन्ग पोलो स्टेडियम में यह खेल प्रतिदिन संचालित होता है।

शिलॉन्ग तीर के अलावा, खानापारा तीर, जुवाी तीर और लड्रीमबाई तीर जैसी अन्य लॉटरी भी इसके समान ही नियमों के तहत संचालित होती हैं और उनके परिणामों की घोषणा आधिकारिक प्लेटफॉर्म जैसे meghalayateer.com पर की जाती है। यह खेल न केवल खेलकूद का अनुभव देता है बल्कि स्थानीय युवाओं को तीरंदाजी के क्षेत्र में आगे भी बढ़ने का मौका देता है।

14 Comments

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    Debakanta Singha

    अप्रैल 15, 2025 AT 18:41
    ये शिलॉन्ग तीर वाला खेल असल में बहुत पुराना है। मेरे दादाजी भी इसमें दांव लगाते थे। अब भी ये इतना लोकप्रिय है तो इसकी जड़ें गहरी हैं।
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    swetha priyadarshni

    अप्रैल 16, 2025 AT 16:25
    इस खेल के पीछे की सांस्कृतिक गहराई को देखकर लगता है कि यह केवल एक लॉटरी नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है। तीरंदाजी एक ऐसा कला है जिसे खासी समुदाय अपनी पहचान के रूप में संरक्षित कर रहा है। इसके लिए बहुत बड़ी तारीफ देनी चाहिए।
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    tejas cj

    अप्रैल 17, 2025 AT 09:25
    ये सब बकवास है भाई। तीर फेंक कर नंबर निकालना? ये तो बस राज्य का जुआ है जिसे फैंसी नाम दे दिया है।
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    Liny Chandran Koonakkanpully

    अप्रैल 18, 2025 AT 08:01
    तुम लोगों को लगता है ये खेल संस्कृति है? ये तो बस गरीबों के पैसे छीनने का नया तरीका है। जिनके पास ₹1 भी नहीं है वो इसमें दांव लगाते हैं। ये न्याय है? 😒
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    Anupam Sharma

    अप्रैल 19, 2025 AT 15:20
    अगर तीरंदाजी एक सांस्कृतिक प्रथा है तो फिर इसे राष्ट्रीय खेल क्यों नहीं बनाया गया? ये सब लोगों को भ्रमित करने की कोशिश है। बस एक जुआ है और जुआ को संस्कृति का नाम देकर उसे वैध बनाने की कोशिश।
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    Manu Metan Lian

    अप्रैल 20, 2025 AT 21:16
    मुझे आश्चर्य है कि इतनी विस्तृत व्यवस्था के बावजूद, यह खेल अभी भी अनियमित रूप से नियंत्रित है। एक ऐसी संस्था जो तीरंदाजी के विकास के लिए उत्तरदायी है, उसे अनुशासन और पारदर्शिता की आवश्यकता है। नहीं तो यह केवल एक विधिवत रूप से ढंग से ढके जुए का रूप है।
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    Pooja Mishra

    अप्रैल 21, 2025 AT 14:36
    ये सब बहुत अच्छा है लेकिन इसके लिए क्या कोई नियम बनाया गया है कि बच्चों को इसमें शामिल न होने दिया जाए? मैंने देखा है छोटे बच्चे भी इसके लिए दांव लगाते हैं। ये गलत है।
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    Khaleel Ahmad

    अप्रैल 22, 2025 AT 08:59
    मैंने शिलॉन्ग में एक दोस्त के साथ एक बार देखा था। तीर फेंकने वाले बहुत सटीक होते हैं। ये खेल असल में तीरंदाजी की कला का जश्न है। बस दांव लगाने का तरीका थोड़ा अलग है।
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    Kunal Sharma

    अप्रैल 22, 2025 AT 21:16
    देखो ये सब तो बहुत अच्छा है लेकिन अगर आप जुआ के बारे में बात कर रहे हैं तो ये एक अनियमित अर्थव्यवस्था है जो न तो कर देती है न ही नियमित रूप से नियंत्रित होती है। ये बस एक बड़ा लूट का नाम है जिसे लोग लोकप्रियता के नाम पर आसानी से भूल जाते हैं।
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    Payal Singh

    अप्रैल 24, 2025 AT 19:28
    हर किसी को अपने तरीके से खुश रहने का अधिकार है। अगर ये खेल किसी के लिए मनोरंजन है और उसकी आय का एक छोटा हिस्सा है, तो इसे निंदा क्यों? इसके पीछे का सामाजिक उद्देश्य भी है। बस इसे जिम्मेदारी से खेलें।
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    avinash jedia

    अप्रैल 26, 2025 AT 10:18
    क्या तुम सच में इसे संस्कृति मानते हो? मैंने तो इसे एक बेकार जुआ माना है। तीरंदाजी तो अलग बात है, लेकिन ये नंबर निकालने का खेल तो बस धोखा है।
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    Shruti Singh

    अप्रैल 26, 2025 AT 18:22
    इस खेल ने हजारों युवाओं को तीरंदाजी की ओर ले जाया है। अगर आप इसे नकार देते हैं तो आप उन युवाओं के सपनों को भी नकार रहे हैं। इसकी सकारात्मकता को देखो।
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    Raksha Kalwar

    अप्रैल 28, 2025 AT 09:28
    शिलॉन्ग तीर के नियमों को देखकर लगता है कि यह एक अत्यंत संरचित और गणितीय खेल है। तीरों की संख्या, उनके लक्ष्य का वितरण, और निकलने वाले नंबरों का आंकड़ा विश्लेषण संभव है। यह एक अनूठा संयोजन है - शारीरिक कौशल और सांख्यिकीय संभावना।
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    Chandrasekhar Babu

    अप्रैल 30, 2025 AT 03:16
    इस लॉटरी के परिणामों की गणना के लिए एक विश्वसनीय रैंडम नंबर जनरेटर का उपयोग किया जाना चाहिए। अगर ये तीरंदाजी पर आधारित है, तो तीर के प्रत्येक छूटे हुए बिंदु को डिजिटल रूप से रिकॉर्ड किया जाना चाहिए। नहीं तो यह बस एक अनियंत्रित अनुमान है।

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