क्रिकेट में 'जैसे के लिए वैसे' प्रतिस्थापन नियम: आईसीसी का दिशानिर्देश और विवाद

क्रिकेट में 'जैसे के लिए वैसे' प्रतिस्थापन नियम: आईसीसी का दिशानिर्देश और विवाद

क्रिकेट के नियमों में नए बदलाव

क्रिकेट खेल अक्सर अपने नियमों और प्रक्रियाओं के लिए चर्चा में रहता है, और हाल ही में भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए चौथे टी20 मैच के दौरान शिवम दुबे के स्थान पर हरशीत राणा का प्रतिस्थापन काफी विवाद का केंद्र बन गया। यह स्थिति विशेषतः आईसीसी के 'जैसे के लिए वैसे' नियम के उपयोग पर सवाल उठाती है। इस नियम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि टीम को घायल खिलाड़ी की प्रतिस्थापन के माध्यम से कोई अनुचित लाभ न मिले।

क्या है 'जैसे के लिए वैसे' प्रतिस्थापन?

आईसीसी का 'जैसे के लिए वैसे' प्रतिस्थापन नियम मुख्यतः इस बात पर आधारित है कि घायल खिलाड़ी के स्थान पर लाया गया नया खिलाड़ी टीम की सामरिक स्थिति में कोई आमूल-चूल परिवर्तन न करे। यह ध्यान रखा जाता है कि प्रतिस्थापन खिलाड़ी की भूमिका पिछले खिलाड़ी की भूमिका के समान होती है। इस प्रकार, यह सुनिश्चित किया जाता है कि टीम को कोई विशेष फायदा न हो।

शिवम दुबे की चोट और हरशीत राणा का चयन

शिवम दुबे की चोट और हरशीत राणा का चयन

मैच के दौरान, शिवम दुबे को जेमी ओवर्टन की गेंद से हेलमेट पर चोट लगी, जिससे उन्हें मैच से बाहर होना पड़ा। भारत ने उनके स्थान पर हरशीत राणा को, जो एक विशेषज्ञ तेज गेंदबाज हैं, चयनित किया। इस प्रतिस्थापन से विवाद उत्पन्न हुआ है क्योंकि शिवम दुबे एक बल्लेबाजी ऑल-राउंडर थे और राणा एक विशेषज्ञ तेज गेंदबाज हैं। इन दोनों की भूमिकाएँ क्रिकेट में काफी भिन्न हैं।

विवाद और आलोचना

पूर्व इंग्लैंड कप्तान माइकल वॉन और कप्तान जोस बटलर ने इस प्रतिस्थापन के खिलाफ जमकर आलोचना की। उनका कहना था कि यह प्रतिस्थापन आईसीसी के मानक नियमों के अनुसार नहीं था और यह टीम की सामरिक शक्ति में अस्थायी रूप से वृद्धि करता है।

आईसीसी के दिशानिर्देश और उनकी व्याख्या

आईसीसी के दिशानिर्देश और उनकी व्याख्या

आईसीसी नियमों के अनुसार इस प्रकार के प्रतिस्थापन का अंतिम निर्णय मैच रेफरी के पास होता है, जो घायल खिलाड़ी की संभावित भूमिका और प्रतिस्थापन के द्वारा टीम को मिलने वाले लाभ को ध्यान में रखता है। लेकिन, भारत और इंग्लैंड के इस मैच ने इस नियम की व्याख्या और उसके अनुप्रयोग को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

क्या आवश्यक है विवाद समाधान?

इस प्रकार के विवाद दिखाते हैं कि क्रिकेट के नियमों की व्याख्या में कभी-कभी अस्पष्टता हो सकती है। खेल के प्रति निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए आईसीसी को अपनी नियम पुस्तिका की अधिक सटीक और स्पष्ट व्याख्या प्रदान करनी होगी ताकि भविष्य में इस प्रकार के विवादों से बचा जा सके।

12 Comments

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    Rohit verma

    फ़रवरी 2, 2025 AT 17:46
    ये नियम तो हमेशा से धुंधले रहे हैं। जब बल्लेबाज चोटिल हो जाए तो बल्लेबाज ही आता है, लेकिन गेंदबाज़ के लिए गेंदबाज़ आ जाए तो वो भी ठीक? 😅 खेल तो खेल है, इतना ज्यादा नियम बनाने की जरूरत क्या है?
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    Arya Murthi

    फ़रवरी 3, 2025 AT 07:43
    मैच के बाद जब मैंने देखा तो समझ नहीं आया कि ये क्या हुआ। शिवम दुबे को निकालकर हरशीत राणा लाना... ये तो टीम को बिल्कुल अलग दिशा में ले गया। लेकिन आईसीसी का कहना है कि 'जैसे के लिए वैसे'... अरे भाई, ये तो बहुत अलग चीज़ हैं।
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    Manu Metan Lian

    फ़रवरी 4, 2025 AT 04:30
    यह विवाद बिल्कुल अनावश्यक है। आईसीसी के नियमों की व्याख्या में निरंतर अस्पष्टता है। एक ऑलराउंडर को एक विशिष्ट गेंदबाज से प्रतिस्थापित करना, जिसकी भूमिका और योग्यता अलग है, यह खेल के नैतिक आधार के खिलाफ है। यह एक गंभीर नियम-लंघन है।
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    Debakanta Singha

    फ़रवरी 6, 2025 AT 01:07
    दोस्तों, ये सब तो बहुत बड़ा मुद्दा बना दिया गया है। अगर एक खिलाड़ी चोटिल हो जाए तो उसकी जगह जिस खिलाड़ी को टीम लाती है, वो अपने तरीके से खेलता है। ये नियम तो बस एक फॉर्मलिटी है। अगर राणा ने अच्छा खेला तो उसका श्रेय उसे मिलना चाहिए, न कि नियमों के नाम पर चिल्लाना।
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    swetha priyadarshni

    फ़रवरी 7, 2025 AT 16:39
    मैंने इस मैच को ध्यान से देखा, और मुझे लगता है कि आईसीसी को इस नियम को फिर से लिखने की जरूरत है। 'जैसे के लिए वैसे' का मतलब अगर बल्लेबाज के लिए बल्लेबाज हो, तो गेंदबाज के लिए गेंदबाज होना चाहिए। लेकिन अगर एक ऑलराउंडर चोटिल हो जाए जो दोनों चीजें करता है, तो उसकी जगह किसे रखना चाहिए? ये नियम तो बहुत सरल लगता है, लेकिन असल में बहुत जटिल है। इसकी एक विस्तृत गाइडलाइन जरूरी है जिसमें ऑलराउंडर्स के लिए अलग नियम हों।
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    tejas cj

    फ़रवरी 9, 2025 AT 03:07
    ये नियम तो बस एक बकवास है। जिसने बनाया उसे भी बताओ कि ये बात किस लिए है? शिवम चोटिल हुआ, राणा आया, राणा ने गेंद फेंकी, खेल चला। क्या हुआ? अब लोग इस पर टीवी पर बहस कर रहे हैं? बस खेल दो भाई, इतना ज्यादा नियम बनाने की क्या जरूरत?
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    Chandrasekhar Babu

    फ़रवरी 10, 2025 AT 07:55
    आईसीसी के प्रतिस्थापन नियम के अनुसार, यदि घायल खिलाड़ी की भूमिका को 'ऑलराउंडर फंक्शन' के रूप में वर्गीकृत किया जाए, तो उसका प्रतिस्थापन भी उसी फंक्शनल प्रोफाइल के अनुरूप होना चाहिए। हरशीत राणा की बॉलिंग-ऑनली एक्सपर्टिस इस फंक्शनल स्कोप के बाहर है, जिससे टीम को एक सामरिक असमानता का लाभ मिलता है। इसका आंकलन डेटा-ड्रिवन एनालिसिस के माध्यम से किया जाना चाहिए।
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    Pooja Mishra

    फ़रवरी 11, 2025 AT 23:25
    इस तरह के नियमों को तोड़ने वाले लोगों को बहुत सख्ती से सजा देनी चाहिए। ये खेल की नैतिकता का उल्लंघन है। अगर एक टीम इतना आसानी से नियम तोड़ सकती है, तो ये खेल बहुत बुरा हो रहा है। इसके लिए आईसीसी को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।
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    Khaleel Ahmad

    फ़रवरी 13, 2025 AT 07:20
    दोनों टीमों के लिए ये बहुत अजीब लगा। लेकिन अगर नियम ऐसा है तो उसका पालन करना ही बेहतर है। अगर आईसीसी ने इसे अनुमति दे दी तो शायद उनकी व्याख्या में कुछ ऐसा है जो हम समझ नहीं पा रहे। बस थोड़ा धैर्य रखो।
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    Liny Chandran Koonakkanpully

    फ़रवरी 14, 2025 AT 07:39
    ये तो बस भारत की टीम का जाल है। ये सब तो बनाया गया है कि वो जीत जाएं। आईसीसी भी तो भारत के साथ है। इंग्लैंड के खिलाफी ये नियम बार-बार तोड़े जा रहे हैं। ये खेल नहीं, ये राजनीति है। 😤
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    Anupam Sharma

    फ़रवरी 15, 2025 AT 03:50
    क्या हम भूल गए कि क्रिकेट एक खेल है? नियम तो बनाए जाते हैं ताकि खेल निष्पक्ष रहे, लेकिन अगर हम इतना ज्यादा नियमों में फंस जाएं तो खेल खत्म हो जाएगा। शिवम की जगह राणा आया, राणा ने गेंद फेंकी, खेल चला। बस इतना ही। बाकी सब तो बुद्धिमानों का खेल है।
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    Payal Singh

    फ़रवरी 16, 2025 AT 12:02
    मुझे लगता है कि हम सबको ये समझना चाहिए कि खेल का उद्देश्य निष्पक्षता और सम्मान है। इस विवाद के बारे में बहस करने से बेहतर है कि हम आईसीसी को एक अधिक स्पष्ट गाइडलाइन बनाने के लिए एक सुझाव भेजें। शायद एक नया श्रेणी बनाई जाए - 'ऑलराउंडर-कैटेगरी' - जिसमें ऐसे खिलाड़ियों के लिए अलग नियम हों। ये तो बहुत बेसिक बात है, लेकिन किसी को नहीं सुनना आता। 🤗

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