हरियाणा विधानसभा चुनाव: मुकाबले की स्थिति
हरियाणा विधानसभा चुनाव हमेशा ही देश की राजनीतिक परिदृश्य में खास महत्व रखता है। बीजेपी और कांग्रेस की इस प्रतिद्वंद्विता के बीच राज्य की राजनीति में प्रमुख दांव-पेंच देखने को मिल रहे हैं। हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों के लिए ये चुनाव सीमित समय सीमा में हो रहे हैं, जिससे राज्य की राजनीतिक स्थिति पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है।
विधानसभा चुनावों के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, जिसमें 30,000 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। 225 अर्धसैनिक बलों की कंपनियों की उपस्थिति इस बात का प्रमाण है कि प्रशासन शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए गंभीर है। इस बार 20,632 मतदान केंद्रों पर मतदान प्रकिया की निगरानी के लिए विशेष व्यवस्थाओं के अंतर्गत 507 उड़नदस्ते और 464 निरीक्षण दल सक्रिय हैं।
मुख्य उम्मीदवार और उनकी प्रतिष्ठा
इस चुनावी घमासान में कई प्रमुख उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें मौजूद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (लाडवा) अपनी कुर्सी बचाने की कोशिश में जुटे हैं। इनका मुकाबला प्रमुख विपक्षी नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा (गढ़ी सांपला-किलोई) से है, जो कांग्रेस की ओर से फिर से विजय हासिल करने का मंसूबा पाले हुए हैं। अन्य प्रमुख उम्मीदवारों में दुष्यंत चौटाला (उचाना कलां) और पूर्व ओलंपिक पहलवान व कांग्रेस की उम्मीदवार विनेश फोगाट (जुलाना) शामिल हैं।
इन चुनावों में भारतीय राष्ट्रीय लोकदल के अभय सिंह चौटाला (एलेनाबाद) की उम्मीदवार के रूप में भूमिका हो या जननायक जनता पार्टी के दुष्यंत चौटाला की दावेदारी, हरियाणा की राजनीति में काफी हलचल देखी जा रही है। सभी प्रमुख राजनीतिक दल इसमें अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं।
चुनावी का खास आकर्षण
इस बार के विधानसभा चुनावों में महिलाओं, युवाओं और दिव्यांगजनों की भूमिका को विशेष महत्व दिया गया है। राज्य भर के 115 मतदान केंद्र पूरी तरह से महिला कर्मचारियों द्वारा संचालित किए जा रहे हैं, वहीं 114 बूथ युवाओं द्वारा और 87 बूथ दिव्यांग कर्मचारियों द्वारा संचालित होंगे।
कैम्पेन की धूम
राजनीतिक दलों की तरफ से बड़े-बड़े रैलियों और जनसभाओं की मेजबानी हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी तक सभी बड़े नेता इस चुनाव में हस्तक्षेप कर चुके हैं। जैसे-जैसे उत्तर भारत में हवा का गुलाबी रंग बढ़ रहा है, वैसे ही चुनावी माहौल भी गर्म होता जा रहा है। हर उम्मीदवार अपनी जीत के लिए प्रयत्नशील है और सभी पार्टियों के कार्यकर्ता जोर-शोर से प्रचार कर रहे हैं।
चुनावी भविष्य की दिशा
अगर हम इस चुनाव के नतीजों की बात करें, तो यह निश्चित ही राज्य और देश की राजनीति में बड़ा परिवर्तन ला सकता है। जिस तरह से बीजेपी पिछली दो बार सत्ता में रही है और जिस तरह से कांग्रेस अपने पुराने किले को जीतने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है, उससे लगता है कि इन चुनावों के बाद राज्य की राजनीति में काफी हलचल देखने को मिलेगी।
इस चुनाव में वोटर्स की भूमिका अहम बनी हुई है और वे इस चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाने को तैयार हैं। मतदान शाम 6 बजे तक जारी रहेगा और मतदाता अपने वोट के अधिकार का उपयोग कर राज्य की अगली सरकार का चुनाव करेंगे।