WI vs AUS: T20 में टेस्ट फ्लॉप खिलाड़ियों का जलवा, वेस्टइंडीज की अपनी गलतियों से हार

WI vs AUS: T20 में टेस्ट फ्लॉप खिलाड़ियों का जलवा, वेस्टइंडीज की अपनी गलतियों से हार

WI vs AUS T20: टेस्ट में फ़ेल, T20 में छा गए

कभी-कभी क्रिकेट आपके मिजाज के हिसाब से चलता है। वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहले T20 मुकाबले में यही हुआ। जिन खिलाड़ियों पर टेस्ट फॉर्मेट में सवाल उठते रहे, उन्हीं चेहरों ने T20 में बड़ा कमाल कर दिखाया। खासतौर पर WI vs AUS मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया के मिचेल ओवेन, कैमरन ग्रीन और बेन द्वारशुइस ने मैच का रुख पलट दिया। उनके प्रदर्शन पर हाल तक ज्यादा भरोसा नहीं किया जा रहा था, लेकिन जैसे ही फॉर्मेट बदला, वे गेमचेंजर बन गए।

टेस्ट सीरीज के बाद सभी की नज़र थी कि क्या वही चेहरे फेल होंगे या कुछ नया रंग दिखेगा। लेकिन ओवेन को देखिए, जिन्होंने तेज़ गेंदबाजी से वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों को बांध दिया। कैमरन ग्रीन ने गेंद और बल्ले दोनों से अपनी मौजूदगी दर्ज कराई, जबकि लेफ्ट-आर्म पेसर बेन द्वारशुइस ने डीप में कैच पकड़कर और विकेट लेकर टीम के लिए बड़ी भूमिका निभाई। वैसे, ऑस्ट्रेलिया के लिए यह अनुभव भी था— उन्हें यह खरीद मिला कि लोग फॉर्मेट बदलते ही कितना बदल सकते हैं।

वेस्टइंडीज की चूक, हेटमायर की फाइट

अब बात वेस्टइंडीज की करें तो वहां रणनीति कहीं न कहीं गड़बड़ा गई। Openers ने अच्छी शुरुआत दी, लेकिन मिडल ऑर्डर में लगातार विकेट गिरते चले गए। शिमरोन हेटमायर अकेले डटे रहे। उनके बल्ले से निकली फिफ्टी ने उम्मीद जगाई, लेकिन टीम में साझेदारों की कमी ने हार की पटकथा लिख दी। हेटमायर ने पांचवें T20 में भी बढ़िया बैटिंग की, जिससे साफ है कि वनमैन शो से जीत नहीं मिलती, जब तक टीम का साथ न मिले।

ऑस्ट्रेलिया की जीत में एक अहम फर्क बना गेंदबाजों का सामूहिक प्रदर्शन। आदम ज़म्पा और नाथन एलिस ने वेस्टइंडीज के बड़े हिटर को लगातार दबाव में रखा, और यही पैटर्न अगले मैचों में भी देखा गया। ऑस्ट्रेलिया ने फील्डिंग और कैचिंग में भी कोई गलती नहीं की, जिससे हर छोटे मौके को उन्होंने अपने पक्ष में बदल डाला।

इस सीरीज की सबसे बड़ी सीख यही रही कि क्रिकेट सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं, मौके भुनाने का नाम है। और कभी-कभी टेस्ट में फिसलने वाले खिलाड़ी ही T20 में चमक जाते हैं— बशर्ते टीम रणनीति दुरुस्त हो और मौके का फायदा उठाया जाए।