मैच रिपोर्ट: मुचोवा के सामने वीनस की जुझारू वापसी अधूरी
दो साल के अंतराल के बाद ग्रैंड स्लैम में लौटीं वीनस विलियम्स का सफर US Open 2025 में पहले ही दौर में रुक गया। 45 साल की अमेरिकी दिग्गज सोमवार रात न्यूयॉर्क के आर्थर एश स्टेडियम पर 11वीं वरीय चेक खिलाड़ी कारोलिना मुचोवा से 6-3, 2-6, 6-1 से हार गईं। ठीक दो घंटे तक चले मुकाबले में वीनस ने दूसरे सेट में पुरानी चमक दिखाई, लेकिन निर्णायक सेट में मुचोवा की रफ्तार और सटीकता भारी पड़ी।
यह वीनस की यूएस ओपन में लगातार चौथी पहली राउंड की हार है—उसी टूर्नामेंट में जहां वे कभी दो बार चैंपियन रह चुकी हैं। सात ग्रैंड स्लैम खिताब जीत चुकीं वीनस 2023 के बाद पहली बार किसी मेजर में उतरी थीं। उम्र और लंबी ब्रेक के बावजूद उनका इरादा साफ था: मुकाबले में रहना, रैलियों को लंबा करना, और मौके मिलते ही हमला करना। पर तीसरे सेट में वह ताल बनाए नहीं रख सकीं।
- स्कोर: 6-3, 2-6, 6-1 (मुचोवा)
- समय: 2 घंटे
- स्थल: आर्थर एश स्टेडियम, न्यूयॉर्क
- वीनस की उम्र: 45 वर्ष
- यूएस ओपन में लगातार चौथी बार पहले दौर में बाहर
- ग्रैंड स्लैम खिताब: 7 (यूएस ओपन चैंपियन: 2000, 2001)
पहला सेट मुचोवा ने नियंत्रण में रखा। उन्होंने शुरुआती रैलियों में दिशा बदलकर वीनस के पैरों को काम पर लगाया और रिटर्न पर दबाव बनाया। वीनस की सर्विस गेम्स लंबे खिंचे, लेकिन अहम प्वाइंट्स पर मुचोवा ने गलती कम की और 6-3 से बढ़त बना ली।
दूसरे सेट में तस्वीर पलटी। वीनस ने बेसलाइन से गहराई पाई, पहले ही शॉट से पहल की और एंगल्स खोलकर मुचोवा को रक्षात्मक रखा। तेज सर्विस के साथ उन्होंने छोटे-छोटे रन बनाए और 2-6 से सेट अपने नाम किया। यह पलटवार बता रहा था कि बड़े मंच पर उनका मुकाबला करने का अनुभव अब भी असरदार है।
लेकिन तीसरे सेट में मुचोवा ने गति बढ़ाई। उनकी रिटर्न पोसिशन आगे आई, उन्होंने बैकहैंड क्रॉस-कोर्ट से रैलियां कंट्रोल कीं और वीनस की सर्विस पर लगातार दबाव बनाया। नतीजा, शुरुआती ब्रेक मिला और लय टूटते ही वीनस के लिए वापसी मुश्किल हो गई। 6-1 का स्कोर यही दर्शाता है कि निर्णायक पलों में मुचोवा की स्थिरता और शॉट चयन बेहतर रहे।
यह हार वीनस के हालिया पैटर्न से मेल खाती है—पिछले कुछ वर्षों में वे शुरुआती राउंड में बार-बार अटक रही हैं और 2019 के बाद किसी टूर्नामेंट में लगातार दो मैच जीत नहीं पाई हैं। फिर भी, दो दशक से ज्यादा लंबे करियर में उनका जज्बा कम नहीं हुआ। वे अब भी टूर-स्तरीय फिटनेस, मैच-टेम्पो और मानसिक सख्ती के साथ कोर्ट पर उतरती हैं, फर्क सिर्फ इतना है कि लंबी रैलियों में स्थिरता और रिकवरी पहले जैसी नहीं रहती।
मुचोवा की बात करें तो वे ऑल-कोर्ट गेम के लिए जानी जाती हैं—सटीक रिटर्न, स्लाइस से रैलियों की गति बदलना और मौका मिलते ही नेट का इस्तेमाल। विश्व नंबर 11 के तौर पर उनसे यही उम्मीद थी कि वे लय पकड़ते ही मैच को अपने हिसाब से मोड़ देंगी। निर्णायक सेट में उन्होंने यही किया: अनावश्यक जोखिम कम, टारगेटेड आक्रामकता ज्यादा।
संदर्भ: 45 की उम्र में प्रतिस्पर्धा, रिकॉर्ड और अगला रास्ता
वीनस विलियम्स के लिए यूएस ओपन हमेशा खास रहा है—यहां उन्होंने 2000 और 2001 में खिताब जीते और अमेरिकी हार्ड-कोर्ट सीजन की पहचान तय की। उम्र के उस पड़ाव पर जहां अधिकांश खिलाड़ी संन्यास ले चुके होते हैं, वीनस अब भी सेंटर कोर्ट पर ग्रैंड स्लैम की रोशनी में मुकाबला कर रही हैं। यह चयन आसान नहीं होता: शरीर की सीमाओं के साथ अभ्यास, यात्रा और मैच-टू-मैच रिकवरी बहुत कुछ मांगते हैं।
इस मैच ने यही दिखाया कि वीनस अभी भी सेट पलट सकती हैं, पर तीन सेट की रस्साकशी में ताल बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती है। दूसरे सेट में उन्होंने सर्विस गेम्स को छोटा रखा, पहले शॉट पर कंट्रोल बनाया और आउट-राइट विनर्स निकाले। तीसरे सेट में वही कुंजी—पहला शॉट—कहीं-कहीं ढीला पड़ा और मुचोवा ने उस खिड़की को चौड़ा कर दिया।
लंबे करियर वाले खिलाड़ियों के लिए समय के साथ रणनीति भी बदलती है। रैली की लंबाई घटाना, सर्विस-फर्स्ट टेनिस पर भरोसा, और कोर्ट पोजिशन को आक्रामक रखना—यही रास्ता अक्सर काम आता है। वीनस जब भी इन तीनों चीजों को साथ रख पाती हैं, स्कोरबोर्ड उनकी तरफ झुकता है; जैसे आज दूसरे सेट में हुआ।
यह भी साफ है कि भीड़ अब भी वीनस को देखने आती है—आर्थर एश पर रात के सत्र में उनकी मौजूदगी किसी आयोजन जैसी लगती है। ऐसे माहौल में युवा प्रतिद्वंद्वी भी अपनी सर्वश्रेष्ठ टेनिस निकालती हैं, और मुचोवा ने यह मंच भरपूर इस्तेमाल किया। रैंकिंग और वर्तमान लय की कसौटी पर वे इस मैच की फेवरिट थीं और परिणाम उसी दिशा में गया।
आगे क्या? वीनस के कैलेंडर का फैसला उनके शरीर की प्रतिक्रिया और मैच-फील पर निर्भर करेगा। वे अक्सर हार्ड कोर्ट पर सहज दिखती हैं, पर अब उनके लिए टूर्नामेंट चयन और रिकवरी विंडो सबसे अहम है। छोटे ड्रॉ वाले इवेंट, कम बैक-टू-बैक मैच और लक्षित तैयारी—यही रास्ता उन्हें फिर से मैच जीतने की लय दे सकता है।
मुचोवा दूसरे दौर में पहुंच चुकी हैं और उनका फोकस अब वहीं होगा। उनके लिए लक्ष्य साफ है: फॉर्म को स्थिर रखना, शुरुआती राउंड में समय कम बिताना, और टॉप-10 की मानक सटीकता बनाए रखना। यूएस ओपन की धीमी-तेज मिश्रित सतह पर उनका ऑल-कोर्ट खेल उन्हें आगे भी खतरनाक बनाता है।
वीनस की कहानी का सार आज भी वही है—प्रतिभा, धैर्य और मंच पर उपस्थिति। स्कोरलाइन भले 6-3, 2-6, 6-1 कहे कि यह हार थी, लेकिन दूसरे सेट की चमक याद दिलाती है कि प्रतिस्पर्धा करने की उनकी चाह अभी खत्म नहीं हुई। दो साल बाद मेजर में लौटना अपने आप में बड़ा कदम था; अगला कदम होगा इस लय को मैच-विनिंग पैटर्न में बदलना।
Shruti Singh
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