उर्बन कंपनी की आईपीओ ने 57.5% प्रीमियम से धूम मचाई, शृंगार हाउस व डेव एक्स की शुरुआत

उर्बन कंपनी की आईपीओ ने 57.5% प्रीमियम से धूम मचाई, शृंगार हाउस व डेव एक्स की शुरुआत

जब Urban Company Ltd ने 17 सितंबर 2025 को बोर्‍सम्‍थ (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर अपनी शेयरों की रंगत दिखाई, तो बाजार की धड़कन तेज़ हो गई। यह कंपनी अपने इश्यू प्राइस ₹103 के मुकाबले ₹162.25 पर खुली, यानी 57.5% का प्रीमियम – 2025 की मुख्य‑बोर्ड आईपीओ में अब तक का शिखर। साथ‑साथ Shringar House of Mangalsutra Ltd और Dev Accelerator Ltd ने भी अपनी‑अपनी कीमतों पर ट्रेडिंग शुरू की, पर उनका असर इंट्रोस में थोड़ा अलग रहा।

🔎 पृष्ठभूमि: तीनों कंपनियों का आईपीओ सफ़र

सबसे पहले बात करते हैं उस माहौल की, जिसमें ये आईपीओ लॉन्च हुए। 10 सितंबर 2025 को सबको एंट्री मिल गई, बिडिंग का दशा 22.80‑गुना ओवर‑सब्सक्राइब्ड था – खासकर उर्बन कंपनी के लिए। कंपनी ने 45.8 मिलियन शेयरों की फ्रेश इश्यू (₹472 करोड़) के साथ 138.6 मिलियन शेयरों का ऑफ़र‑फ़ॉर‑सेल (₹1,428 करोड़) भी पेश किया, कुल टोटल ₹1,900 करोड़ का क्लोज़िंग साइज। शृंगार हाउस ने ₹400.95 करोड़ इकठा किए, जबकि डेव एक्स ने मात्र ₹143.35 करोड़ जुटाए।

इन तीनों का इश्यू प्राइस बैंड भी अलग‑अलग था – उर्बन कंपनी ₹98‑₹103, शृंगार हाउस ₹155‑₹165, और डेव एक्स ₹56‑₹61। शुरुआती दिन में ही बिडिंग फिनिश हो गई, जिससे मार्केट में ‘हॉट’ की बूँदें झड़ीं।

📈 लिस्टिंग का पहला दिन: फॉर्मूला और नंबर

बॉम्बे (BSE) और नेशनल (NSE) दोनों एक्सचेंजों पर ट्रेडिंग शुरू हुई मुंबई में। Urban Company Ltd के शेयर ₹162.25 पर खुले, जबकि इश्यू प्राइस ₹103 था – यह 57.5% प्रीमियम का साक्षी बना। शृंगार हाउस के शेयर ₹187.70 पर खुले, यानी 13.75% प्रीमियम, और डेव एक्स के शेयर ₹61.30 पर – लगभग 5% प्रीमियम।

ऐसे प्रीमियम का मतलब सिर्फ शुरुआती उत्साह नहीं, बल्कि कंपनी की भविष्य की कमाई क्षमता पर बाजार की धारणा भी है। उर्बन कंपनी को ‘टेक‑ड्रिवेन होम सर्विसेज़’ में अकेला ऑर्गनाइज़्ड प्लेयर माना जा रहा है, 51 शहरों में मौजूदगी और विदेश में UAE‑सिंगापुर में फुर्तीली एक्सपैंशन इसका बड़ा बिंदु है।

🗣️ विशेषज्ञों की राय: क्यों उर्बन कंपनी चमकी?

बिजनेस स्टैंडर्ड के ‘तपसे’ (नाम गोपनीय) ने कहा, “उर्बन कंपनी का स्ट्रक्चरल ग्रोथ स्टोरी लिस्टिंग गेन के बाद भी निवेशकों के लिए आकर्षक रहेगा।” उन्होंने सुझाव दिया कि जो लोग एलीवेटेड शेयर पाते हैं, उन्हें लम्बे समय के लिए रख लेना चाहिए, जबकि न मिले शेयर वाले लोग ‘वेट‑एंड‑वॉच’ मोड में रहें, ताकि पोस्ट‑लीस्टिंग डिप्स का फायदा उठा सकें।

स्वस्तिका इन्वेस्टमेंट्स ने शृंगार हाउस को ‘सब्सक्राइब’ रेकमेंड किया, क्योंकि इसकी निच‑मार्केट (मांगलसूत्र) में अच्छी वैल्यू प्रोपोजिशन है। वहीं डेव एक्स को ‘अवॉइड’ बताया, क्योंकि उसके P/E रेशियो 233x तक पहुँचा था, जो निवेशकों के लिए जोखिम का संकेत है।

🔧 फंड्स का उपयोग: कंपनियों की योजनाएँ

उर्बन कंपनी ने कहा कि वह फ्रेश इश्यू से जुटाए गए ₹472 करोड़ को नई टेक्नोलॉजी, क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर, ऑफ़िस लीज़, मार्केटिंग और जनरल कॉर्पोरेट जरूरतों में लगा होगा। शृंगार हाउस ने जुटाए पैसे को उत्पादन क्षमता बढ़ाने, नई डिज़ाइन लाइनों और डिजिटल मार्केटिंग में निवेश करने की योजना बनाई। डेव एक्स ने इन्वेस्टमेंट को मौजूदा को‑वर्किंग स्पेसेज़ में अपग्रेड और नए लोकेशन्स में एंट्री के लिए रखा।

🌐 व्यापक प्रभाव: सेक्टर और निवेशकों पर असर

🌐 व्यापक प्रभाव: सेक्टर और निवेशकों पर असर

उर्बन कंपनी की सफलता से भारत में ऑन‑डिमांड सर्विसेज़ के सेक्टर में नई ऊर्जा मिली है। छोटे‑छोटे स्टार्ट‑अप अब अपने फंड‑रेज़िंग में विश्वास रख सकते हैं, क्योंकि इस तरह की हाई‑प्रिमियम लिस्टिंग दिखाती है कि मार्केट में निवेशक अभी भी मजबूत बिज़नेस मॉडल पर ध्यान दे रहे हैं। दूसरी तरफ, डेव एक्स का कमजोर प्रीमियम दर्शाता है कि को‑वर्किंग स्पेसेज़ को अभी भी सतत लाभप्रदता दिखाने में मुश्किल है, खासकर जब रियल एस्टेट कॉस्ट बढ़ रहा है।

शृंगार हाउस की मध्यम प्रीमियम यह संकेत देती है कि निच‑मार्केट में उचित वैल्यूएशन मिल सकती है, बशर्ते कंपनी प्रोडक्ट इनोवेशन और ब्रांडिंग में आगे बढ़े।

🚀 आगे क्या?

आगामी हफ्तों में इन शेयरों की वैल्यू कई कारकों पर निर्भर करेगी – जैसे कि उर्बन कंपनी की नई टेक इनिशिएटिव्स का लॉन्च, शृंगार हाउस की नए कलेक्शन की रिस्पॉन्स, और डेव एक्स की ओक्युपेन्सी रेट में सुधार। एएनएसई और बीएसई का ट्रेडिंग वॉल्यूम भी निवेशकों के मूड को दर्शाएगा। विशेषज्ञों ने कहा कि अगर उर्बन कंपनी अपना वर्तमान ग्रोथ ट्रैक रख पाती है, तो अगले दो साल में उसका मार्केट कैप 10,000 करोड़ से ऊपर जा सकता है।

निवेशकों को सलाह दी जाती है कि उनके पोर्टफ़ोलियो में इस प्रकार के हाई‑ग्रोथ, मध्यम‑ग्रोथ एवं रिस्क‑एडजस्टेड एसेट्स को संतुलित रखें, ताकि मार्केट की अस्थिरता से बचा जा सके।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

उर्बन कंपनी की आईपीओ प्रीमियम निवेशकों के लिए क्या मायने रखती है?

57.5% का प्रीमियम दर्शाता है कि बाज़ार ने कंपनी के भविष्य की कमाई संभावनाओं को बहुत सकारात्मक समझा है। इसका अर्थ है कि शुरुआती दौर में शेयरों की कीमत तेजी से बढ़ सकती है, पर लम्बी अवधि में कंपनी की वास्तविक ग्रोथ और लाभ ही प्रमुख निर्धारक होंगे।

शृंगार हाउस की मध्यम प्रीमियम का कारण क्या है?

शृंगार हाउस का फोकस निच‑मार्केट (मांगलसूत्र) में है, जहाँ ब्रांड वैल्यू और प्रोडक्ट इनोवेशन पर ध्यान दिया जाता है। यह बिन्दु निवेशकों को एक ठोस, लेकिन सीमित स्केल की संभावनाओं की ओर इशारा करता है, इसलिए प्रीमियम 13.75% तक सीमित रहा।

डेव एक्स की कम प्रीमियम से क्या संकेत मिलता है?

डिवी एक्स का 5% से कम प्रीमियम बताता है कि निवेशकों को इसकी अति‑उच्च वैल्यूएशन (P/E 233x) और सीमित प्रॉफिटेबिलिटी से सतर्कता है। को‑वर्किंग सेक्टर में किराया और कैपेक्स बढ़ने की वजह से लाभ मार्जिन दबाव में है, इसलिए बाजार ने कम प्राइस इम्प्लीमेंट किया।

इन आईपीओ के बाद भारतीय स्टॉक मार्केट में क्या बदलाव आ सकते हैं?

उर्बन कंपनी जैसी हाई‑प्रिमियम आईपीओ से निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा, जिससे टेक‑ड्रिवेन सेवाओं में फंडिंग आसान होगी। दूसरी ओर, डेव एक्स जैसे केस से रियल एस्टेट‑टेक स्टार्ट‑अप्स को अपने बिज़नेस मॉडल को और प्रूफ करने की जरूरत पड़ेगी। कुल मिलाकर, मार्केट में वैरायटी और सेक्टरल रिडिस्ट्रिब्यूशन की सम्भावना है।

निवेशक इन शेयरों को कब और कैसे ट्रेड करना चाहिए?

उर्बन कंपनी के शेयरों को लम्बी अवधि के होल्ड पर रखना लाभदायक हो सकता है, जबकि शृंगार हाउस के लिए कीमत में अस्थायी गिरावट पर एंट्री सोचें। डेव एक्स के शेयरों को जाँच‑परख के बाद ही ट्रीड करें, क्योंकि उनका मूल्यांकन अभी भी बहुत संवेदनशील है।

1 Comments

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    Alia Singh

    अक्तूबर 9, 2025 AT 02:33

    उर्बन कंपनी का IPO, 57.5% प्रीमियम के साथ, भारतीय इक्विटी बाजार में एक उल्लेखनीय माइलस्टोन दर्शाता है; यह उच्च मूल्यांकन, कंपनी की तकनीकी क्षमताओं एवं राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय विस्तार योजनाओं का प्रतिबिंब है; निवेशकों के लिए दीर्घकालिक मूल्य सृजन की संभावनाएँ स्पष्ट हैं, इसलिए पोर्टफ़ोलियो में संतुलित एक्सपोज़र बनाए रखना सलाहनीय है।

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