शिवम दुबे: भारत का उभरता हुआ तेज़ गेंदबाज़

अगर आप क्रिकेट फैंस हैं तो नाम सुनते ही "शिवम दुबे" आपका ध्यान खींचेगा। युवा और तेज़ बॉल वाले इस खिलाड़ी ने अभी‑अभी अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपनी पहचान बनाई है, लेकिन साथ ही कुछ विवादों में भी फँसा है। यहाँ हम बात करेंगे कि वह कौन हैं, क्या हुआ था और आगे उनका रास्ता कैसा दिखता है।

आईसीसी के ‘जैसे‑के‑जैसे’ नियम से जुड़ी बहस

शिवम दुबे को सबसे ज्यादा चर्चा में लाने वाला मुद्दा आईसीसी के “जैसे‑के‑जैसे” (Like‑for‑Like) प्रतिस्थापन नियम है। भारत बनाम इंग्लैंड टी20 मैच में, शिवम की जगह हर्षित राणा को भेज दिया गया था क्योंकि शिवम पर चोट का आरोप लगा था। इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर ने इस बदलाव को अनुचित कहा और आईसीसी दिशानिर्देशों को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने तर्क किया कि केवल चोट ही नहीं, खिलाड़ी की भूमिका भी समान होनी चाहिए। यह बात फैंस में तेज़ी से फ़ैल गई और दोनों पक्षों के बीच बहस छिड़ गई।

शिवम दुबे का प्रदर्शन और भविष्य की संभावनाएँ

वास्तविकता यह है कि शिवम ने अभी तक बहुत अधिक अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेले हैं, लेकिन घरेलू सर्किट में उनका रिकॉर्ड आशाजनक दिखता है। तेज़ बॉलिंग, सटीक लाइन‑और‑लेंथ और बैटिंग में भी वह काम कर सकते हैं। अगर उन्हें लगातार खेलने का मौका मिले तो भविष्य में वे टीम के मुख्य पैंचर बन सकते हैं। कोचेज़ ने कहा कि युवा खिलाड़ियों को दबाव में बेहतर बनने के लिए अधिक मैच अनुभव चाहिए, इसलिए यह जरूरी है कि चयनकर्ता उनके विकास पर ध्यान दें।

भविष्य की बात करें तो शिवम दुबे को अभी भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा—इंजरी मैनेजमेंट, टीम संतुलन और बाहरी दबाव। लेकिन अगर वह खुद को फिट रखेंगे और अपनी तकनीक में सुधार करेंगे, तो भारत के तेज़ बॉल विभाग में उनका स्थान पक्की हो सकता है।

फैंस अक्सर पूछते हैं कि क्या वह अगले वर्ल्ड कप तक स्थायी जगह हासिल कर पाएँगे? जवाब सादे शब्दों में: अगर वे लगातार अच्छा खेलेंगे और टीम की जरूरतों को समझेंगे, तो कोई कारण नहीं जिससे उन्हें मौका न मिले।

आप इस टैग पेज पर जुड़ी सभी खबरें पढ़ सकते हैं—जैसे कि "भारत बनाम इंग्लैंड: जोस बटलर की हर्षित राणा के उपयोग पर नाराज़गी" और "क्रिकेट में 'जैसे‑के‑लिए' प्रतिस्थापन नियम: आईसीसी का दिशा-निर्देश और विवाद"। ये लेख आपको पूरी तस्वीर देते हैं कि शिवम दुबे को लेकर क्या चर्चा चल रही है, कौन से पहलुओं पर टीम ने विचार किया है और फैंस की राय क्या है।

अंत में यह कहना सही रहेगा कि हर खिलाड़ी का सफ़र उतार‑चढ़ाव से भरा होता है। शिवम दुबे भी इस खेल के नियमों, चयन प्रक्रिया और व्यक्तिगत प्रदर्शन के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रहे हैं। आप इन खबरों को फ़ॉलो करके उनके विकास की राह देख सकते हैं और कभी‑कभी अपने विचार कमेंट सेक्शन में जोड़ सकते हैं।

सूर्यकुमार यादव और शिवम दुबे ने SMAT में लगाई चौकों-छक्कों की झड़ी

सूर्यकुमार यादव और शिवम दुबे ने SMAT में लगाई चौकों-छक्कों की झड़ी

मुंबई के बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव और शिवम दुबे ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन करते हुए साझेदारी में 130 रन बनाए। इसने उनकी टीम को 192/4 का स्कोर स्थापित करने में सहायता की। दुबे विशेष रूप से प्रभावशाली थे, उन्होंने 37 गेंदों में 71 रन बिना आउट हुए बनाए। उनकी इस साझेदारी ने शुरुआती झटकों के बाद टीम को मजबूत किया। दोनों खिलाड़ियों ने आईपीएल 2025 से पहले सकारात्मक संकेत दिए।

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