जेवलिन थ्रो: क्रिकेट में नई बॉलिंग तकनीक के बारे में सब कुछ

क्या आपने कभी सोचा है कि गेंद को कैसे ऐसा घुमाया जाए कि बल्लेबाज़ उलझन में पड़ जाये? यही तो जेवालिन थ्रो का मकसद है। नाम सुनकर लगता है जैसे जेली जैसी लचीलापन हो, लेकिन असल में यह एक विशेष ग्रिप और रिलीज़ तकनीक है जो स्पिन को बढ़ाती है। इस लेख में हम इसे समझेंगे, अभ्यास के टिप्स देंगे और ताजा खबरें भी देखेंगे कि कौन-कौन इस स्टाइल का उपयोग कर रहा है।

जेवालिन थ्रो कैसे करें?

सबसे पहले गेंद की पकड़ पर ध्यान दें। अंगूठा और उँगलियों को थोड़ा अलग जगह रखिए, जैसे आप जेली में से एक छोटा टुकड़ा निकाल रहे हों। फिर कलाई को लचीला बनाइए, बहुत तेज़ नहीं बल्कि धीरे-धीरे रिलीज़ करें। इस समय शरीर का संतुलन अहम है – आगे झुके बिना, कंधे और कूल्हे के बीच सही दूरी रखें। पहला अभ्यास 10‑15 बार हल्के फेंक से शुरू करें, फिर गति बढ़ाएँ।

व्यावहारिक टिप्स और आम गलतियाँ

1. अधिक रिफ़्रेशमेंट – शुरुआती लोग बहुत ज़्यादा स्पिन पाने के लिए कलाई को जकड़ देते हैं, जिससे गेंद में असमान गति आती है। आराम से फेंकेँ, फिर धीरे‑धीरे बढ़ाएँ। 2. ड्रॉप शॉट का दुरुपयोग – बल्लेबाज़ अक्सर थ्रो की लचीलापन देखकर डिफेंसिव शॉट चुनते हैं, लेकिन आप रैली के साथ छोटे बाउंस जोड़ें ताकि वे अनुमान न लगा पाएं। 3. कौशल को नियमित बनाइए – हफ़्ते में दो‑तीन बार 30 मिनट प्रैक्टिस करें, वीडियो रिकॉर्ड करके अपनी ग्रिप और रिलीज़ देखिए। सुधार तुरंत दिखेगा।

अभी कई युवा स्पिनर इस तकनीक को अपनाकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जगह बना रहे हैं। उदाहरण के तौर पर, भारतीय लीग में एक उभरता बॉलर ने पिछले मैच में जेवालिन थ्रो से 3 विकेट लिये थे और दर्शकों का दिल जीत लिया। यह दिखाता है कि सही अभ्यास और समझ से कोई भी इस स्टाइल को मास्टर कर सकता है।

अगर आप अपने गेंदबाज़ी रूटीन में नया तड़का लगाना चाहते हैं, तो जेवालिन थ्रो एक बढ़िया विकल्प है। याद रखें – लचीलापन, संतुलन और लगातार प्रैक्टिस ही इस तकनीक को सफल बनाते हैं। अगली बार जब बॉल फेंकेँ, तो इन बातों को ज़रूर ध्यान में रखिए और देखें कैसे आपका स्पिन खेल बदलता है।

नीरज चोपड़ा ने पहले ही थ्रो में किया पेरिस ओलंपिक्स के फाइनल में क्वालीफाई: 89.34 मीटर का शानदार प्रदर्शन

नीरज चोपड़ा ने पहले ही थ्रो में किया पेरिस ओलंपिक्स के फाइनल में क्वालीफाई: 89.34 मीटर का शानदार प्रदर्शन

ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा ने पेरिस ओलंपिक्स के पुरुषों की जेवलिन थ्रो फाइनल में पहले ही थ्रो में 89.34 मीटर की अद्भुत दूरी तय कर क्वालीफाई किया। नीरज का यह थ्रो उनके सीजन का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था और इससे उन्होंने स्वत: क्वालीफिकेशन मार्क 84 मीटर को पार कर लिया। यह थ्रो उनके करियर का दूसरा सबसे अच्छा थ्रो भी था।

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