ड्रिक पंचांग – आपका दैनिक तिथि गाइड

जब हम ड्रिक पंचांग, भारतीय वैदिक कैलेंडर में दिन, तिथि, नक्षत्र और समय‑संधि को एक साथ दिखाने वाला उपकरण, निर्दिष्ट पंचांग का उपयोग करते हैं, तो तुरंत हमारे दैनिक योजना में आसानी आती है। यह कैलेंडर पंचांग, सूर्य, चंद्र और नक्षत्र की गति पर आधारित विस्तृत समय‑तालिका का विस्तारित रूप है, जो सीधे तिथि, राहु काल और शुभ मुहूर्त से जुड़ी महत्त्वपूर्ण जानकारी देता है।

ड्रिक पंचांग राहु काल को स्पष्ट रूप से चिन्हित करता है, जिससे आप जानते हैं कि कब महत्वपूर्ण कार्य शुरू करना बेहतर नहीं है। साथ ही, यह शुभ मुहूर्त, सफलता और सौभाग्य के लिए सर्वश्रेष्ठ समय‑खेड़ा भी दिखाता है, जिससे शादी, व्यवसायिक मीटिंग या कोई भी पूजा‑अर्चना सही समय पर हो सके। और अगर आप शश्ठी तिथि की बात करें, तो यह विशेष तिथि शश्ठी तिथि, शश्ठी (विष्णु) की पूजा के लिये निर्धारित पवित्र दिन ड्रिक पंचांग में प्रमुखता से दिखती है, जिससे धार्मिक अनुष्ठान बिना गलती के हो पाते हैं।

ड्रिक पंचांग के प्रमुख घटक और उनका उपयोग

ड्रिक पंचांग तीन मुख्य तत्वों पर आधारित है: तिथि, नक्षत्र और योग। तिथि रोज़ बदलती है, इसलिए हर दिन नया पंचांग पढ़ना ज़रूरी है। नक्षत्र आपके जन्म के आधार पर व्यक्तित्व और भाग्य की झलक देता है, जबकि योग (समय‑संधि) दैनिक कार्यों के लिये उचित समय तय करता है। इन सबको एक साथ देखना मुश्किल लग सकता है, लेकिन ड्रिक पंचांग का इंटरफेस इसे एक ही स्क्रीन पर समेट देता है, जिससे आप तेज़ी से निर्णय ले सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, यदि आज शश्ठी तिथि है और राहु काल नहीं लग रहा, तो आप तुरंत शश्ठी व्रत शुरू कर सकते हैं, जबकि शुभ मुहूर्त का चयन करके कोई भी नई योजना शुरू कर सकते हैं।

इसके अलावा, ड्रिक पंचांग व्यावसायिक लोगों के लिये भी काम आता है। कई कारोबारियों ने बताया है कि राहु काल में बड़े निवेश या उच्च‑स्तर की मीटिंग से बचना फायदेमंद रहा। वही, शुभ मुहूर्त में नई प्रतिज्ञा या अनुबंध करने से सौदा जल्दी पूरा हो जाता है। यही कारण है कि यह पंचांग न केवल धार्मिक, बल्कि आर्थिक और सामाजिक जीवन में भी उपयोगी है।

आज के हालिया अपडेट में, 12 अक्टूबर 2025 का रविवार पंचांग शश्ठी तिथि, राहु काल और स्कंद शश्ठी व्रत के शुभ मुहूर्त को दर्शाता है। इसका मतलब है कि उस दिन व्यापारिक लेन‑देन और धार्मिक अनुष्ठान दोनों का सही समय तय किया जा सकता है। इसी तरह की जानकारी हर दिन ड्रिक पंचांग में उपलब्ध होती है, जिससे आप अपना शेड्यूल बिना किसी उलझन के बना सकते हैं।

ड्रिक पंचांग को पढ़ने के लिये आपको केवल एक डिवाइस चाहिए—फोन या कंप्यूटर। अधिकांश साइटें मुफ्त में उपलब्ध हैं, और हर दिन के लिए अपडेटेड डेटा दिखाती हैं। यदि आप नियमित रूप से इस टूल का इस्तेमाल करेंगे, तो आप जीवन के छोटे‑छोटे फैसलों में भी आत्मविश्वास महसूस करेंगे। नीचे दिए गए लेखों में आप विभिन्न तिथियों के विशिष्ट विवरण, राहु काल की अवधि, और शुभ मुहूर्त के चयन के बारे में गहराई से पढ़ सकते हैं।

तो चलिए, नीचे हमारे संग्रहित लेखों में डुबकी लगाते हैं और ड्रिक पंचांग से जुड़ी हर जानकारी को समझते हैं—चाहे वह शश्ठी तिथि हो, या राहु काल का सही प्रयोग, या फिर सफलता के लिये शुभ मुहूर्त। ये लेख आपके दैनिक निर्णयों को सटीक और सहज बनाएंगे।

अहोई अष्टमी 2025 की तिथि, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त – क्या है सही दिन?

अहोई अष्टमी 2025 की तिथि, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त – क्या है सही दिन?

अहोई अष्टमी 2025 का मुख्य व्रत 13 अक्टूबर को है, पूजा का मुहूर्त 5:53‑7:08 PM IST है। माताओं के लिए यह स्वास्थ्य, समृद्धि और आशीर्वाद का प्रतीक है।

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