चैत्र नवरात्रि 2025 – तिथि, रिवाज और पूजा विधि

जब चैत्र नवरात्रि 2025, एक आद्यशक्ति का नवरात्रि पर्व है जो बसंत के शुरू में मनाया जाता है, Also known as वसंत नवरात्रि आती है, तो घर‑घर में आध्यात्मिक ऊर्जा गरम हो जाती है। यह उत्सव माँ ब्रह्मचारिणी को समर्पित है, और दो‑तीन मुख्य तत्वों के इर्द‑गिर्द घूमता है – रिवाज, रंग और अनुष्ठान। नीचे हम इन प्रमुख तत्वों को समझेंगे ताकि आप नवरात्रि की तैयारियों में चूक न करें।

पहला प्रमुख घटक है माँ ब्रह्मचारिणी, नवरात्रि की पहली देवी, जो शुद्धता और ऊर्जा का प्रतीक है, Also known as पहली देवी। उनका पूजन नवरात्रि के दूसरे दिन से शुरू होता है, जिसमें जल, दूध, दही और शहद से अभिषेक किया जाता है। इस अनुष्ठान में शक्कर का भोग भी महत्वपूर्ण है क्योंकि मिठास जीवन में शांति लाता है। एक स्पष्ट समान्य विविधता यह है कि माँ ब्रह्मचारिणी के मंत्रों को दोहराते समय मन की शांति को महसूस किया जा सकता है।

दूसरा महत्वपूर्ण तत्व सफेद रंग, शुद्धता और पवित्रता का रंग, जो नवरात्रि में विशेष महत्व रखता है, Also known as नीति रंग है। इस दिन भक्त इदली कपड़े पहनते हैं, सफेद फूल अर्पित करते हैं और घर के द्वार को सफेद कपड़ों से सजाते हैं। सफेद रंग न केवल बाहरी रूप में शांति लाता है, बल्कि आंतरिक रूप से तनाव को कम कर आत्मा को हल्का बनाता है। कई परिवारों में सफेद रंग को बनाते समय, विशेष गहनों के साथ मिलाकर, एक सामुदायिक समारोह भी आयोजित होता है।

पूजा विधि, अनुष्ठान और दैनिक रिवाज़ें

तीसरा मुख्य कड़ी पूजा विधि, विस्तृत चरण जिनमें जल, दूध, दही, शहद, शक्कर और मंत्र शामिल हैं, Also known as रिवाज़ है। सामान्यतः पूजा की शुरुआत शुद्ध जल से की जाती है, फिर लोग माँ ब्रह्मचारिणी को जल, दूध, दही और शहद का अभिषेक करते हैं। शक्कर के भोग के बाद मंत्रजप किया जाता है, जिससे आध्यात्मिक शक्ति सक्रिय होती है। इस प्रक्रिया में घर के सभी सदस्य मिलकर भाग लेते हैं, जिससे सामूहिक भावना बढ़ती है। निश्चित रूप से, यह रिवाज़ न केवल धार्मिक समागम है, बल्कि परिवारिक बंधनों को मजबूत करने का साधन भी है।

इन तीन प्रमुख तत्वों – माँ ब्रह्मचारिणी, सफेद रंग और पूजा विधि – के बीच एक स्वाभाविक समानता है: सभी का लक्ष्य मन को शुद्ध करना और ऊर्जा को सकारात्मक दिशा देना। आध्यात्मिक शक्ति, नवरात्रि के दौरान उत्पन्न होने वाली सकारात्मक ऊर्जा, जो जीवन को सशक्त बनाती है इस संयोग से उत्पन्न होती है। जब आप उपरोक्त रिवाज़ों को ठीक से अपनाते हैं, तो न केवल उत्सव का आनंद मिल जाता है, बल्कि वैराग्य और शांति का अनुभव भी होता है।

अब नीचे आप हमारे चुने हुए लेखों की सूची देखेंगे, जहाँ हम विभिन्न दृष्टिकोणों से चैत्र नवरात्रि 2025 की जानकारी, तैयारी के सुझाव और वर्तमान परिस्थितियों में प्रासंगिक अंतर्दृष्टि प्रस्तुत करते हैं। इन लेखों में विस्तृत रिवाज़, जीवन शैली के बदलाव और सामाजिक प्रभावों की चर्चा होगी, जो इस उत्सव को और भी समृद्ध बनाता है।

चैत्र नवरात्रि 2025: शुभ घाटस्थापना का शुभ मुहूर्त और पूजा का पूरा कार्यक्रम

चैत्र नवरात्रि 2025: शुभ घाटस्थापना का शुभ मुहूर्त और पूजा का पूरा कार्यक्रम

चैत्र नवरात्रि 2025 कल (30 मार्च) से शुरू होकर 7 अप्रैल तक चलेगी। पहला दिन शैलपुत्री की पूजा के साथ सुबह घाटस्थापना का शुभ मुहूर्त रहेगा। नौ दिनों में दुर्गा के विभिन्न रूपों की अलग‑अलग पूजा होगी, जिसमें अस्सी और कन्यापूजन भी शामिल हैं। यह त्योहार हिंदू नए वर्ष की शुरुआत और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। उत्सव के दौरान प्रसाद, उपवास और विशेष रिवाज़ों की पूरी जानकारी यहाँ पढ़ें।

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