AI privacy – आपका डेटा कैसे सुरक्षित रखें?

आजकल हर ऐप, हर वेबसाइट AI इस्तेमाल करके आपके पसंद‑नापसंद, लोकेशन और यहां तक कि आपके चेहरे तक पढ़ती है। यह सब एक ही सवाल उठाता है – क्या आपका निजी डेटा सुरक्षित है? हम इस लेख में AI privacy के मुख्य पहलुओं को सरल शब्दों में समझेंगे और व्यावहारिक टिप्स देंगे, जिससे आप ऑनलाइन खुद को सुरक्षित रख सकें।

AI कैसे डेटा एकत्र करता है?

AI सिस्टम को काम करने के लिए बड़े‑बड़े डेटा सेट चाहिए होते हैं। ये डेटा अक्सर आपके फोन, कंप्यूटर या ब्राउज़र से स्वतः ही ले लिये जाते हैं। उदाहरण के तौर पर, सिरी या गूगल असिस्टेंट आपके बोली गई बातें सुनते हैं, फेसबुक आपके लाइक्स और कमेंट्स को नोट करता है, और शॉपिंग साइटें आपके ब्राउज़िंग हिस्ट्री को ट्रैक करती हैं। इन सभी जानकारी को एक जगह जमा किया जाता है, जहाँ AI मॉडल सीखता है और भविष्य में बेहतर सुझाव देता है।

डेटा एकत्रण के दो प्रमुख तरीके होते हैं – सक्रिय और निष्क्रिय। सक्रिय डेटा वह है जिसे आप खुद देते हैं, जैसे फॉर्म भरना या प्रोफ़ाइल में फोटो अपलोड करना। निष्क्रिय डेटा वह है जो बिना आपके स्पष्ट अनुमति के पृष्ठभूमि में इकट्ठा होता है, जैसे कूकीज़, आईपी एड्रेस या डिवाइस फ़िंगरप्रिंट। दोनों ही डेटा का दुरुपयोग हो सकता है अगर सही सुरक्षा न हो।

गोपनीयता के जोखिम और बचाव के उपाय

AI के कारण आप कई प्रकार के जोखिमों का सामना कर सकते हैं – आपके व्यक्तिगत फोटो का दुरुपयोग, आपका लोकेशन कोई अनजान व्यक्ति के पास पहुंच जाना, या आपके ऑनलाइन व्यवहार का बेवकूफी‑भरा विज्ञापन में बदल जाना। ये सब तब होते हैं जब कंपनी अपने प्राइवेसी पॉलिसी का पालन नहीं करती या डेटा को एन्क्रिप्ट नहीं करती।

**व्यवहारिक बचाव उपाय:**

  • परमीशन चेक करें: मोबाइल ऐप्स को इंस्टॉल करने से पहले उनके परमीशन देखें। केवल वही परमिशन दें जो जरूरी हो।
  • कुकीज़ मैनेज करें: ब्राउज़र सेटिंग्स में कूकीज़ को ब्लॉक या डिलीट करने का विकल्प होता है। बार‑बार कूकीज़ क्लियर करने से ट्रैकिंग कम होती है।
  • दो‑स्तरीय प्रमाणीकरण (2FA) लगाएँ: यदि आपका अकाउंट हैक हो जाता है, तो 2FA अतिरिक्त सुरक्षा देता है।
  • डेटा एन्क्रिप्शन उपयोग करें: वॉट्सऐप, सिग्नल जैसे एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप्स चुनें।
  • प्राइवेसी पॉलिसी पढ़ें: कंपनियाँ अक्सर बड़े शब्दों में लिखती हैं। मुख्य बिंदु – डेटा कहाँ स्टोर होता है, कितने समय तक रहता है, और किसे शेयर किया जाता है – समझें।

इन छोटे‑छोटे कदमों से आप अपने डेटा की सुरक्षा में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। याद रखें, AI खुद नहीं सारा बुरा नहीं करता, लेकिन उसका इस्तेमाल सही तरीके से होना चाहिए।

अगर आप अभी भी चिंतित हैं, तो एक भरोसेमंद VPN इस्तेमाल करें। VPN आपके इंटरनेट ट्रैफ़िक को एन्क्रिप्ट करता है, जिससे हैकर और विज्ञापन नेटवर्क आपके ऑनलाइन एक्टिविटी को नहीं देख पाते। साथ ही, समय‑समय पर अपने सोशल प्रोफ़ाइल की सेटिंग्स रिव्यू करें और अनावश्यक जानकारी हटाएं।

AI privacy का मतलब सिर्फ तकनीकी सुरक्षा नहीं, बल्कि आपकी डिजिटल पहचान को समझदारी से प्रबंधित करना भी है। जब आप खुद को सुरक्षित रखने में सक्रिय होते हैं, तो AI आपके लिए एक सहायक टूल बन जाता है, न कि खतरा। इस समझ के साथ आप ऑनलाइन बेहतर और सुरक्षित जीवन जी सकते हैं।

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