S-400 मिसाइल सिस्टम पर पाकिस्तानी दावों को PM मोदी ने आदमपुर एयरबेस पर किया बेनकाब

S-400 मिसाइल सिस्टम पर पाकिस्तानी दावों को PM मोदी ने आदमपुर एयरबेस पर किया बेनकाब

आदमपुर एयरबेस पर S-400 की दमदार मौजूदगी

जब प्रधानमंत्री मोदी 13 मई 2025 को पंजाब के आदमपुर एयरबेस पहुँचे, तो वहां एक तस्वीर ने सारी सुर्खियाँ बटोर ली—उनके पीछे पूरी तरह से S-400 ट्रायम्फ एयर डिफेंस सिस्टम तैनात था, बिल्कुल ठीक-ठाक हालत में। यही वो सिस्टम है जिसे लेकर पाकिस्तान दावा कर रहा था कि उसने भारतीय मिसाइल डिफेंस को पूरी तरह नष्ट कर दिया है। मोदी के इस दौरे से सारी सच्चाई सबके सामने आ गई।

पिछले कुछ हफ्तों में ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने पाकिस्तानी आक्रामकता का करारा जवाब दिया था। इसी दौरान S-400 ने उत्तरी और पश्चिमी भारत की हवाई सुरक्षा में अहम भूमिका निभाई थी। ये मिसाइल सिस्टम जम्मू, पंजाब, राजस्थान और गुजरात जैसे रणनीतिक इलाकों में पहले ही तैनात थे। S-400 ने न सिर्फ पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइलों को कामयाबी से मार गिराया, बल्कि श्रीनगर, पठानकोट, चंडीगढ़ और भुज तक के इलाकों को सुरक्षित रखा।

S-400 की खासियत इस बात में है कि यह 600 किलोमीटर दूर से ही अपने टारगेट पर नज़र रख सकता है और 400 किलोमीटर की रेंज तक दुश्मन को ढेर कर सकता है। एक साथ 36 टारगेट को ट्रैक करना और अलग-अलग मिसाइलों से जवाब देना इसे और भी खास बनाता है। यही वजह है कि पाकिस्तान के 'सिस्टम तबाह' करने वाले दावे की हकीकत आदमपुर में सबके सामने आ गई। पीएम मोदी का वहां मौजूद रहना, मानो पाकिस्तान को सीधा जवाब देना था कि 'हमारी तकनीक और सुरक्षा दीवार अभी कायम है।'

हमला-रोधी रणनीति हुई और मज़बूत

हमला-रोधी रणनीति हुई और मज़बूत

पीएम मोदी ने दौरे के दौरान 'लक्ष्मण रेखा' की बात भी की, यानी दुश्मनों के लिए एक साफ चेतावनी कि भारत की सरहद लांघने की कोशिश अब सस्ती नहीं पड़ेगी। आदमपुर का दौरा सिर्फ सुरक्षा निरीक्षण नहीं था, बल्कि पड़ोसी देशों को एक स्पष्ट संदेश देने का तरीका भी।

भारत ने हाल ही में रूस से 5 अरब डॉलर की डील के तहत 5 S-400 यूनिट्स खरीदने पर सहमति जताई थी। अब खबर है कि और यूनिट्स के लिए बातचीत आगे बढ़ गई है। इसका मतलब ये है कि आने वाले महीनों में देश की हवाई रक्षा और भी मजबूत हो जाएगी। S-400 भारत की मल्टी-लेयर्ड एयर डिफेंस स्ट्रैटेजी का हिस्सा हैं, जिससे कई शहरों और सैन्य ठिकानों को एक साथ सुरक्षा मिलती है।

इस सिस्टम की ताकत ने भारत को न सिर्फ सैन्य बढ़त दी है, बल्कि सार्वजनिक तौर पर भी विश्वास बढ़ाया है कि तकनीकी और रणनीतिक रूप से देश पूरी तरह तैयार है। मोदी की मौजूदगी ने यही दिखा दिया कि खतरों को लेकर भारत अब सिर्फ बयानबाज़ी नहीं, ठोस तैयारी के साथ हर मोर्चे पर खड़ा है।

10 Comments

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    Prakash chandra Damor

    मई 15, 2025 AT 11:07

    S-400 वाली तस्वीर देखकर लगा जैसे कोई बड़ा बैलेंस बन गया है अब पाकिस्तान के लिए

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    Rohit verma

    मई 15, 2025 AT 20:56

    असल में ये तो बस एक तस्वीर थी लेकिन इसने दुनिया को एक नया संदेश दे दिया 😊

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    Arya Murthi

    मई 17, 2025 AT 02:15

    पाकिस्तान जब ड्रोन भेजता है तो हमारे S-400 उसे देखकर हंस देते हैं... फिर उड़ा देते हैं। ये बात बस इतनी ही है।

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    tejas cj

    मई 17, 2025 AT 20:43

    अरे भाई ये सब नाटक है... S-400 तो रूसी चीज है और रूस खुद यूक्रेन में फंसा हुआ है। ये बस एक बड़ी लकड़ी का ढांचा है।

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    harsh raj

    मई 18, 2025 AT 12:52

    ये बात तो सच है कि S-400 ने हवाई सुरक्षा का खेल बदल दिया है। 600 किमी रेंज के साथ ये एक ऐसा शील्ड है जिसे दुनिया में कोई और नहीं बना सकता। पाकिस्तान के जो दावे थे वो अब सिर्फ एक याद बन गए हैं। ये सिस्टम सिर्फ मिसाइल नहीं बल्कि एक भावना है - भारत की अडिगता की।


    हमने इसे सिर्फ खरीदा नहीं, बल्कि इसके साथ एक नई सोच भी अपनाई है - डर के बजाय तैयारी। अब कोई भी बयान देकर नहीं, बल्कि इसकी उपस्थिति से भारत की शक्ति का अहसास होता है।


    जिन लोगों को लगता है कि ये सब सिर्फ टेक्नोलॉजी का मामला है, वो गलत हैं। ये रणनीति का परिणाम है, जिसमें देश के नेतृत्व ने दीर्घकालिक निर्णय लिए।


    इसके बाद अब कोई भी ड्रोन या बैलिस्टिक मिसाइल लेकर आएगा तो उसके लिए ये सिर्फ एक गहरी चिंता होगी।


    हमने जो रणनीति बनाई है वो केवल रक्षा नहीं, बल्कि रोकथाम की है। और इसकी वजह से आज हमारे बच्चे शांति से सो सकते हैं।


    अगर आप इसे बस एक मिसाइल सिस्टम समझते हैं तो आप इसकी गहराई नहीं देख पा रहे। ये एक नए युग की शुरुआत है - जहां शक्ति दिखाई जाती है, बयान नहीं।


    मोदी जी की आदमपुर की यात्रा ने दुनिया को ये समझाया कि भारत अब नहीं बोलेगा, बल्कि दिखाएगा।

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    Chandrasekhar Babu

    मई 20, 2025 AT 07:31

    सिस्टम के लिए 5 अरब डॉलर का निवेश एक विशिष्ट स्ट्रैटेजिक एक्सपेंडिचर है जिसका आर्किटेक्चर एयर डिफेंस नेटवर्क के लिए एक डिफेंस-इन-डेप्थ आर्किटेक्चर बनाता है।


    इसकी एंटी-एयरक्राफ्ट वैल्यू और एंटी-बैलिस्टिक कैपेबिलिटी के साथ ये एक इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस सिस्टम (IADS) का एक आधार है।

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    Pooja Mishra

    मई 21, 2025 AT 02:25

    लेकिन आप सब भूल रहे हो कि ये सब तो बस नाटक है! जब तक हम अपने अंदर की आतंकवादी सोच को नहीं बदलेंगे, तब तक कोई मिसाइल सुरक्षा नहीं बचाएगी। आप लोग तो बस बाहरी शक्ति को दिखाने में व्यस्त हो।

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    Debakanta Singha

    मई 22, 2025 AT 15:37

    मोदी जी की तस्वीर देखकर लगा जैसे कोई बड़ा दीवार खड़ा हो गया है। पाकिस्तान को अब ड्रोन भेजने के बजाय शांति का रास्ता चुनना चाहिए।

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    Manu Metan Lian

    मई 22, 2025 AT 20:58

    यहाँ एक बहुत बड़ी गलती है - आप सब तकनीकी शक्ति को राष्ट्रीय गर्व का साधन बना रहे हैं। लेकिन जब तक हमारे अंदर न्याय, शिक्षा और विकास की ताकत नहीं होगी, तब तक ये सब बस एक नाटक है। आप अपने आप को दिखाने के लिए अपने लोगों को भूल रहे हैं।

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    swetha priyadarshni

    मई 24, 2025 AT 02:11

    सच तो ये है कि S-400 की ताकत के बारे में बहुत कुछ लिखा गया है, लेकिन इसके पीछे का इतिहास ज्यादा दिलचस्प है। रूस ने इसे भारत को देने के लिए अपने अपने सैन्य बजट को भी बदल दिया था - ये एक अनूठी विश्वास की बात है।


    पाकिस्तान जब कहता है कि उसने S-400 को नष्ट कर दिया, तो उसका मतलब है कि वह इसकी ताकत को समझ नहीं पा रहा।


    इसके अलावा, ये सिस्टम सिर्फ एक बार नहीं, बल्कि बार-बार अपनी ताकत दिखाता है - जब भी कोई ड्रोन या मिसाइल आती है।


    हमारे यहाँ कुछ लोग यही कहते हैं कि ये सब बस नाटक है, लेकिन अगर आप गुजरात, राजस्थान या पंजाब में रहते हैं, तो आप जानते हैं कि ये नाटक नहीं, जीवन है।


    इस तरह की तकनीक के बाद अब हमारे बच्चे अपने सपनों को अलग तरह से देख सकते हैं - न कि डर के साथ, बल्कि आशा के साथ।


    और ये वो आशा है जो किसी तस्वीर में नहीं, बल्कि हर दिन के जीवन में बसती है।

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