रवि बिश्नोई ने पाली में बहन की ANM नियुक्ति में निभाई बड़ी भूमिका, सीएमएचओ और प्रशंसकों की भी रही मौजूदगी

रवि बिश्नोई ने पाली में बहन की ANM नियुक्ति में निभाई बड़ी भूमिका, सीएमएचओ और प्रशंसकों की भी रही मौजूदगी

रवि बिश्नोई ने बहन की सफलता में दिया साथ

भारतीय क्रिकेटर रवि बिश्नोई का नाम जैसे ही सुनाई देता है, खेल प्रशंसकों के चेहरे पर चमक आ जाती है। लेकिन इस बार वह चर्चा में क्रिकेट मैदान को लेकर नहीं, बल्कि पारिवारिक सहयोग और बहन की कामयाबी के चलते आए। पाली, राजस्थान में रवि ने अपनी बहन की ANM (ऑक्सिलियरी नर्स मिडवाइफ) के पद पर नियुक्ति में खास भूमिका निभाई। पारिवारिक दायित्वों को निभाते हुए, रवि खुद अपनी बहन को लेकर जिला हॉस्पिटल पहुंचे, जहां उनकी जॉइनिंग प्रक्रिया पूरी हुई।

इस मौके पर पाली के सीएमएचओ समेत स्वास्थ्य विभाग के तमाम बड़े अधिकारी मौजूद थे। रवि के वहां पहुँचने की जानकारी मिलते ही अस्पताल परिसर में दर्जनों की तादाद में लोग और क्रिकेट प्रशंसक जमा हो गए। सभी ने रवि के साथ-साथ उनकी बहन को भी बधाई दी। खुद रवि ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि परिवार में किसी की ऐसी उपलब्धि पर गर्व करना चाहिए और पूरा साथ देना चाहिए।

स्थानीय स्वास्थ्य तंत्र में भी दिखा उत्साह

स्थानीय स्वास्थ्य तंत्र में भी दिखा उत्साह

रवि बिश्नोई की बहन की ANM पद पर नियुक्ति को स्थानीय स्वास्थ्य तंत्र ने भी सराहा। अस्पताल के अधिकारी साफ कह रहे थे कि ऐसे मौकों से न केवल युवाओं को प्रोत्साहन मिलता है, बल्कि समाज में बेटियों की शिक्षा और करियर को लेकर सकारात्मक सोच भी बढ़ती है।

ANM पद के लिए चयन पूरी तरह से पारदर्शी प्रक्रिया के तहत हुआ था। रवि की बहन के लिए भी बड़े संघर्ष और तैयारी का सफर रहा। जब उनकी नियुक्ति संबंधी कागजी प्रक्रिया पूरी हुई, तो रवि खासतौर पर उसके साथ रहने पहुंचे। यह सिर्फ एक जॉइनिंग नहीं थी, बल्कि एक संदेश भी था—चाहे कोई भी मुकाम हो, परिवार और दोस्तों का साथ सबसे जरूरी है।

  • रवि ने स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ मिलकर बहन की जॉइनिंग प्रक्रिया में सहयोग किया।
  • आसपास के ग्रामीण और युवा रवि को अपने बीच देख काफी उत्साहित नजर आए।
  • पूरे आयोजन में अनुशासन और पारिवारिक अपनापन का शानदार माहौल दिखा।

रवि बिश्नोई जैसे युवा खिलाड़ियों का अपने परिवार और सामाजिक जिम्मेदारियों में सक्रिय रहना युवाओं के लिए मिसाल है। पाली का यह आयोजन सिर्फ एक नियुक्ति का मौका नहीं रहा, बल्कि क्रिकेटर की निजी जिंदगी में संवेदनशीलता और जिम्मेदारी का खूबसूरत उदाहरण बन गया।