PM मोदी का G7 शिखर सम्मेलन में इटली की प्रधानमंत्री जोर्जिया मेलोनी के साथ वायरल सेल्फी वीडियो पर प्रतिक्रिया

PM मोदी का G7 शिखर सम्मेलन में इटली की प्रधानमंत्री जोर्जिया मेलोनी के साथ वायरल सेल्फी वीडियो पर प्रतिक्रिया

PM मोदी का G7 शिखर सम्मेलन में बड़े स्वागत के बीच आगमन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इटली के अपुलिया क्षेत्र में आयोजित G7 शिखर सम्मेलन में भाग लिया, जो उनके तीसरे कार्यकाल के पहले विदेशी दौरे का हिस्सा था। इटली की प्रधानमंत्री जोर्जिया मेलोनी ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया। इस शिखर सम्मेलन के दौरान मोदी और मेलोनी की एक सेल्फी भी खूब चर्चा में रही, जिसमें दोनों नेताओं को हंसते हुए देखा जा सकता है। इटली की प्रधानमंत्री ने यह वीडियो अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे X (पूर्व में ट्विटर) और इंस्टाग्राम पर साझा किया।

भारत-इटली के मधुर संबंधों पर जोर

मोदी और मेलोनी ने अपनी द्विपक्षीय बैठक में भारत और इटली के बीच चल रहे मधुर संबंधों पर जोर दिया। मोदी ने अपने संदेश में लिखा, 'लॉन्ग लिव इंडिया-इटली फ्रेंडशिप!' उनके इस बयान से साफ झलकता है कि दोनों देश अपने ऐतिहासिक रिश्तों को और भी मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।

मोदी के इस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के पीछे एक महत्वपूर्ण उद्देश्य भारत और इटली के बीच समझौता को लागू कराना था, जो दोनों देशों के पेशेवर, कुशल और अर्ध-कुशल श्रमिकों, छात्रों और शोधकर्ताओं को एक देश से दूसरे देश में जाने में सक्षम बनाता है। इस समझौते को भारत की केंद्रीय कैबिनेट ने दिसंबर में मंजूरी दी थी, जो भारतीय छात्रों को इटली में 12 महीने तक का अस्थायी निवास उपलब्ध कराएगा।

व्यापार और नवाचार के क्षेत्र में सहयोग

मोदी और मेलोनी ने अपनी बैठक में व्यापार, ऊर्जा, रक्षा, टेलीकॉम और बायोफ्यूल्स, खाद्य प्रसंस्करण और महत्वपूर्ण खनिजों जैसे भविष्यवादी क्षेत्रों में सहयोग पर भी चर्चा की। इस बातचीत का उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को और भी मजबूत करना और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देना था।

प्रवास और गतिशीलता समझौते का महत्व

दोनों नेताओं ने जल्द से जल्द प्रवास और गतिशीलता समझौते (Migration and Mobility Agreement) को लागू करने पर जोर दिया, ताकि दोनों देश एक-दूसरे के पेशेवरों और कुशल श्रमिकों के लाभ उठा सकें। यह समझौता एक महत्वपूर्ण पहल है, जो न केवल दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करेगा बल्कि छात्रों और शोधकर्ताओं को भी एक सुनहरा अवसर प्रदान करेगा।

सांस्कृतिक आदान-प्रदान और युवा शक्ति

इसके साथ ही, दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान भी चर्चा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। मोदी और मेलोनी ने शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने पर भी बातचीत की। खासकर युवाओं के बीच शिक्षा और अनुसंधान में सहयोग और बढ़ाने पर जोर दिया गया।

अर्थव्यवस्था और विकास

व्यापारिक सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस शिखर सम्मेलन में विभिन्न समझौतों पर चर्चा हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के बीच व्यापार को और सुदृढ़ करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। इसके अलावा, दोनों देशों ने आर्थिक और विकासशील परियोजनाओं में एक साथ काम करने के लिए अपनी इच्छा भी जताई।

जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण

जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण भी इस बैठक का एक महत्वपूर्ण विषय था। दोनों नेताओं ने पर्यावरण संरक्षण के महत्व को स्वीकारते हुए, हरित उर्जा और पौधारोपण जैसे प्रयासों को बढ़ावा देने पर विचार किया।

वास्तव में, यह G7 शिखर सम्मेलन न केवल एक राजनीतिक मंच बल्कि वैश्विक साझा चुनौतियों पर मिलकर सामना करने का एक महत्वपूर्ण मौका साबित हुआ। प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री मेलोनी ने मिलकर एक मजबूत और स्थायी संबंधों की नींव रखी, जो आने वाले वर्षों में दोनों देशों के विकास और प्रगति में सहायक होगा।