पेरिस ओलंपिक्स 2024: दसवें दिन के लाइव अपडेट्स - लक्ष्य सेन, अविनाश साबले और भारतीय महिला टेबल टेनिस टीम की करिश्माई ताकत

पेरिस ओलंपिक्स 2024: दसवें दिन के लाइव अपडेट्स - लक्ष्य सेन, अविनाश साबले और भारतीय महिला टेबल टेनिस टीम की करिश्माई ताकत

पेरिस ओलंपिक्स 2024: दसवें दिन की रोमांचक शुरुआत

पेरिस ओलंपिक्स 2024 का दसवां दिन भारतीय खेल प्रेमियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। भारतीय एथलीट्स विभिन्न प्रतिस्पर्धाओं में अपनी चुनौती पेश कर रहे हैं। इस दिन का प्रमुख आकर्षण है लक्ष्य सेन, जो बैडमिंटन में कांस्य पदक के लिए संघर्ष करेंगे। इससे पहले सेमीफाइनल मैच में उन्हें विक्टर एसेलसन के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन अब सबकी निगाहें उनके अगले मुकाबले पर टिकी होंगी। लक्ष्य का मुकाबला मलेशिया के ली जी जिया के साथ है।

अविनाश साबले: एथलेटिक्स में उम्मीद की किरण

वहीं, एथलेटिक्स के क्षेत्र में, अविनाश साबले देश के लिए विभिन्न उम्मीदें बांध रहे हैं। उन्होंने एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर बड़ी उपलब्धि हासिल की थी। जुड़ावा-भावना में भारतीय दर्शकों का ध्यान आकर्षित करते हुए, वे पुरुष 3000 मीटर स्टीपलचेस हीट्स में हिस्सा लेंगे, जहां उनका मकसद फाइनल के लिए क्वालिफाई करना होगा।

महिला टेबल टेनिस में ऐतिहासिक टकराव

भारतीय महिला टेबल टेनिस टीम भी इस दिन बड़े मुकाबले की तैयारी में है। सृजा अकुला और अर्चना कामत की अगुवाई में भारतीय टीम का सामना राउंड ऑफ 16 में रोमानिया से होगा। यह मैच टीम के लिए एक उत्कृष्ट अवसर है, अपना दमखम साबित करने का और इतिहास रचने का।

कुश्ती और शूटिंग में भी भारत की चुनौती

इसके अलावा, कुश्ती में निशा दहिया महिला 68 किग्रा फ्रीस्टाइल इवेंट में भारतीय उम्मीदों का पंख होंगी। जबकि महेश्वरी चौहान और अनंतजीत सिंह नरुका स्कीट मिक्स्ड टीम क्वालिफिकेशन इवेंट में भारतीय चुनौती पेश करेंगे।

अन्य खेलों में भी भारतीय खिलाड़ी मैदान में

दूसरी ओर, किरण पहाल और लवलीना बोर्गोहाइन भी अपने-अपने आयोजनों में मैदान पर उतरेंगी। इन सभी खेलों में भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन देखने लायक होगा।

भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने पहले ही सेमीफाइनल में जगह बना ली है। इस टीम ने ग्रेट ब्रिटेन को पेनल्टी शूटआउट में हराकर यह सफलता अर्जित की थी। इस जीत में पीआर श्रीजेश का प्रदर्शन शानदार था, जिन्होंने अपनी सेविंग से टीम को महत्वपूर्ण जीत दिलाई।

लवलीना बोर्गोहाइन भी अपने मैच में मुकाबला करती नजर आईं। हालाँकि, वह ली कियान के खिलाफ हार गईं, लेकिन उनकी मेहनत और खेल भावना को सभी ने सराहा।

इस दिन की सभी घटनाओं की लाइव अपडेट्स पर नजर रखना होगा, क्योंकि हर पल कुछ नया हो सकता है। दर्शकों के लिए यह एक बेहद महत्वपूर्ण दिन साबित होने वाला है, जिसमें रोमांच और भारतीय खिलाड़ियों की मेहनत की कहानियां हर किसी को प्रेरित करेंगी।

15 Comments

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    Khaleel Ahmad

    अगस्त 6, 2024 AT 12:24
    लक्ष्य सेन ने तो बस दिखा दिया कि बैडमिंटन में भारत की आत्मा अभी जिंदा है
    कोई नोटेशन नहीं बस दिल से खेलो
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    Liny Chandran Koonakkanpully

    अगस्त 8, 2024 AT 03:02
    अरे भाई ये सब तो बस प्रचार है 😤 असली ताकत तो वो है जो चीन और जापान के खिलाफ खेलता है! ये सब लोग तो बस घर के बाहर थोड़ा दिखावा कर रहे हैं 🤡
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    Anupam Sharma

    अगस्त 9, 2024 AT 04:07
    अविनाश साबले के बारे में बात कर रहे हो लेकिन क्या आप जानते हैं कि 2018 में उनका रेकॉर्ड असल में बहुत अलग था? ये सब फैक्ट्स को छुपाकर जोश बढ़ाया जा रहा है। एथलेटिक्स में भारत की असली समस्या है ट्रेनिंग इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं तो जल्दी से जल्दी तारीफें देना
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    Payal Singh

    अगस्त 10, 2024 AT 05:08
    महिला टेबल टेनिस टीम का ये जो जोश है... ये तो दिल को छू गया! 🥹
    सृजा और अर्चना ने बस ये दिखा दिया कि लड़कियां भी इतिहास बना सकती हैं।
    हर छोटी लड़की को ये देखकर लगेगा - मैं भी ऐसा कर सकती हूँ।
    ये बस एक मैच नहीं, ये तो एक नया सपना है।
    हर टूटी हुई बॉल, हर लगी हुई लाइन, हर टाइमआउट के बाद का हुंकार - सब कुछ बेहद अहम है।
    हम जो देख रहे हैं, वो केवल एक खिलाड़ी नहीं, वो एक नई पीढ़ी की आवाज़ है।
    कोई नहीं बोल रहा, लेकिन ये टीम ने अपने रास्ते बना लिए हैं।
    कोई तारीफ नहीं चाहिए, बस इतना चाहिए कि हम उनके साथ खड़े रहें।
    ये जीत या हार नहीं, ये तो एक अंदरूनी जीत है।
    मैं रो रही हूँ... और मुझे शर्म नहीं आ रही।
    हमारे देश में ऐसी खिलाड़ियों को बस एक बार टीवी पर दिखा दो, और बच्चे बदल जाएंगे।
    हम नहीं जानते कि ये मैच कैसा होगा, लेकिन हम जानते हैं - ये टीम ने इस दिन को यादगार बना दिया।
    मैं इन लड़कियों के लिए गर्व महसूस कर रही हूँ।
    और अगर आप भी ऐसा महसूस कर रहे हैं - तो आप भी इस जीत के हिस्से हैं।
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    avinash jedia

    अगस्त 10, 2024 AT 06:15
    सब तो लक्ष्य सेन पर फोकस कर रहे हो लेकिन अगर वो फाइनल नहीं जा पाया तो क्या होगा? क्या फिर भी इतनी तारीफें होंगी? ये सब तो बस चल रही है जब जीत रहे होते हैं
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    Shruti Singh

    अगस्त 11, 2024 AT 17:53
    कुश्ती में निशा दहिया का नाम सुनकर दिल धड़क गया! वो जो लड़ रही है, वो सिर्फ एक मैदान पर नहीं, बल्कि सारी अंधेरी सोचों के खिलाफ लड़ रही है।
    हर बार जब वो रिंग पर उतरती है - वो एक नया संदेश देती है: लड़कियां भी जीत सकती हैं।
    मैं उनके लिए जीतने की कामना करती हूँ - क्योंकि वो जीतने के लायक हैं।
    कोई भी उन्हें रोक नहीं सकता।
    कोई भी उनके जोश को नहीं रोक सकता।
    हम उनके साथ हैं।
    और अगर वो जीत गईं - तो ये भारत की नई शुरुआत होगी।
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    Kunal Sharma

    अगस्त 12, 2024 AT 08:46
    ये सब जोश तो बहुत अच्छा है लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि जब भारतीय एथलीट्स विदेश में खेलते हैं तो उन्हें वहाँ की ट्रेनिंग सुविधाएँ मिलती हैं जो यहाँ नहीं? ये बस एक अलग दुनिया है - जहाँ स्टेडियम नहीं बल्कि स्टेडियम के अंदर का सामान भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर का होता है। और फिर भी हम बस एक दिन के प्रदर्शन पर उत्साहित हो जाते हैं? क्या ये तो बस एक अस्थायी जलन है? क्या हम इतने बेवकूफ हैं कि इन खिलाड़ियों के लिए निरंतर निवेश की जगह केवल एक दिन की तारीफ कर दें?
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    Raksha Kalwar

    अगस्त 14, 2024 AT 04:23
    लवलीना बोर्गोहाइन का प्रदर्शन असली जीत था।
    हार ने उनकी हिम्मत को नहीं तोड़ा।
    उन्होंने अपनी लड़ाई ऐसे लड़ी जैसे वो जीतने के लिए नहीं, बल्कि खेल के प्रति अपनी श्रद्धा दिखाने के लिए थी।
    ये तो असली ओलंपिक आत्मा है।
    कोई तारीफ नहीं चाहिए - बस इतना काफी है कि हम इसे महसूस करें।
    ये खिलाड़ी नहीं, ये एक प्रेरणा हैं।
    हर छोटी लड़की को ये देखकर लगेगा - मैं भी ऐसा कर सकती हूँ।
    ये जीत नहीं, ये एक बदलाव है।
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    himanshu shaw

    अगस्त 16, 2024 AT 01:00
    हॉकी टीम की जीत का जोश? बस एक शूटआउट की वजह से।
    क्या आप भूल गए कि पिछले तीन ओलंपिक्स में भारत की हॉकी टीम ने फाइनल तक कैसे पहुँचने में असफलता पाई? ये एक अस्थायी उम्मीद है।
    पीआर श्रीजेश की सेविंग्स तो बहुत अच्छी थीं - लेकिन उन्हें भी दूसरे खिलाड़ियों की बुरी खेल के कारण बचाना पड़ा।
    इस तरह की जीत बहुत बार दोहराई नहीं जा सकती।
    ये बस एक गलती का फायदा उठाने का एक अवसर था।
    अगर आप वास्तव में भारतीय खेल को बदलना चाहते हैं - तो इस तरह की बातों को बंद करें।
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    Rashmi Primlani

    अगस्त 17, 2024 AT 02:22
    लक्ष्य सेन के लिए ये अगला मुकाबला बस एक खेल नहीं - ये एक नए युग की शुरुआत है।
    जब एक खिलाड़ी अपने अंदर के डर को जीतता है - तो वो देश के लिए भी जीतता है।
    मैंने उनके अभ्यास के वीडियो देखे - उनकी आँखों में वो जुनून था जो कोई ट्रेनर नहीं डाल सकता।
    ये जोश जन्मजात होता है।
    और ये जोश आज भारत के लिए एक राष्ट्रीय गौरव का संदेश लेकर आया है।
    हमें इसे न सिर्फ देखना चाहिए, बल्कि इसे बनाए रखना चाहिए।
    क्योंकि एक लक्ष्य सेन के बाद दस लक्ष्य सेन आएंगे।
    और उन्हें बस एक मौका चाहिए - जो हम दे सकते हैं।
    हमारी जिम्मेदारी है कि उनकी आवाज़ को दबाए नहीं, बल्कि बढ़ाएं।
    क्योंकि आज का खिलाड़ी, कल का नायक होता है।
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    harsh raj

    अगस्त 17, 2024 AT 18:18
    अविनाश साबले के लिए ये एक बहुत बड़ा मौका है।
    मैंने उनका एक इंटरव्यू देखा था - उन्होंने कहा था, मैं नहीं जीतना चाहता, मैं खेलना चाहता हूँ।
    ये बात मुझे बहुत प्रभावित कर गई।
    जब एक खिलाड़ी अपने आप को जीत या हार से ऊपर उठा लेता है - तो वो खेल को असली अर्थ दे देता है।
    मैं उन्हें फाइनल तक जाते देखना चाहता हूँ - लेकिन अगर नहीं भी जाते, तो भी उनकी मेहनत देखकर मैं गर्व महसूस करता हूँ।
    हमें बस इतना करना है - उनके साथ खड़े होना।
    और अगर आप भी ऐसा महसूस कर रहे हैं - तो आप भी इस यात्रा के हिस्से हैं।
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    Prakash chandra Damor

    अगस्त 19, 2024 AT 12:17
    क्या लक्ष्य सेन के खिलाफ ली जी जिया का रिकॉर्ड अच्छा है या नहीं बताओ
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    Rohit verma

    अगस्त 20, 2024 AT 13:52
    महिला टेबल टेनिस टीम के लिए बहुत बहुत शुभकामनाएँ 🙌
    ये टीम ने बस एक खेल नहीं खेला - उन्होंने एक संदेश भेजा है।
    हर लड़की को ये देखकर लगेगा - मैं भी ऐसा कर सकती हूँ।
    मैं आज इन लड़कियों के लिए जीतने की कामना करता हूँ।
    क्योंकि वो जीतने के लायक हैं।
    और अगर वो जीत गईं - तो ये भारत की नई शुरुआत होगी।
    हम उनके साथ हैं।
    कोई भी उन्हें रोक नहीं सकता।
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    Arya Murthi

    अगस्त 20, 2024 AT 20:21
    लक्ष्य सेन के मुकाबले का इंतजार है... बस एक बार देखना है कि वो कैसे लड़ता है।
    बाकी सब तो बस बातें हैं।
    खेलो में जीत या हार नहीं - बस वो जोश देखो।
    वो जोश जो तुम बाहर नहीं देख पाते।
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    Manu Metan Lian

    अगस्त 22, 2024 AT 08:36
    ये सब उत्साह बहुत अच्छा है... लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि भारत के खेल विकास के लिए निवेश का वास्तविक आंकड़ा क्या है? जबकि दक्षिण कोरिया और चीन लाखों डॉलर खेल विकास पर खर्च करते हैं - हम तो एक टीवी स्पॉट के लिए करोड़ों खर्च कर देते हैं। ये जो तारीफें हैं - वो बस एक बाहरी चमक है। असली समस्या तो वहीं है जहाँ बच्चे खेलने के लिए एक खुला मैदान नहीं पा रहे।

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