तकनीकी जगत में एक क्रांति का मंत्रणा, OpenAI ने अपने चर्चित ChatGPT इंटरफेस में एक नया खोज इंजन सुविधा जोड़ा है। यह सुविधा फिलहाल ChatGPT Plus के उन उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध है, जिन्हें हर महीने $20 का भुगतान करना पड़ता है। इस नए अद्यतन से यह फायदेमंद होगा कि उपयोगकर्ता लाइव स्कोर, समाचार अपडेट, स्टॉक मार्केट डेटा और खेल परिणामों जैसी जानकारी सीधे चैटबॉट के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। कंपनी का यह भी कहना है कि यह नई विशेषता जल्द ही ऐप के निःशुल्क संस्करण के उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध कराई जाएगी।
OpenAI का यह नया कदम उनके द्वारा नवंबर 2022 में शुरू की गई AI क्रांति को और मजबूती प्रदान करता है, जब पहली बार ChatGPT पेश किया गया था। उस समय से लेकर अब तक, इस चैटबॉट ने 250 मिलियन से अधिक मासिक सक्रिय उपयोगकर्ताओं को अपनी और आकर्षित किया है। ChatGPT की नई खोज इंजन सुविधा का उद्देश्य उपयोगकर्ताओं को तुरंत और सटीक जानकारी प्रदान करना है। इसमें इंटरनेट से जुड़ी जानकारी के साथ-साथ संदर्भित स्रोतों के लिंक भी प्रदान किए जाएंगे, जिससे उपयोगकर्ता जानकारी की वैधता की पुष्टि कर सकें।
यह नई तकनीक उपयोगकर्ताओं की प्रश्नावली का जवाब इंटरनेट से ताज़ा और सटीक जानकारी के साथ देने में सक्षम होगी। उदाहरण के लिए, यदि कोई उपयोगकर्ता हाल ही के विश्व सीरीज गेम के परिणाम के बारे में जानकारी चाहता है, तो ChatGPT न केवल अंतिम स्कोर प्रदान करेगा बल्कि संबंधित समाचार लेख का लिंक भी देगा।
हालांकि, यह ध्यान देने योग्य है कि इस तरह के चैटबॉट्स में 'भ्रम' या गलत जानकारी देने की गुंजाइश होती है, जिसे शोधकर्ता 'हैलुसिनेशन' कहते हैं। ऐसी स्थिति में, जब ये चैटबॉट विभिन्न ऑनलाइन संसाधनों से डेटा खींचते हैं, तो भी कभी-कभी गलत जानकारी उत्पन्न कर सकते हैं।
OpenAI ने अपनी इस नई सुविधा के साथ कई प्रौद्योगिकी कंपनियों को चुनौती दी है। Google और Microsoft जैसे बड़े खिलाड़ी भी अपनी खोज इंजनों में समान तकनीकों का विकास कर रहे हैं। इस क्षेत्र में नई कंपनियाँ भी उभर रही हैं, जैसे कि सैन फ्रांसिस्को स्थित कंपनी Perplexity, जो पारंपरिक खोज इंजन में चैटबॉट सुविधाओं को जोड़ रही हैं।
मीडिया संगठन जैसे कि Reuters और The Associated Press ने इस नई पहल में OpenAI के साथ सहयोग किया है। जबकि, दूसरी ओर, New York Times ने OpenAI और Microsoft के खिलाफ एक मुकदमा दायर किया है, जिसमें उन्होंने AI प्रणाली द्वारा उपयोग किए गए समाचार सामग्री के मामले में कॉपीराइट उल्लंघनों के आरोप लगाए हैं। दोनों कंपनियों ने इन आरोपों को खारिज किया है।
नई सुविधाओं और तकनीकी सुधारों के इस दौर में, यह देखना दिलचस्प होगा कि कैसे विभिन्न कंपनियाँ इस तकनीक का उपयोग अपने-अपने हितों में करती हैं और उपयोगकर्ताओं के अनुभव को कैसे बढ़ाती हैं। इसके साथ ही, यह आवश्यकता है कि उपयोगकर्ताओं को हमेशा सतर्क रहना चाहिए और दी गई जानकारी की स्वायत्तता को खुद भी सत्यापित करना चाहिए।
Pooja Mishra
नवंबर 3, 2024 AT 01:09ये नया फीचर तो बस एक और एआई हैलूसिनेशन का बड़ा बाजार है। लाइव डेटा देने का दावा कर रहे हैं लेकिन जब आप लिंक पर क्लिक करते हैं तो वो स्रोत अपडेट नहीं होता, या फिर पुराना कॉपी-पेस्ट वाला कंटेंट होता है। ये सब बस मार्केटिंग गैजेट हैं। असली खोज तो Google की सर्च बार है जो 20 साल से काम कर रही है।
Khaleel Ahmad
नवंबर 4, 2024 AT 20:40अगर ये चैटबॉट अच्छा काम करे तो फायदा होगा। बस उपयोगकर्ता को पता होना चाहिए कि ये एआई है न कि एक इंसान। जो भी जानकारी मिले उसे दो बार चेक कर लेना चाहिए।
Liny Chandran Koonakkanpully
नवंबर 5, 2024 AT 21:47अरे भाई ये तो बहुत बड़ी बात हो गई!! 😱 Google का तख्ता उलट जाएगा!! 🤯 अब तो आप भी बताओ क्या हुआ अगर एक बच्चा ChatGPT से पूछे कि भगवान कौन हैं? क्या वो बताएगा कि ये सब फेक है? ये AI तो अपने आप को ईश्वर समझने लगेगा!! 😂
Anupam Sharma
नवंबर 6, 2024 AT 02:01क्या आपने कभी सोचा है कि जब आप एक एआई से पूछते हो कि 'मुझे बताओ कि अर्थ जीवन का क्या अर्थ है' तो वो आपको एक रिपोर्ट देता है जिसमें 17 स्रोत हैं और उनमें से 12 ब्लॉग पोस्ट हैं? ये सब तो एक बड़ा सा फिलॉसोफिकल गेम है। आपको लगता है आप जान रहे हैं लेकिन आप तो बस एक लैंग्वेज मॉडल के आउटपुट को ट्रस्ट कर रहे हैं। इंसान तो अपने दिमाग से सोचता है न कि टोकन्स के ग्राफ से।
Payal Singh
नवंबर 6, 2024 AT 19:52मुझे बहुत खुशी हो रही है कि ये तकनीक आम लोगों तक पहुंच रही है! 🌟 लेकिन याद रखिए, जब भी आप इससे कुछ पूछें, तो उसके बाद एक छोटा सा रिसर्च कर लें। ये नहीं कह रही कि ये बुरा है - बल्कि ये कह रही हूँ कि हम सबको इसे जिम्मेदारी से इस्तेमाल करना होगा। एक बार जब आप लिंक चेक कर लेंगे, तो आपको ये बहुत उपयोगी लगेगा! 💪❤️
avinash jedia
नवंबर 7, 2024 AT 12:48ये सब बकवास है। Google अभी भी बेहतर है। और जो लोग $20 महीना दे रहे हैं वो बस अपनी जेब खाली कर रहे हैं। फ्री वर्जन में भी ये फीचर आएगा? अरे भाई, जब तक ये अपने आप को ठीक से नहीं चला पाते, तब तक लोगों को नहीं देना चाहिए।
Shruti Singh
नवंबर 8, 2024 AT 11:42अगर तुम इसे बेहतर बनाने के लिए काम नहीं कर रहे तो मैं खुद कर दूंगी! ये फीचर अभी भी बहुत बेकार है - लाइव डेटा तो नहीं आ रहा, लिंक्स तो डेड हैं, और फिर भी तुम ये सब बड़ा दावा कर रहे हो! अब तो ये तकनीक बदलनी ही पड़ेगी - नहीं तो मैं इसे ब्लॉग कर दूंगी कि ये एक फेक है!