NEET UG रिजल्ट : MP हाईकोर्ट का आदेश, 75 छात्रों को छोड़ बाकी सबका परिणाम घोषित होगा

NEET UG रिजल्ट : MP हाईकोर्ट का आदेश, 75 छात्रों को छोड़ बाकी सबका परिणाम घोषित होगा

NEET UG रिजल्ट: हाईकोर्ट ने दी राहत, 75 छात्रों पर अटक गया मामला

NEET UG 2025 के नतीजों का इंतजार कर रहे लाखों छात्रों के लिए राहत की खबर है। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा है कि 75 छात्रों को छोड़कर बाकी सभी उम्मीदवारों के NEET UG रिजल्ट घोषित किए जा सकते हैं। इस फैसले से ज्यादातर छात्रों की अनिश्चितता खत्म हो गई है, लेकिन अब भी 75 ऐसे छात्र हैं जिनकी समस्या का हल निकलना बाकी है।

इन 75 छात्रों ने परीक्षा केंद्रों पर पावर कट, भारी बारिश और तकनीकी समस्याओं के चलते याचिका दायर की थी। गौर करने लायक बात ये है कि ये सभी छात्र इंदौर के केंद्रों से परीक्षा दे रहे थे। प्रभावित केंद्रों पर 8,790 उम्मीदवार थे, लेकिन मुश्किलें सिर्फ इन 75 ने उठाईं। परीक्षा के दौरान बिजली चली गई, कंप्यूटर काम नहीं कर रहे थे, बारिश ने माहौल और बिगाड़ दिया। इसी कारण उन्होंने जवाबदेही तय करने और अपने हक के लिए अदालत में दस्तक दी।

एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) 14 जून तक रिजल्ट की तैयारी में जुटी थी, लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद वो इन 75 छात्रों को छोड़कर सबका रिजल्ट जारी करेगी। पहले 15 मई को कोर्ट ने पूरे रिजल्ट पर रोक लगायी थी, फिर 16 मई को आदेश में बदलाव हुआ और इंदौर के 11 केंद्रों को छोड़ बाकियों के नतीजे मंजूर कर दिए गए। अब 9 जून के ताजा आदेश के बाद इन 75 छात्रों को ही अस्थायी तौर पर सस्पेंड रखा गया है।

रिजल्ट पर फंसा पेंच – 26 जून के बाद मिल सकता है क्लियर फैसला

अब सवाल ये उठ रहा है कि इन 75 छात्रों का क्या होगा? क्या उनके लिए फिर से परीक्षा ली जाएगी, या किसी वैकल्पिक तरीके से उनकी कॉपियां चेक होंगी? कोर्ट ने इस बारे में कोई स्पष्ट टिप्पणी नहीं की है। अदालत ने 26 जून के बाद इस मुद्दे पर अंतिम सुनवाई करने का फैसला लिया है।

छात्रों में बेचैनी जायज है। भारत में मेडिकल की तैयारी करने वाले परीक्षार्थियों के लिए NEET UG सबसे अहम पड़ाव है। ऐसे में परीक्षा केंद्र पर तकनीकी दिक्कत या प्राकृतिक आपदा बड़ी चिंता का विषय बनती है। देश में हर साल लाखों बच्चों का करियर इसी परीक्षा के रिजल्ट से तय होता है।

इधर, एनटीए को भी हाईकोर्ट के निर्देश का इंतजार है। वह चाहती है कि हर उम्मीदवार के साथ न्याय हो, ताकि किसी को दोबारा उस तनाव से न गुजरना पड़े। लेकिन जब तक कोर्ट का फाइनल ऑर्डर नहीं आता, प्रभावित परीक्षार्थियों को और इंतजार करना होगा।

अब देश भर के मेडिकल सीटों के लिए होने वाली मेरिट लिस्ट तैयार होगी, लेकिन इन 75 छात्रों का भविष्य 26 जून के बाद ही साफ होगा।

18 Comments

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    Anupam Sharma

    जून 12, 2025 AT 06:10
    ये सब बकवास है। बिजली गई तो क्या हुआ? देश में हर जगह ऐसा होता है। इन 75 लोगों ने बस अदालत में दाखिला ले लिया, बाकी सब ने चुपचाप झेल लिया। अब फिर से परीक्षा लेने की बात? ये तो अंधेरे में दीया जलाने जैसा है।
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    Payal Singh

    जून 13, 2025 AT 15:19
    ये बच्चे तो बस अपना हक मांग रहे हैं... इनकी जिंदगी एक एग्जाम पर टिकी हुई है। बिजली चली गई, कंप्यूटर फेल हुआ, बारिश हुई - ये सब तो बाहरी ताकतें हैं। अगर हम इनके लिए न्याय नहीं करेंगे, तो हम किसके लिए करेंगे? कृपया इनके लिए दुआ करें।🙏
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    avinash jedia

    जून 15, 2025 AT 12:49
    अरे यार, बिजली गई तो फिर भी बैठ गए? ये लोग तो घर बैठे पढ़ रहे होंगे, फिर एग्जाम में जाकर शिकायत कर रहे हैं। जब बिजली चली गई, तो अंधेरे में बैठ जाना चाहिए था, न कि अदालत चलाना।
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    Shruti Singh

    जून 16, 2025 AT 12:24
    ये नहीं हो सकता! इन 75 बच्चों का करियर बर्बाद हो रहा है और तुम सब उनकी बजाय बकवास कर रहे हो! एनटीए को तुरंत री-एग्जाम का इंतजाम करना चाहिए! ये न्याय है या अन्याय? अगर नहीं तो मैं खुद डिमो में जाऊंगी!
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    Kunal Sharma

    जून 17, 2025 AT 21:31
    इस देश में एक एग्जाम के लिए लाखों बच्चे अपनी जिंदगी की चार साल की यात्रा पर निकल जाते हैं - और फिर एक बिजली की चमक से उनकी उम्मीदें बुझ जाती हैं। ये कोई एग्जाम नहीं, ये तो एक नाटक है जहां राजनीति, ब्यूरोक्रेसी और तकनीकी अनियमितता मिलकर एक अजीब ब्लैक कॉमेडी बना रही हैं। ये बच्चे नहीं, ये तो एक राष्ट्रीय दुर्भाग्य के पीड़ित हैं।
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    Raksha Kalwar

    जून 19, 2025 AT 19:10
    हर छात्र को न्याय मिलना चाहिए। इन 75 बच्चों के लिए एक अलग बैच या री-एग्जाम तो बहुत छोटी बात है। ये एनटीए का फर्ज है। ये बस एक दिन का इंतजाम है, न कि एक विशाल आपातकाल। जल्दी करें।
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    himanshu shaw

    जून 19, 2025 AT 22:30
    ये सब एक बड़ा धोखा है। इन 75 लोगों के पास कोई लिंक नहीं होगा? ये सब नेटवर्क वालों के साथ बनाया गया अभियान है। बिजली चली गई? अगर ऐसा होता तो 8790 लोगों में से 75 ही क्यों शिकायत कर रहे हैं? ये तो निश्चित रूप से फ्रॉड है।
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    Rashmi Primlani

    जून 21, 2025 AT 17:54
    हम यहाँ बच्चों के भविष्य के बारे में बात कर रहे हैं। न्याय नहीं तो क्या? एक एग्जाम की तकनीकी खामी के कारण एक आदमी का सपना टूट जाए - ये न्याय की संस्कृति के खिलाफ है। एनटीए को इन बच्चों के लिए एक वैकल्पिक प्रक्रिया बनानी चाहिए - न कि एक फैसला जो उन्हें अनदेखा करे।
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    harsh raj

    जून 21, 2025 AT 22:45
    इस तरह के मामलों में सबसे बड़ी बात ये है कि बच्चों को दोबारा परीक्षा देने का मौका मिले। इंदौर के इन 11 केंद्रों का माहौल तो बिल्कुल बर्बाद था। एनटीए ने अभी तक इसकी जांच नहीं की? ये बच्चे बस एक अवसर की उम्मीद कर रहे हैं।
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    Prakash chandra Damor

    जून 22, 2025 AT 07:01
    क्या इन 75 को रीएग्जाम दिया जाएगा या नहीं ये अभी तक नहीं पता इसलिए लोग इतना बहस कर रहे हैं
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    Rohit verma

    जून 22, 2025 AT 13:09
    हर बच्चे का सपना एक दिन डॉक्टर बनने का होता है... और अगर उसे बिजली चले जाने की वजह से उसका सपना टूट जाए, तो ये देश किसके लिए बना है? 🤔 हम सब इन बच्चों के साथ हैं। जल्दी से री-एग्जाम का फैसला हो जाए।
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    Arya Murthi

    जून 23, 2025 AT 23:12
    मैं तो बस इतना कहूंगा - ये बच्चे नहीं, ये तो हमारी कल्पना के बाहर के लोग हैं। जिन्होंने अपना सब कुछ एक दिन के लिए लगा दिया। उनका इंतजार करना हमारी जिम्मेदारी है।
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    Manu Metan Lian

    जून 24, 2025 AT 15:10
    ये बच्चे बहुत आलसी हैं। बिजली चली गई तो अपने घर बैठ जाना चाहिए था। इन्होंने तो बस एक फॉर्म भर दिया और अदालत चलाने लगे। ये तो बस एक अवसर का फायदा उठा रहे हैं। नेटवर्क के लिए तो ये सब बहुत आम बात है।
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    Debakanta Singha

    जून 26, 2025 AT 10:57
    सच बताऊं तो ये बच्चे बहुत बहादुर हैं। उन्होंने अपनी आवाज उठाई - जिसे अधिकांश लोग दबा देते। अगर एनटीए अब भी इनके लिए नहीं करेगा, तो ये देश वाकई बदल गया है।
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    swetha priyadarshni

    जून 27, 2025 AT 06:42
    मैंने इंदौर में एग्जाम दिया था। बिजली दो बार चली गई, कंप्यूटर फ्रीज हुआ, और एक बार तो एक बच्चे का टेस्ट रीस्टार्ट हो गया। लेकिन उसने शिकायत नहीं की। ये 75 लोगों को तो सिर्फ इसलिए चाहिए कि उनके पास कोई अच्छा अधिवक्ता है। ये एक वर्गीय लड़ाई है - जिनके पास पैसा है, वो न्याय पाते हैं।
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    tejas cj

    जून 27, 2025 AT 07:13
    अरे भाई, ये सब एक बड़ा धोखा है। एनटीए को अपना बैंक खोल देना चाहिए। ये लोग बस एक बार और एग्जाम देने का नाटक कर रहे हैं। बिजली चली गई? तो अब फिर से एग्जाम देना है? ये तो एक बार जबरदस्ती बनाया गया फैसला है।
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    Chandrasekhar Babu

    जून 28, 2025 AT 11:06
    एनटीए के लिए एक एग्जाम एक लॉजिस्टिक ओपरेशन है जिसमें टेक्निकल फेलियर की संभावना 0.8% है। इन 75 उम्मीदवारों का अनुपात 0.85% है - जो आंकड़ों के अनुसार आउटलायर है। यहां एक अनुमानित असमानता की आवश्यकता है - न कि एक री-एग्जाम।
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    Pooja Mishra

    जून 28, 2025 AT 12:30
    ये बच्चे बस अपने लिए नहीं, बल्कि भविष्य के सभी छात्रों के लिए लड़ रहे हैं। अगर आज हम इनका न्याय नहीं करेंगे, तो कल कोई और बच्चा बिजली चले जाने पर चुप रहेगा। ये बस एक एग्जाम नहीं, ये एक नैतिक परीक्षा है।

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