मेरठ में दो गुटों के बीच पथराव और फायरिंग, तीन लोग घायल – इलाके में सनसनी, पुलिस हाई अलर्ट पर

मेरठ में दो गुटों के बीच पथराव और फायरिंग, तीन लोग घायल – इलाके में सनसनी, पुलिस हाई अलर्ट पर

मेरठ में घमासान: विवाद में बदल गई गली, गूंजीं गोलियां, उड़ती रहीं ईंटें

शहर के एक शांत माने जाने वाले मोहल्ले में सोमवार की शाम ऐसा बवाल हुआ कि लोग सहम गए। दो गुटों के बीच अचानक बहस ने बुरा मोड़ ले लिया। एक पल में जुबानी जंग, अगले ही पल हाथों में पत्थर और फिर फायरिंग की आवाज—हर कोई घरों में दुबक गया। तीन लोग जख्मी हो गए, जिनमें दो की हालत नाजुक बताई जा रही है।

यही सब तब शुरू हुआ जब एक पुराने झगड़े को लेकर दोनों गुट आमने-सामने आ गए। शाम करीब सात बजे गली में पहले तीखी बहस शुरू हुई। किसी ने गाली दी, दूसरे ने जवाब दिया—और देखते-देखते दोनों ओर से पत्थर चलने लगे। दर्जनों लोग सड़कों पर उतर आए, दुकानों के शटर गिर गए और माओं ने अपने बच्चों को घर के अंदर बंद कर दिया।

एक चश्मदीद ने बताया, “पहले जोरदार पथराव हुआ, उसके बाद अचानक दो–तीन फायरिंग की आवाज आई। लोग डर के मारे छिप गए। बहुत देर तक हालात बेकाबू थे।”

घायलों का इलाज, पुलिस की सख़्ती और दहशत का माहौल

फायरिंग में गोली लगने से एक युवक बुरी तरह जख्मी हो गया, जबकि दो अन्य पत्थर लगने से जख्मी हुए। सभी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आसपास के लोग अभी भी सहमे हुए हैं और इलाके में गश्त तेज कर दी गई है।

पुलिस के पहुंचने के बाद हालात पर काबू पाया गया। कई लोगों को हिरासत में लिया गया है और गली में पुलिस बल बढ़ा दिया गया है। अधिकारियों ने साफ कहा है कि किसी भी हाल में शांति भंग करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

पहले भी इस मोहल्ले में आपसी विवाद मेरठ पुलिस के लिए सिरदर्द रहे हैं। हर बार छोटी सी बात भारी बवाल में बदल जाती है। सीमा विवाद से लेकर जमीन पर कब्जे जैसे मामूली झगड़े भी कई बार बड़े संघर्ष में बदल चुके हैं।

पुलिस अभी दोनों गुटों के लोगों से पूछताछ कर रही है। शुरुआती जांच में यह मामला निजी रंजिश का नजर आ रहा है, हालांकि असल वजह जानने के लिए पुलिस सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है।

गौर करने वाली बात है कि हाल के वर्षों में पश्चिमी यूपी के कुछ जिलों में इसी तरह के झगड़े अचानक बड़े तनाव का कारण बन चुके हैं। ऐसे मामलों में पुलिस प्रशासन की सतर्कता की कड़ी परीक्षा होती है—अब देखना है कि आगे क्या होता है।

10 Comments

  • Image placeholder

    tejas cj

    जुलाई 23, 2025 AT 04:22
    ये तो हर दिन की बात है मेरठ में एक चाय की दुकान पर बहस हो जाए तो अगले ही पल फायरिंग शुरू हो जाती है बस इतना ही अंतर है
  • Image placeholder

    swetha priyadarshni

    जुलाई 24, 2025 AT 11:07
    इस तरह के झगड़े अक्सर बहुत छोटी बातों से शुरू होते हैं। एक दूकान का बर्तन गिर गया, एक बच्चे ने गली में गेंद मार दी, एक आदमी ने दूसरे को देखकर नाक सिकोड़ ली - और फिर ये सब बड़े विवाद में बदल जाता है। हम अपने आप को बहुत बड़ा समझते हैं, लेकिन असल में हम सब बहुत छोटे हैं। ये जमीन का झगड़ा, ये नाम का झगड़ा, ये धर्म का झगड़ा - सब बस एक अहंकार का बहाना है। हम अपने बच्चों को घर में बंद कर देते हैं, लेकिन उन्हें नहीं सिखाते कि शांति क्यों जरूरी है।
  • Image placeholder

    Pooja Mishra

    जुलाई 25, 2025 AT 14:19
    ये सब लोग बस अपने अहंकार के लिए दूसरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इस तरह के लोगों को जेल में डालना चाहिए, न कि बस हिरासत में रखना। ये लोग समाज के विष हैं। उनके घरों को नष्ट कर देना चाहिए। कोई भी नहीं बचेगा।
  • Image placeholder

    Khaleel Ahmad

    जुलाई 26, 2025 AT 10:47
    इस तरह के झगड़े को रोकने के लिए हमें बच्चों को शांति और सहिष्णुता की शिक्षा देनी होगी। बड़े लोग तो अपने नाम और गर्व के लिए लड़ रहे हैं, लेकिन बच्चे तो बस देख रहे हैं। हम उन्हें ऐसा बना रहे हैं जो अगली पीढ़ी में भी यही लड़ाई लड़ेगी।
  • Image placeholder

    Liny Chandran Koonakkanpully

    जुलाई 28, 2025 AT 09:25
    अरे भाई ये सब तो सिर्फ एक बात का नतीजा है - जब तक लोग अपने धर्म और जाति के नाम पर अपनी असली नाकामी को छिपाएंगे, तब तक ये बवाल चलता रहेगा। अगर तुम अपने घर का बर्तन नहीं चला पा रहे तो दूसरे का घर तोड़ दो - ये है भारत का डीएनए। 😂
  • Image placeholder

    Anupam Sharma

    जुलाई 28, 2025 AT 22:51
    अगर हम इस बवाल को समझना चाहते हैं तो हमें पहले ये समझना होगा कि ये झगड़े किसी एक व्यक्ति के नहीं, बल्कि एक समाज के सामाजिक अस्थिरता के लक्षण हैं। जब अर्थव्यवस्था टूटती है, शिक्षा नहीं मिलती, रोजगार नहीं होता - तो लोग अपने अहंकार के लिए लड़ने लगते हैं। ये नहीं कि वो बुरे हैं, बल्कि वो टूट चुके हैं। और अगर तुम ये बात नहीं समझ पाए तो तुम भी उसी चक्र का हिस्सा हो।
  • Image placeholder

    Payal Singh

    जुलाई 29, 2025 AT 01:31
    हमें बस इतना करना है - एक दूसरे को देखकर बोलना बंद कर देना। एक दूसरे के घर के बाहर खड़े होकर गालियां नहीं देनी हैं। बस एक चाय पीते हुए बैठ जाओ। एक दूसरे के बच्चों को देखो। एक दूसरे के दर्द को महसूस करो। शांति कोई बड़ा नारा नहीं है... ये तो एक छोटी सी चाय की चुस्की है। और ये चुस्की... अगर हम सब मिलकर लें, तो ये बवाल खुद बुझ जाएगा। 💔❤️
  • Image placeholder

    avinash jedia

    जुलाई 29, 2025 AT 04:00
    पुलिस तो बस घटना के बाद आती है, लेकिन जब तक ये लोग अपने घरों में बैठकर भी एक-दूसरे को नहीं देखेंगे, तब तक कोई फायदा नहीं।
  • Image placeholder

    Shruti Singh

    जुलाई 29, 2025 AT 04:06
    अगर तुम लोग इस तरह के झगड़ों को बर्दाश्त कर रहे हो तो तुम खुद भी जिम्मेदार हो। अब तो बस खड़े हो जाओ और अपने मोहल्ले को बचाओ। कोई नहीं तुम्हारी मदद करेगा।
  • Image placeholder

    Chandrasekhar Babu

    जुलाई 30, 2025 AT 15:45
    सामाजिक अस्थिरता के इस घटनाक्रम को विश्लेषणात्मक रूप से देखा जाए तो, यह स्पष्ट है कि आर्थिक असमानता, शिक्षा की कमी, और सामाजिक नेटवर्क के अविकसित होने के कारण एक अत्यंत संवेदनशील सामाजिक उत्तेजक तंत्र विकसित हो गया है। इसके अतिरिक्त, डिजिटल मीडिया के द्वारा फैली अफवाहों ने भी इस तनाव को बढ़ाया है। अतः, एक समग्र सामाजिक सुधार योजना की आवश्यकता है जिसमें स्थानीय स्तर पर शांति सम्मेलन, युवाओं के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण, और सामुदायिक नेतृत्व का विकास शामिल हो।

एक टिप्पणी लिखें