महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में भाजपा की लोकसभा चुनाव 2024 में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद एक बड़ा निर्णय लिया है। उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों को स्वीकार करते हुए अपने पद से इस्तीफे का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने भाजपा हाई कमान से अनुरोध किया है कि उन्हें राज्य सरकार में अपने कर्तव्यों से मुक्त कर दिया जाए ताकि वह पार्टी संगठन के लिए अपनी ऊर्जा समर्पित कर सकें।
फडणवीस ने कहा कि वह अपना पद छोड़ने वालों में से नहीं हैं, बल्कि उन्होंने कमियों को दूर करने का संकल्प लिया है। भाजपा ने महाराष्ट्र में सिर्फ 9 सीटें हासिल की, जिसमें नागपुर, मुंबई नॉर्थ, सतारा, रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग और पालघर शामिल हैं। फडणवीस ने यह भी कहा कि पार्टी की यह हार महाविकास आघाड़ी (एमवीए) की जीत से केवल मामूली अंतर से हुई है। एमवीए को लगभग 2 लाख 50 हजार वोट मिले, जबकि भाजपा को 2 लाख 48 हजार वोट मिले। मुंबई में, भाजपा ने 2 सीटें जीतीं और समूचे राज्य में कुल मतों में 2 लाख ज्यादा वोट मिले।
भाजपा अपने प्रदर्शन की समीक्षा कर रही है और एक नई रणनीति के साथ जनता के बीच फिर से आने की योजना बना रही है। फडणवीस ने बताया कि भाजपा को असेंबली चुनावों की तैयारियों में अब और भी गंभीरता से जुटना होगा। महाराष्ट्र में पार्टी कार्यकर्ताओं को मज़बूत करते हुए एक नया प्लान तैयार किया जाएगा ताकि भाजपा एक बार फिर से जनता का विश्वास जीत सके।
चुनावी नतीजों की बात करें तो, एनडीए गठबंधन ने लोकसभा चुनावों में 292 सीटें जीतीं जबकि इंडिया ब्लॉक को 234 सीटें प्राप्त हुईं। एनडीए की 292 सीटों में से, भाजपा ने स्वतंत्र रूप से 240 सीटें जीतीं, और उसके सहयोगी दलों जैसे कि जदयू और टीडीपी ने एनडीए की सफलता में भागीदारी की। दूसरी ओर, इंडिया ब्लॉक ने कुल मिलाकर 234 सीटें जीती, जिनमें कांग्रेस पार्टी ने 99 सीटें हासिल कीं और उसके सहयोगियों जैसे समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, और डीएमके ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।
यह राजनीतिक घटनाक्रम महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। फडणवीस का इस्तीफे का प्रस्ताव, जबकि उन्होंने आंशिक रूप से चुनावी हार की जिम्मेदारी स्वीकार की है, पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को फिर से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। आने वाले दिनों में देखते हैं कि भाजपा इस प्रस्ताव पर कैसे प्रतिक्रिया देती है और महाराष्ट्र की राजनीति कैसे प्रभावित होती है।
फडणवीस ने अपने त्यागपत्र के प्रस्ताव के दौरान इस बात पर भी जोर दिया कि महाराष्ट्र भाजपा का संगठनात्मक ढांचा बहुत मजबूत है और आने वाले समय में इसे और मजबूत किया जाएगा। उन्होंने सभी पार्टी कार्यकर्ताओं को आश्वासन दिया है कि इस चुनावी हार को एक सबक की तरह लिया जाएगा और आगे की रणनीति में सभी मौलिकताओं का ध्यान रखते हुए जनता के बीच फिर से विश्वास अर्जित करेंगे। फडणवीस का कहना है कि वह कठिन परिश्रम और समर्पण के साथ पार्टी के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करते रहेंगे।
इस्तीफे का प्रस्ताव देने की यह घटना महाराष्ट्र की राजनीतिक पटल पर एक बड़ी हलचल पैदा कर चुकी है। राज्य की राजनीति में इस घटनाक्रम का क्या प्रभाव पड़ेगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन निश्चित रूप से यह भाजपा और महाराष्ट्र की राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण समय साबित हो सकता है।