खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2025: राजस्थान में 5000 खिलाड़ियों का जश्न, तमिलनाडु और दिल्ली की टीमें टकराएंगी

खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2025: राजस्थान में 5000 खिलाड़ियों का जश्न, तमिलनाडु और दिल्ली की टीमें टकराएंगी

24 नवंबर 2025 को राजस्थान के सात शहरों में शुरू हुए खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2025 का जश्न देश भर में धूम मचा रहा है। लगभग 5,000 विश्वविद्यालयीय खिलाड़ी और 7,000 से अधिक समर्थक, कोच और अधिकारी इस भारत के सबसे बड़े कॉलेज खेलों में शामिल हुए हैं। खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा — ‘ये सिर्फ खेल नहीं, ये युवाओं की आत्मविश्वास की नींव है।’ और वाकई, इस बार का आयोजन रिकॉर्ड स्तर पर है: 23 मेडल इवेंट्स और एक डिस्प्ले स्पोर्ट — खो-खो — शामिल हैं।

राजस्थान के सात शहर, एक ही जश्न

जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम इंडोर हॉल में बैडमिंटन की शुरुआत हुई, जबकि जगतपुरा की तीरंदाजी और शूटिंग रेंज पर तीर और गोली के निशाने लग रहे हैं। जोधपुर में योगासन के लिए युवा खिलाड़ी अपनी सांसों को नियंत्रित कर रहे हैं, जबकि कोटा में तलवारबाजी के आवाज़ें और वॉलीबॉल के जोरदार धमाके हवा में गूंज रहे हैं। भरतपुर के कुश्ती के मैदान में तो धूल उड़ रही है — जहां कुश्ती के लिए आए खिलाड़ी अपनी शक्ति और चालाकी से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर रहे हैं।

इस आयोजन की विशेषता ये है कि इसमें तमिलनाडु, केरल, मध्य प्रदेश, दिल्ली, कोटा और मणिपुर की टीमें शामिल हैं। लेकिन अगर आप सोच रहे हैं कि ये सिर्फ खेल हैं, तो आप गलत हैं। ये वो जगह है जहां एक छोटे से गांव का लड़का, जिसने कभी एयरप्लेन नहीं देखा, अचानक एक राष्ट्रीय स्तर के मैदान पर खड़ा हो जाता है।

तमिलनाडु का दोहरा जश्न: स्कूल गेम्स से लेकर क्रिकेट तक

इसी दौरान, जम्मू में चल रहे 69वें नेशनल स्कूल गेम्स-2025 में तमिलनाडु की लड़कियों ने पश्चिम बंगाल को 3-1 से हराकर स्वर्ण पदक जीता। ये जीत सिर्फ एक जीत नहीं, बल्कि एक संदेश है — जब बेसिक बुनियादी अभ्यास और टीमवर्क साथ आएं, तो रिकॉर्ड तोड़ना संभव है।

लेकिन तमिलनाडु का ध्यान अब क्रिकेट पर भी है। 28 नवंबर 2025 को नरेंद्र मोदी स्टेडियम, अहमदाबाद में दिल्ली और तमिलनाडु के बीच सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2025 का मैच खेला जाएगा। दिल्ली का फॉर्म (L, A, A, A, W) तमिलनाडु के (L, A, A, L, L) से बेहतर है। लेकिन याद रखिए — हेड-टू-हेड रिकॉर्ड 0-0 है। इसका मतलब? कोई भी टीम अपनी पिछली कमजोरियों को भूल सकती है।

तमिलनाडु क्रिकेट का बड़ा बदलाव

रणजी ट्रॉफी में चार राउंड के बाद भी एक भी जीत न मिल पाने के बाद, तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन ने अपने कोचिंग स्टाफ में आमूलचूल बदलाव किया। 19 नवंबर को, पूर्व स्पिनर एम वेंकटरमन्ना को सीमित ओवर टीमों का मुख्य कोच नियुक्त किया गया। ये एक ऐसा फैसला है जो सिर्फ खेल के लिए नहीं, बल्कि टीम की आत्मा के लिए है। वेंकटरमन्ना ने अपने खिलाड़ियों को बताया — ‘हम जीत की तलाश में नहीं, बल्कि अपनी पहचान ढूंढ रहे हैं।’

करुण नायर की चुप्पी, एक अनकही कहानी

करुण नायर की चुप्पी, एक अनकही कहानी

24 नवंबर को, करुण नायर ने अपने X अकाउंट पर एक छोटा सा पोस्ट किया: ‘कुछ हालात ऐसे होते हैं, जिन्हें आप दिल से जानते हैं और वहां मौजूद ना होने की खामोशी उसमें अपना अलग दर्द जोड़ देती है।’

इस पोस्ट के पीछे की कहानी बहुत गहरी है। रणजी ट्रॉफी में 5 मैचों में 602 रन बनाकर उन्होंने 100.33 की शानदार औसत बनाई। लेकिन दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज के लिए उन्हें भारतीय टीम में नहीं चुना गया। उनकी खामोशी एक सवाल छोड़ जाती है — क्या रन बनाना ही काफी है? या फिर, भारतीय टीम के लिए कुछ और भी जरूरी है?

राजस्थान रॉयल्स का बड़ा ट्रेड: संजू सैमसन का चेन्नई जाना

इसी दौरान, आईपीएल के बाद का सबसे बड़ा शॉक — राजस्थान रॉयल्स ने अपने कप्तान संजू सैमसन को चेन्नई सुपर किंग्स में ट्रेड कर दिया। इस ट्रेड का मकसद स्पष्ट है: चेन्नई के शीर्ष ऑर्डर में स्थिरता लाना। रचिन रविंद्र के रिलीज होने के बाद, चेन्नई को एक ऐसा बल्लेबाज चाहिए था जो बल्ले से आत्मविश्वास दे सके। संजू की अनुभवी बल्लेबाजी, उनकी शांत आत्मा और अंतिम ओवरों में जाने की क्षमता — ये सब चेन्नई के लिए बहुत कीमती है।

ये खेल सिर्फ जीत-हार नहीं, ये जीवन है

ये खेल सिर्फ जीत-हार नहीं, ये जीवन है

इन दिनों भारत के खेलों में एक नया मूड है। ये सिर्फ ट्रॉफी नहीं, ये जीवन के छोटे-छोटे पल हैं — एक लड़की जो पहली बार राज्य स्तर पर जीतती है, एक कोच जो अपनी टीम को फिर से जीवित करने की कोशिश कर रहा है, एक बल्लेबाज जो अपनी खामोशी में अपना दर्द छुपाता है।

खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2025 का असली जश्न वहां है, जहां कोई टीम नहीं, कोई राज्य नहीं, बल्कि एक युवा आत्मा अपनी आवाज़ ढूंढ रही है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2025 में कौन-कौन से राज्य शामिल हैं?

इस आयोजन में तमिलनाडु, केरल, मध्य प्रदेश, दिल्ली, कोटा और मणिपुर की विश्वविद्यालयीय टीमें भाग ले रही हैं। इनके अलावा राजस्थान जैसे आयोजक राज्य की टीमें भी मैदान में उतर रही हैं। कुल मिलाकर 5,000 से अधिक खिलाड़ी और 7,000 से ज्यादा समर्थक शामिल हैं।

तमिलनाडु क्रिकेट टीम ने क्यों कोच बदला?

रणजी ट्रॉफी में चार राउंड के बाद भी एक भी जीत न मिल पाने के बाद, तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन ने अपने पुराने कोचिंग स्टाफ को बदल दिया। 19 नवंबर को पूर्व स्पिनर एम वेंकटरमन्ना को सीमित ओवर टीमों का मुख्य कोच नियुक्त किया गया, जिसका लक्ष्य टीम की आत्मा और रणनीति दोनों को बदलना है।

करुण नायर का X पोस्ट क्यों इतना चर्चित है?

करुण नायर ने रणजी ट्रॉफी में 602 रन बनाए, लेकिन भारतीय टेस्ट टीम में चुने जाने से वंचित रहे। उनकी खामोशी ने खिलाड़ियों के लिए एक गहरा सवाल खड़ा किया — क्या अंकों से ज्यादा टीम के लिए कुछ और भी जरूरी है? ये पोस्ट एक बल्लेबाज के दर्द को दर्शाती है, जो अपने नाम को अभी भी साबित करने की कोशिश कर रहा है।

संजू सैमसन को चेन्नई सुपर किंग्स में क्यों ट्रेड किया गया?

राजस्थान रॉयल्स ने संजू सैमसन को चेन्नई सुपर किंग्स में ट्रेड किया ताकि चेन्नई के शीर्ष ऑर्डर में स्थिरता आए। रचिन रविंद्र के रिलीज होने के बाद, चेन्नई को एक अनुभवी बल्लेबाज चाहिए था जो अंतिम ओवरों में दबाव बना सके। संजू की शांत आत्मा और अंतिम ओवरों में जाने की क्षमता इसके लिए बेहद उपयुक्त है।

खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2025 का अंतिम दिन कब है?

इस आयोजन का अंतिम दिन 5 दिसंबर 2025 है, जिस पर भरतपुर में कुश्ती और बॉक्सिंग के फाइनल मैच होंगे। इस दिन जीतने वाली टीमों को मेडल और ट्रॉफी दी जाएगी, और एक बड़ा समारोह आयोजित किया जाएगा।

69वें नेशनल स्कूल गेम्स-2025 में तमिलनाडु ने कौन सा पदक जीता?

69वें नेशनल स्कूल गेम्स-2025 में तमिलनाडु की लड़कियों की टीम ने पश्चिम बंगाल को 3-1 से हराकर स्वर्ण पदक जीता। यह जीत तमिलनाडु के स्कूली खेलों के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

1 Comments

  • Image placeholder

    Siddharth Gupta

    नवंबर 25, 2025 AT 17:08

    ये खेलो इंडिया गेम्स तो बस खेल नहीं, ये तो हर छोटे गांव के लड़के की आत्मकथा है। मैंने एक लड़का देखा था बीहड़ में कुश्ती करते हुए, उसके पैरों में चप्पल नहीं थी, पर आंखों में आग थी। आज वो भरतपुर के मैदान में खड़ा है। ये जश्न सिर्फ मेडल्स का नहीं, ये उन अनकही कहानियों का है जिन्हें कोई नहीं देखता। 🌟

एक टिप्पणी लिखें