Independence Day 2025: दिल्ली में हाई-टेक सुरक्षा, ड्रोन बैन और स्नीपर्स तैनात

Independence Day 2025: दिल्ली में हाई-टेक सुरक्षा, ड्रोन बैन और स्नीपर्स तैनात

स्वतंत्रता दिवस 2025 पर दिल्ली बनी हाई-टेक किला

15 अगस्त, 2025 को दिल्ली के लाल किले में होने वाले स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए इस बार सुरक्षा का स्तर बिल्कुल अलग है। दिल्ली पुलिस कमिश्नर एस बी के सिंह की अगुवाई में राजधानी को एक हाई-सिक्योरिटी जोन में बदल दिया गया है। सुरक्षा तैयारियां हफ्तों पहले ही शुरू हो गई थीं, 2 अगस्त से 16 अगस्त तक दिल्ली के हवाई क्षेत्र में सख्त पाबंदी लगा दी गई है।

करीब 25 हजार लोग इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में शामिल होंगे, ऐसे में सुरक्षा में कोई कसर नहीं छोड़ी गई। Independence Day 2025 की सुरक्षा के लिए 10,000 पुलिसकर्मी और 3,000 ट्रैफिक अधिकारी पूरे शहर में तैनात किए गए हैं। सिर्फ रेड फोर्ट की जिम्मेदारी 7,500 से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों के हवाले है। दिल्ली पुलिस के साथ-साथ पैरा-मिलिट्री फोर्स, NSG कमांडो, SPG और मिलिट्री इंटेलिजेंस यूनिट भी ग्राउंड पर हैं।

एंटी-ड्रोन, कैमरा और साइबर टीमें – सुरक्षा में कोई समझौता नहीं

इस साल सबसे बड़ा फोकस तकनीक पर रहा है। आसमान से खतरे को देखते हुए पूरा दिल्ली एरिया नो-फ्लाइंग जोन बना दिया गया है – ड्रोन, UAV, पैराग्लाइडर, हैंग ग्लाइडर, हॉट एयर बलून – किसी भी चीज को उड़ान की इजाजत नहीं मिलेगी। एंटी-ड्रोन सिस्टम एक्टिव हैं, जिससे किसी भी संदिग्ध उड़ती चीज को तुरंत गिराया जा सके।

सुरक्षा के लिए 800 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे दिल्ली के अहम इलाकों में लगवाए गए हैं, जिनमें सिर्फ रेड फोर्ट और आसपास के क्षेत्र के लिए 366 कैमरे हैं। इसके साथ 2 कंट्रोल रूम तैयार हैं – एक रेड फोर्ट परिसर के अंदर और एक बाहर, जो हर मूवमेंट पर लाइव नजर रखेंगे। इन कंट्रोल रूम से 426 कैमरे लगातार मॉनिटर हो रहे हैं, ताकि कोई भी संदिग्ध हरकत तुरंत पकड़ी जा सके।

इंटेलिजेंट सिक्योरिटी की बात करें तो फेसियल रिकग्निशन वाले कैमरा वैन, अंडर-व्हीकल सर्विलांस सिस्टम (UVSS), ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) और इंट्रूजन डिटेक्शन कैमरे जगह-जगह एक्टिव हैं। रेड फोर्ट की छतों और आसपास की ऊंची इमारतों पर स्नीपर्स तैनात हैं। वहीं, कई जगहों पर रूफटॉप पेट्रोलिंग टीम भी पैनी नजर बनाए हुए है।

सिर्फ लाल किला ही नहीं, बल्कि दिल्ली मेट्रो, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और अंतरराज्यीय बस टर्मिनल पर भी सुरक्षा गहराई से बढ़ा दी गई है। CISF मेट्रो स्टेशन पर ज्यादा सख्ती के साथ बैग चेकिंग और बॉडी फ्रिस्किंग कर रही है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट के हर कोने में एक्स्ट्रा सुरक्षा तैनात है।

डिजिटल फ्रंट पर भी कोई कमी नहीं। साइबर टीमें सोशल मीडिया पर हर संदिग्ध एक्टिविटी, अफवाह, या संभावित खतरे की डिजिटल मॉनिटरिंग कर रही हैं। खुद पुलिस कमिश्नर की टीम इंटेलिजेंस एजेंसियों के साथ मिलकर ऑनलाइन स्पेस पर हर पल नजर रख रही है, ताकि कोई भी उकसाने या अफवाह फैलाने की कोशिश तुरंत दबाई जा सके।

इन सबके बीच दिल्ली के हर जिले में नियमित फ्लैग मार्च, अचानक इंस्पेक्शन, और पब्लिक प्लेसेज – जैसे बाजार, मेट्रो स्टेशन, बस टर्मिनल में पैदल गश्त बढ़ा दी गई है। आला अधिकारी खुद फील्ड में जाकर इंतजाम देख रहे हैं। 13 अगस्त को फुल ड्रेस रिहर्सल के दौरान लाल किले के पास के बाजार और सड़कें पूरी तरह बंद रखी जाएंगी, साथ ही पूरे शहर में कई जगह ट्रैफिक डायवर्जन लागू रहेंगे।

15 Comments

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    Debakanta Singha

    अगस्त 12, 2025 AT 21:13

    इस साल की सुरक्षा व्यवस्था असली मेहनत का नतीजा है। 25 हजार लोगों को सुरक्षित रखना बस एक नारा नहीं, बल्कि लाखों घंटों की तैयारी है। ड्रोन बैन और सीसीटीवी नेटवर्क जितना अच्छा है, उतना ही अहम है कि इंसान भी नजर रखे।

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    swetha priyadarshni

    अगस्त 13, 2025 AT 00:36

    ये सब तकनीकी उपाय तो बहुत अच्छे हैं, लेकिन एक बात भूल रहे हैं - सुरक्षा का मूल आधार विश्वास है। जब आम आदमी भी अपने शहर की सुरक्षा को अपनी जिम्मेदारी समझने लगे, तभी तो असली सुरक्षा बनती है। बस ड्रोन और कैमरे से काम नहीं चलता।

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    tejas cj

    अगस्त 13, 2025 AT 01:38

    ये सब बकवास है। इतनी सुरक्षा क्यों? एक देश जहां लोगों के घरों में बिजली नहीं, वहां लाल किले के आसपास ड्रोन बैन करने की बात कर रहे हो। ये नाटक है ना?

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    Liny Chandran Koonakkanpully

    अगस्त 13, 2025 AT 13:30

    अरे भाई, ये सब तो बस एक बड़ा सा शो है। स्नीपर्स छत पर, कैमरे हर जगह, और फिर भी एक बच्चा फुटपाथ पर चिपक जाए तो पुलिस उसे धक्का दे देती है। ये सुरक्षा नहीं, डर का राज है। 😤

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    Kunal Sharma

    अगस्त 14, 2025 AT 22:31

    देखो, ये सब तकनीकी चालाकी तो बहुत अच्छी है, लेकिन अगर तुम्हारे बारे में एक आम आदमी का दिमाग नहीं चल रहा, तो ये सब कुछ बस एक बड़ा सा फालतू बैनर है। मैंने देखा है एक बुजुर्ग अंग्रेजी बोलते हुए बाजार में बैग चेक कराते हुए - वो नहीं जानता था कि उसके बैग में एक छोटा सा बैटरी बॉक्स था। तुम इसे ड्रोन बैन कहोगे? नहीं, तुम इसे बुद्धिमानी का अभाव कहोगे।

    ये तकनीक तो बहुत अच्छी है, लेकिन इसका उपयोग अगर बुद्धिमानी से नहीं होगा, तो ये सिर्फ एक अच्छा फोटो ऑप्शन होगा - जिसमें तुम लाल किले के सामने खड़े होकर बैग चेक करवाते हो, और बाद में फेसबुक पर डाल देते हो।

    असली सुरक्षा तो वो है जब एक बच्चा अपने दोस्त को बताए कि यहां बिना बैग चेक के नहीं जा सकता। असली सुरक्षा तब बनती है जब आम आदमी अपने आप नियम मान ले।

    हम इतनी तकनीक लगा रहे हैं कि लगता है जैसे हम एक विश्व युद्ध की तैयारी कर रहे हैं। लेकिन असली खतरा तो वो है जो हमारे दिमाग में बैठा है - ये विश्वास कि बस तकनीक ही सब कुछ ठीक कर देगी।

    एक दिन एक आदमी ने कहा था - जब तुम अपने शहर की सुरक्षा के लिए इतना खर्च करते हो, तो क्या तुम उस शहर के लोगों के लिए भी इतना खर्च कर रहे हो? ये तो बस एक नाटक है।

    मैं नहीं कह रहा कि ये सुरक्षा बेकार है, लेकिन ये बहुत अधिक है। एक बार एक बाजार में मैंने देखा - एक औरत ने अपने बच्चे के लिए एक छोटा सा बिस्कुट बैग ले लिया, और पुलिस ने उसे रोक दिया। बच्चा रोने लगा। उस दिन मैंने समझा - ये सुरक्षा नहीं, डर है।

    हम लोगों को बचाने के लिए इतना डर बना रहे हैं कि अब डर ही हमारा नायक बन गया है।

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    Manu Metan Lian

    अगस्त 15, 2025 AT 19:06

    अत्यधिक अनुशासन और तकनीकी उन्नति का यह संगम भारत के सामरिक जागरूकता का एक अद्वितीय उदाहरण है। इस स्तर की सुरक्षा व्यवस्था एक विकासशील राष्ट्र के लिए असंभव नहीं है - बल्कि यह उसकी परिपक्वता का प्रतीक है। जिस देश में नागरिक सुरक्षा को इतनी गंभीरता से लिया जाता है, वही देश वास्तविक स्वतंत्रता की ओर बढ़ रहा है।

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    Pooja Mishra

    अगस्त 17, 2025 AT 03:41

    ये सब तो बस एक नाटक है। आप लोग ड्रोन के बारे में बात कर रहे हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि दिल्ली के गलियों में बच्चे बिना नामांकित बाइक पर घूम रहे हैं? ये जो सुरक्षा है, वो सिर्फ लाल किले के लिए है - नहीं, गरीबों के लिए।

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    Khaleel Ahmad

    अगस्त 18, 2025 AT 11:26

    इस साल लाल किले पर इतनी सुरक्षा क्यों? अगर ये नागरिक सुरक्षा है तो गांवों में भी इतनी नहीं है। असली देश तो वो है जहां लोग आजाद हों, न कि जहां कैमरे ज्यादा हों।

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    Raksha Kalwar

    अगस्त 20, 2025 AT 04:04

    ये सुरक्षा व्यवस्था भारत के विकास की एक नई कहानी है। हम अब सिर्फ देश के लिए नहीं, बल्कि दुनिया के लिए एक नमूना बन रहे हैं। इतनी सख्त तैयारी दिखाती है कि हम अपने राष्ट्रीय गौरव को कैसे संजोते हैं।

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    avinash jedia

    अगस्त 21, 2025 AT 14:26

    अरे यार, ये सब तो बस एक बड़ा सा नाटक है। जब तक एक आदमी अपने घर में बिजली नहीं पाएगा, तब तक ये सब बकवास है।

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    Payal Singh

    अगस्त 21, 2025 AT 20:39

    मैं इस सुरक्षा को देखकर बहुत प्रभावित हुई - लेकिन याद रखिए, ये सुरक्षा केवल लाल किले तक सीमित नहीं होनी चाहिए। हमें शहर के हर कोने, हर गली, हर बच्चे की सुरक्षा की चिंता करनी चाहिए। यही असली स्वतंत्रता है।

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    Shruti Singh

    अगस्त 22, 2025 AT 05:59

    ये सब तकनीक बहुत बढ़िया है, लेकिन अगर आप लोग इसे अपने दिल से महसूस नहीं करेंगे, तो ये सब बस एक शो होगा। आप लोग बस इतना सोचिए - ये सुरक्षा हमारे लिए है, न कि बस एक फोटो के लिए।

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    Anupam Sharma

    अगस्त 23, 2025 AT 02:06

    अगर तुम्हारे घर में बिजली नहीं है तो ड्रोन बैन क्यों? ये सब तो बस एक बड़ा सा लालच है। जिसने ये बनाया, उसे बहुत पैसे मिले होंगे। ये सुरक्षा नहीं, एक बड़ा सा फ्रॉड है।

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    Chandrasekhar Babu

    अगस्त 23, 2025 AT 02:54

    एंटी-ड्रोन सिस्टम का एक्टिवेशन एक इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फ्रीक्वेंसी डिसरप्शन टेक्नोलॉजी पर आधारित है, जो यूएवी के गाइडेंस सिस्टम को इंटरफेर करता है। इसके साथ एआई-बेस्ड ट्रैकिंग एल्गोरिदम ने 99.7% एक्यूरेसी के साथ अनऑथराइज्ड फ्लाइट्स को डिटेक्ट किया है। ये एक इंटीग्रेटेड सिक्योरिटी आर्किटेक्चर है। 🤖

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    himanshu shaw

    अगस्त 24, 2025 AT 06:27

    ये सब तो बस एक बड़ा सा झूठ है। इतनी सुरक्षा क्यों? अगर ये सच में सुरक्षा होती तो बांग्लादेश से आए लोगों को रोक लिया जाता। ये सब बस एक बड़ा सा डर फैलाने का नाटक है।

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