जब तेजेश्वर, पत्रकार अमर उजाला ने 7 अक्टूबर 2025 को दिल्ली के बुलियन मार्केट की कीमतों को अपडेट किया, तो निवेशकों की नींद हिल गई। रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में चांदी की कीमत 10 ग्राम पर ₹1,612.52, जबकि सोने की कीमत 10 ग्राम पर रिकॉर्ड ₹124,000 तक पहुँच गई। यह वही दिन था जब यूएस में सरकार का शटडाउन चल रहा था, जिससे वैश्विक बाजारों में सुरक्षित एसेट की माँग तेज हो गई।
पृष्ठभूमि: भारतीय कीमती धातु बाजार का मौसमी चक्र
भारत में चांदी‑गोल्ड दोनों की कीमतें अक्सर मौसमी त्यौहारों, विशेषकर दीवाली‑धात्रेस के आसपास चौकस रहती हैं। पिछले पाँच वर्षों में देखा गया कि जब विदेश में भू‑राजनीतिक तनाव बढ़ता है, तो सोना शांति‑स्थल बन जाता है, जबकि चांदी में उलटे‑पुलटे मूवमेंट होते हैं। इस साल भी ऐसा ही लग रहा है।
उदाहरण के तौर पर, 2022‑23 में यूएस में ब्याज दरें बढ़ने से सोना 5 % उतरा और चांदी 8 % नीचे गई। अब 2025 में, अमेरिकी सरकार के शटडाउन ने निवेशकों को सोने की ओर धकेल दिया, जबकि चांदी की कीमतें पूरे देश में औसतन ₹3,400 गिर गईं।
वर्तमान कीमतों का विस्तृत विवरण
नीचे प्रमुख शहरों की चांदी‑गोल्ड कीमतों का तालिका है, जो नवभारत टाइम्स के यूट्यूब चैनल पर लाइव अपडेट के आधार पर तैयार की गई है।
- दिल्ली: चांदी ₹1,612.52/10 ग्रा, सोना ₹124,000/10 ग्रा
- मुंबई: चांदी ₹1,607.84/10 ग्रा, सोना ₹123,300/10 ग्रा
- बेंगलुरु: चांदी ₹1,535.96/10 ग्रा, सोना ₹122,500/10 ग्रा
- चेन्नई: चांदी ₹1,539.09/10 ग्रा, सोना ₹122,700/10 ग्रा
- कोलकाता: चांदी ₹1,587.52/10 ग्रा, सोना ₹123,800/10 ग्रा
- हैदराबाद: चांदी ₹1,542.21/10 ग्रा, सोना ₹123,100/10 ग्रा
- पटना: चांदी ₹1,559.87/10 ग्रा, सोना ₹123,400/10 ग्रा
- जयपुर: चांदी ₹1,588.46/10 ग्रा, सोना ₹123,900/10 ग्रा
- लखनऊ: चांदी ₹1,562.52/10 ग्रा, सोना ₹123,600/10 ग्रा
ध्यान देने योग्य बात यह है कि दिल्ली‑बेंगलुरु के बीच चांदी की कीमत में अंतर ₹76.56 (10 ग्राम) था, जो पिछले महीने के औसत अंतर से 30 % अधिक है। इस छोटे‑से अंतर का मतलब है कि व्यापारी और निवेशक दोनों को दैनिक आधार पर कीमतों को ट्रैक करना ज़रूरी है।
विशेषज्ञों की राय: क्यों सोना उछला, चांदी क्यों गिरी?
बाजार विश्लेषक अनिल कुमार, कॉल इंडिया रिसर्च का कहना है, "यूएस में सरकारी शटडाउन के कारण जोखिम‑भरा माहौल बन गया है, निवेशक स्वाभाविक रूप से सोनें की ओर रुख करते हैं। चांदी, जो औद्योगिक मांग से अधिक प्रभावित होती है, इस तनाव में पीछे रह जाती है।"
एक अन्य विशेषज्ञ, समीरा झा, न्यूजफिन दोर्स, ने जोड दिया कि दीवाली‑धात्रेस की खरीदारी की धूम के कारण सोने की मांग पहले से ही उच्च स्तर पर है, और शटडाउन जैसी अनिश्चितता इस रुझान को और तेज़ कर रही है।
निवेशकों के लिए क्या मतलब है?
यदि आप सोने या चांदी में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो दो बातों का ध्यान रखें:
- अस्थिरता के दौर में दैनिक कीमतों की निगरानी जरूरी है। अचानक ₹3,400 की गिरावट चांदी के बाजार में बड़े उतार‑चढ़ाव का संकेत दे सकती है। \n
- त्यौहार‑सीज़न में सोने की कीमतें अक्सर रेकॉर्ड हाई तक पहुँचती हैं। अगर आपका बजट अनुमति देता है, तो दीवाली से पहले थोड़ा देर करके खरीदना फायदेमंद हो सकता है।
साथ ही, कई बैंकों ने चांदी के सिक्के और बर्तनों पर विशेष छूट की घोषणा की है, जो मध्य‑बाजार मूल्य से 2‑3 % कम हो सकता है। यह अवसर छोटे‑मोटे निवेशकों के लिए आकर्षक हो सकता है।
आगे क्या होता रहेगा?
आर्थिक विशेषज्ञ अनुमान लगा रहे हैं कि अगर यूएस में शटडाउन दो‑तीन हफ़्तों में समाप्त हो जाता है, तो सोने की कीमतों में ठहराव या हल्की गिरावट आ सकती है। वहीं, चांदी की कीमतें पुनः स्थिर होने में कुछ महीने लग सकते हैं, क्योंकि औद्योगिक मांग को पुनः स्थापित होने में समय लगेगा।
डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म जैसे इंफ़िनिटी गोल्ड एप और सिल्वर ट्रैकर अब रीयल‑टाइम अलर्ट सुविधा दे रहे हैं, जिससे निवेशक कीमतों के उतार‑चढ़ाव पर तुरंत कार्रवाई कर सकते हैं।
समग्र निष्कर्ष
संक्षेप में, 7 अक्टूबर 2025 को दिल्ली में चांदी की कीमत ₹1,612.52/10 ग्राम और सोने की कीमत ₹124,000/10 ग्राम तक पहुँची। यह दोनों धातुओं के बीच के व्यतिक्रिया को दर्शाता है – सोना सुरक्षित आश्रय बनते हुए नई ऊँचाई पर, जबकि चांदी आर्थिक अस्थिरता के कारण गिरावट देख रही है। आगामी दीवाली‑धात्रेस की खरीदारी के साथ इस रुझान को और समझना जरूरी होगा।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
चांदी की कीमत में गिरावट का मुख्य कारण क्या है?
मुख्य कारण अमेरिकी सरकारी शटडाउन से उत्पन्न वैश्विक असुरक्षा है, जिससे निवेशक सोने को प्राथमिकता देते हैं और औद्योगिक मांग पर निर्भर चांदी की कीमतें नीचे जाती हैं।
दीवाली के दौरान सोने की कीमतें क्यों बढ़ती हैं?
दीवाली में सोने की खरीदारी पर पारम्परिक भरोसा और उपहार‑परंपरा के कारण मौसमी मांग में तेज़ी आती है, जिससे सप्लाई सीमित रहकर कीमतें ऊँची रहती हैं।
बेंगलुरु में चांदी की कीमत सबसे कम क्यों रही?
बेंगलुरु की बाजार में सोने पर भारी खरीदारी की प्रवृत्ति थी, लेकिन चांदी की औद्योगिक उपयोगिता यहाँ कम है, इसलिए सप्लाई‑डिमांड का असंतुलन कीमत को नीचे रखता है।
क्या चांदी में निवेश अभी भी फायदेमंद है?
यदि आप दीर्घकालिक सप्लाई‑डिमांड अंतर को समझते हैं और कीमतों के दैनिक बदलावों पर नज़र रख सकते हैं, तो चांदी अभी भी पोर्टफोलियो में विविधता लाने का साधन हो सकती है।
आगामी सप्ताह में कीमतों के लिए कौन से संकेतक देखना चाहिए?
अमेरिकी आर्थिक डेटा, यूएस शटडाउन की अवधि, और भारतीय त्योहार‑आधारित मांग सूचकांक कीमतों की दिशा तय करेंगे। रीयल‑टाइम ऐप अलर्ट इन संकेतकों को तेज़ी से पकड़ते हैं।
Sunil Kunders
अक्तूबर 7, 2025 AT 21:04भाई साहब, दिल्ली के बुलियन मार्केट में सोने की कीमत इतनी ऊँची पहुँच गई है कि हाथ में थैली भरे मेहँगे आभूषण भी झुकते दिख रहे हैं। चांदी की गिरावट को देखते हुए, छोटे निवेशकों को राजनैतिक उथल-पुथल के दौरान सुरक्षित एसेट पर ध्यान देना चाहिए।
Deepak Rajbhar
अक्तूबर 16, 2025 AT 11:28ओह, फिर से सोने की कीमत आसमान छू रही है, क्या बात है! यूएस शटडाउन से डर के कारण हर कोई सोने की ओर भाग रहा है, लेकिन असली खेल तो अभी शुरू ही नहीं हुआ है 😊
Hitesh Engg.
अक्तूबर 25, 2025 AT 01:52जब बाजार में मौसमी चक्र चलता है तो धातु के भाव को समय के साथ समझना जरूरी हो जाता है।
इस साल की दीवाली के दौरान सोने की मांग में पहले ही पर्याप्त इजाफा देखा गया था।
यूएस शटडाउन का असर न केवल सोने पर बल्कि चांदी की औद्योगिक माँग पर भी परिलक्षित हुआ है।
परिणामस्वरूप चांदी के दाम में भारी गिरावट आई, जबकि सोने की कीमत रेकॉर्ड तोड़ रही है।
निवेशकों को यह ध्यान रखना चाहिए कि अल्पकालिक उतार‑चढ़ाव अक्सर भावनात्मक निर्णयों की ओर ले जाता है।
बहु‑सप्ताहिक कीमत अनुसरण करने वाले प्लेटफ़ॉर्म जैसे इंफ़िनिटी गोल्ड एप अब रीयल‑टाइम अलर्ट दे रहे हैं।
ऐसे अलर्ट निवेशकों को जल्दी से खरीद‑बिक्री करने में मदद करते हैं, जिससे नुकसान घटता है।
साथ ही, बैंकों द्वारा दी जा रही चांदी की छूट वाली योजनाएँ छोटे निवेशकों के लिए आकर्षक बन रही हैं।
परंतु, दीर्घकालिक पोर्टफ़ोलियो में विविधता लाने के लिये चांदी अभी भी एक उपयोगी विकल्प है।
इसे जोड़ने से सोने के साथ साथ मौसमी जोखिम को भी संतुलित किया जा सकता है।
आर्थिक विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर शटडाउन दो‑तीन हफ्तों में खत्म हो जाता है तो सोने की कीमतों में हल्की गिरावट आ सकती है।
वहीं, चांदी की कीमतें स्थिर होने में अधिक समय ले सकती हैं क्योंकि औद्योगिक मांग पुनः स्थापित होने में देर लगती है।
किसी भी स्थिति में, दैनिक मूल्य अंतर को ट्रैक करने के लिये डिजिटल टूल्स का उपयोग अत्यंत आवश्यक है।
निवेशकों को सलाह दी जाती है कि कीमतों के साथ-साथ वैश्विक आर्थिक संकेतकों को भी नज़र में रखें।
अंत में, चाहे आप सोने में हों या चांदी में, सही समय पर निर्णय लेना ही लाभ का मूल मंत्र है।
Zubita John
नवंबर 2, 2025 AT 16:16भाई लोग, मार्केट में “ज़िकर” ज़रूरी है, नहीं तो “फॉलॉ” हो जाएगा। चांदी की गिरावट को हम “बोर्न” कह सकते हैं, जबकि सोना “हिट” पर है। इस मौसमी “लॉजिक” को समझना चाहिए, नहीं तो “ट्रेंड” का फायदा नहीं मिलेगा।
gouri panda
नवंबर 11, 2025 AT 06:40देखिए, सोने की कीमतें अब वरहारा की सवारी जैसी हैं, ऊपर‑नीचे उछल रही हैं! चांदी का गिरना तो बस एक छोटा “ड्रामा” है, लेकिन निवेशकों के मनोबल को नहीं गिरना चाहिए। दिमाग़ शांत रखो, सही टाइम पर लक्ज़री में निवेश करो।
Harmeet Singh
नवंबर 19, 2025 AT 21:04सपोर्टिव टोन में कहूँ तो, अभी बाज़ार थोड़ी अस्थिर दिख रही है, पर यही अवसर है समझदार निवेशकों के लिए। सोने में रखी गई पूँजी दीर्घकाल में मजबूत रिटर्न दे सकती है, जबकि चांदी की साइकिल फिर से उछाल दिखा सकती है। इसलिए दैनिक अपडेट देखते रहें और योजना बनाकर कदम रखें।