नई पारदर्शी प्रक्रिया और चरणबद्ध आवेदन
2024‑25 शैक्षणिक सत्र के क्लास 12 परिणाम के बाद, CBSE ने CBSE परिणाम 2025 के तहत फोटोकॉपी, सत्यापन और पुनर्मूल्यांकन के लिए एक नई, अधिक स्पष्ट प्रक्रिया पेश की। इस साल बोर्ड ने कुल 28,000 से अधिक छात्रों के अनुरोधों को संभाला, जो पिछले वर्षों की तुलना में काफी अधिक है। नई व्यवस्था में छात्रों को पहले अपने उत्तर पुस्तिका की फोटोकॉपी मिलती है, फिर वे आवश्यकतानुसार अंक सत्यापन या प्रश्न‑वार पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह क्रमबद्ध कदम छात्रों को परीक्षक की टिप्पणी और अंक वितरण को समझने का मौका देता है, जिससे अनावश्यक पुनर्मूल्यांकन से बचा जा सके।
फोटोकॉपी के लिए आवेदन 21 मई से 27 मई तक किया गया, प्रत्येक विषय के लिए 700 रुपये की फीस ली गई। इस चरण में छात्र अपने मूल्यांकन की पूरी जानकारी प्राप्त करते हैं। फोटोकॉपी मिल जाने के बाद, यदि कोई छात्र असंतुष्ट रहता है, तो वह 28 मई से 3 जून के बीच सत्यापन (प्रति उत्तर पुस्तिका 500 रुपये) या पुनर्मूल्यांकन (प्रति प्रश्न 100 रुपये) के लिए आवेदन कर सकता है। केवल वही छात्र जो फोटोकॉपी प्राप्त कर चुके हैं, वे सत्यापन या पुनर्मूल्यांकन के योग्य माने जाते हैं, जिससे प्रक्रिया में अनावश्यक दावों को रोका जाता है।
परिणाम का अद्यतन, ऑनलाइन प्रणाली और सामने आए मुद्दे
परिणाम लॉट‑वाइज जारी किए गए; पहला लॉट 17 जुलाई को प्रकाशित हुआ। पुनर्मूल्यांकन के बाद अंक बढ़ भी सकते हैं, घट भी सकते हैं, या वही रह सकते हैं। जहां अंक बदलते हैं, वहां डिजिटल मार्कशीट में स्वचालित अपडेट हो जाता है। पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन ट्रैक करने के लिए CBSE ने cbseit.in पर एक पोर्टल उपलब्ध कराया है, जहाँ छात्र फोटोकॉपी, सत्यापन, पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन, फीस भुगतान और आवेदन स्थिति देख सकते हैं।
- उत्तर पुस्तिका की फोटोकॉपी के लिए ऑनलाइन आवेदन
- अंक सत्यापन का अनुरोध
- प्रश्न‑वार पुनर्मूल्यांकन का विकल्प
- फी भुगतान एवं रसीद डाउनलोड
- आवेदन की वर्तमान स्थिति का रियल‑टाइम ट्रैकिंग
नयी व्यवस्था को विशेषज्ञों ने सराहते हुए भी कई चिंताएँ उठाई हैं। कुछ छात्रों ने कहा कि फोटोकॉपी के बाद भी उत्तर पुस्तिका में त्रुटियाँ रह जाती हैं, जिससे पुनर्मूल्यांकन के दौरान वास्तविक सुधार नहीं हो पाता। दूसरी ओर, प्रक्रिया में समय‑सीमा की कड़े पालन की वजह से कुछ छात्रों को अपनी पूरी पूछताछ पूरी करने में देर लग गई। इस सिलसिले में कई शिक्षाविद ने सुझाव दिया है कि पारदर्शिता को और सुदृढ़ करने के लिए उत्तर पुस्तिकाओं के डिजिटल संस्करण भी उपलब्ध कराए जाएँ और पुनर्मूल्यांकन के लिए स्वतंत्र विशेषज्ञ पैनल की भागीदारी बढ़ाई जाए।
बोर्ड परीक्षा की प्रतिस्पर्धी प्रकृति को देखते हुए, एक अंक का भी बदलाव छात्र के भविष्य को प्रभावित कर सकता है—उच्च शिक्षा प्रवेश, प्रोफ़ेशनल कोर्स या नौकरी के चयन में। इसलिए CBSE की यह नई पुनर्मूल्यांकन प्रणाली छात्र सशक्तिकरण की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, लेकिन इसे और अधिक उपयोगकर्ता‑मुक्त और भरोसेमंद बनाने के लिए निरंतर सुधार की जरूरत है।
Debakanta Singha
सितंबर 26, 2025 AT 17:58swetha priyadarshni
सितंबर 28, 2025 AT 07:18tejas cj
सितंबर 29, 2025 AT 16:45Chandrasekhar Babu
अक्तूबर 1, 2025 AT 12:32Pooja Mishra
अक्तूबर 2, 2025 AT 03:50Khaleel Ahmad
अक्तूबर 3, 2025 AT 21:01Liny Chandran Koonakkanpully
अक्तूबर 5, 2025 AT 01:54Anupam Sharma
अक्तूबर 5, 2025 AT 21:51Payal Singh
अक्तूबर 6, 2025 AT 22:24avinash jedia
अक्तूबर 8, 2025 AT 17:11Shruti Singh
अक्तूबर 10, 2025 AT 10:48Kunal Sharma
अक्तूबर 10, 2025 AT 11:04Raksha Kalwar
अक्तूबर 11, 2025 AT 17:21