अडियाला जेल में इमरान खान की मौत की अफवाहों का खंडन, पीटीआई समर्थकों ने की प्रतिबंधित यात्रा की मांग

अडियाला जेल में इमरान खान की मौत की अफवाहों का खंडन, पीटीआई समर्थकों ने की प्रतिबंधित यात्रा की मांग

26 नवंबर, 2025 को अडियाला जेल में कैद रह रहे पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान अहमद खान नियाजी की मौत की अफवाहें फैल गईं, जिसने पूरे देश में भीड़-भाड़ और आंदोलन का दृश्य देखा। इस अफवाह का शुभारंभ अफगानिस्तान टाइम्स नाम के एक सोशल मीडिया हैंडल ने किया, जिसने ‘ब्रेकिंग न्यूज’ के तौर पर दावा किया कि ‘पाकिस्तान के एक विश्वसनीय स्रोत’ ने पुष्टि की है कि पीटीआई के अध्यक्ष की मौत हो गई है और उनका शव जेल से बाहर ले जाया गया है। लेकिन अगले दिन, 27 नवंबर को, अडियाला जेल प्रशासन ने एक आधिकारिक बयान जारी करके इसे पूरी तरह खंडित कर दिया: ‘उनके अडियाला जेल से स्थानांतरण की अफवाहों का कोई सच्चाई से कोई लेना-देना नहीं है। वह पूरी तरह स्वस्थ हैं और पूर्ण चिकित्सा सुविधाएं पा रहे हैं।’

परिवार का दर्द: तीन बहनों की अनुमति और बलात्कार की शिकायत

इमरान खान की तीन बहनें — नोरीन नियाजी, अलीमा खान और डॉ. उम्मा खान — ने कहा कि वे तीन सप्ताह से अदालत द्वारा दी गई यात्रा की अनुमति के बावजूद उनसे मिलने नहीं पाईं। उन्होंने बताया कि 26 नवंबर को जेल के बाहर शांतिपूर्ण आंदोलन करते समय अचानक आसपास के स्ट्रीटलाइट्स बंद कर दिए गए, और फिर पंजाब पुलिस के अधिकारियों ने उन पर बर्बर हमला किया। ‘हमने किसी सड़क को अवरुद्ध नहीं किया, किसी भी नागरिक की आवाजाही में बाधा नहीं डाली। फिर भी, बिना किसी चेतावनी के, हम पर हमला किया गया,’ नोरीन नियाजी ने बताया।

यह घटना उसी दिन जेल के बाहर हजारों पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) समर्थकों को इकट्ठा करने का कारण बनी। लोगों ने उनकी जीवितता के प्रमाण और तुरंत दर्शन की मांग की। कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें खान को एक स्ट्रेचर पर लेटा हुआ दिखाया गया। लेकिन इंडिया टुडे और अन्य स्रोतों ने इसे फर्जी और संपादित बताया।

सरकार का जवाब: ‘पांच सितारा होटल से भी बेहतर खाना’

इस बीच, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री खवाजा असीफ ने इमरान खान के साथ हो रहे ‘अत्याचार’ के दावों का खंडन करते हुए कहा, ‘उनके लिए आने वाला भोजन एक पांच सितारा होटल में भी नहीं मिलता।’ उन्होंने और भी बताया कि खान को टीवी, व्यायाम का उपकरण, डबल बिस्तर और ‘वेलवेट मैट्रेस’ की सुविधा उपलब्ध है। यह बयान लोगों के बीच और अधिक विश्वासघात की भावना पैदा कर रहा है। क्योंकि अगर वास्तव में इतनी अच्छी सुविधाएं हैं, तो फिर बहनों को मिलने की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही? और क्यों उन पर हमला किया गया?

राजनीतिक वातावरण: 27वां संविधान संशोधन और सैन्य-नागरिक तनाव

इस अफवाह का समय बिल्कुल ऐसा है जब पाकिस्तान ने 27वां संविधान संशोधन पारित कर दिया है, जिसने देश में सत्ता का संतुलन बदल दिया है। इकोनॉमिक टाइम्स ने इसे ‘पाकिस्तान में सिविल सरकार और सेना के बीच लंबे समय से चल रहे तनाव के दृश्य को और गहरा करने वाला’ बताया है। यह नया संशोधन न केवल सेना के अधिकारों को बढ़ा रहा है, बल्कि राजनीतिक विरोधियों को निर्दोष ठहराने के लिए न्यायपालिका की स्वतंत्रता को भी सीमित कर रहा है।

इसके अलावा, अडियाला जेल का इतिहास भी लोगों के डर को बढ़ा रहा है। यह जेल पिछले दशकों में कई राजनीतिक नेताओं के लिए एक अंधेरा और अनुत्तरदायी स्थान रही है। इमरान खान को अगस्त 2023 से इसी जेल में रखा गया है, जब उन्हें 2022 के अविश्वास प्रस्ताव के बाद पद से हटा दिया गया था। उन पर भ्रष्टाचार और आतंकवाद के कई मामले दर्ज हैं।

आंदोलन शांत, लेकिन असंतोष बना हुआ

आंदोलन शांत, लेकिन असंतोष बना हुआ

27 नवंबर को, मजलिस वहदात-ए-मुस्लिमीन (एमडब्ल्यूएम) के नेता अलामा रजा नसीर ने आंदोलन को शांत करने का अनुरोध किया, जिसके बाद जेल के बाहर की भीड़ धीरे-धीरे बिखर गई। लेकिन शांति का यह वातावरण अस्थायी है। पीटीआई ने अधिकारियों से एक औपचारिक जवाब मांगा है और ‘तुरंत उनके परिवार के साथ बैठक की व्यवस्था करने’ की अपील की है।

एक बात स्पष्ट है — इमरान खान का शरीर जेल में है, लेकिन उनकी आजादी और उनके परिवार का अधिकार जेल के बाहर है। जब एक व्यक्ति को बिना साबित किए लंबे समय तक कैद रखा जाता है, तो उसकी जीवितता का सवाल अकेला नहीं रह जाता। यह सवाल एक राष्ट्रीय आत्मा का है — क्या न्याय बरकरार है? या बस एक नेता के खिलाफ एक राजनीतिक अभियान चल रहा है?

क्या होगा अगला कदम?

अब तक का एकमात्र विश्वसनीय तथ्य यह है कि इमरान खान जीवित हैं। लेकिन उनकी जीवितता की पुष्टि अब एक न्यायिक निरीक्षण और एक निष्पक्ष दर्शन के बिना अपर्याप्त है। पीटीआई ने अदालत में एक नई याचिका दायर करने की घोषणा की है। एक अधिकारी ने अंदरूनी सूत्रों के अनुसार कहा, ‘अगले 72 घंटों में एक न्यायाधीश की अगुवाई में एक स्वतंत्र जांच समिति का गठन हो सकता है।’

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

इमरान खान को क्यों जेल में रखा गया है?

इमरान खान को 2022 में अविश्वास प्रस्ताव से पद से हटाने के बाद, अगस्त 2023 से अडियाला जेल में रखा गया है। उन पर भ्रष्टाचार, राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ षड्यंत्र और आतंकवाद जैसे कई मामले दर्ज हैं। उनके पक्ष का दावा है कि ये मामले राजनीतिक बदलाव के लिए बनाए गए हैं।

परिवार को दर्शन की अनुमति क्यों नहीं मिल रही?

परिवार का दावा है कि अदालत ने उन्हें नियमित दर्शन की अनुमति दी है, लेकिन जेल प्रशासन ने तीन सप्ताह से इसे रोक रखा है। यह एक ऐसा अनुचित अतिक्रमण है जो न्याय के अधिकारों को तोड़ता है। यह बात भी ध्यान देने योग्य है कि खेमे के चीफ मंत्री सोहेल अफरीदी ने भी सात बार दर्शन की कोशिश की, लेकिन वह असफल रहे।

27वां संविधान संशोधन का इमरान खान पर क्या प्रभाव पड़ा है?

27वां संविधान संशोधन सेना के नागरिक अधिकारों पर अधिक नियंत्रण देता है और राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ न्यायपालिका के उपयोग को आसान बनाता है। इसके बाद जेल में रखे गए नेताओं के लिए कानूनी सुरक्षा कम हो गई है। यह संशोधन अफवाहों को भी बढ़ावा देता है, क्योंकि लोग अब भरोसा नहीं कर पाते कि न्याय उनके पक्ष में होगा।

अडियाला जेल क्यों इतनी डरावनी है?

अडियाला जेल ने पिछले तीन दशकों में कई राजनीतिक नेताओं को अनुत्तरदायी तरीके से कैद रखा है। यहां बार-बार गायब होने और अज्ञात कारणों से मौत की घटनाएं हुई हैं। इसका नाम इसलिए भी डरावना है क्योंकि यहां आंतरिक जांच नहीं होती और बाहरी निगरानी नहीं होती।

अफवाहें क्यों इतनी तेजी से फैलीं?

क्योंकि इमरान खान के खिलाफ चल रहे मामले स्पष्ट रूप से राजनीतिक हैं। उनके समर्थकों को लगता है कि उनकी जान लेने की योजना है। इसके अलावा, सोशल मीडिया पर अफवाहों को फैलाने के लिए अब बहुत आसान टूल्स उपलब्ध हैं। एक अज्ञात खाते का एक बयान, एक फर्जी वीडियो — और पूरा देश हिल गया।

अगला कदम क्या होगा?

पीटीआई अदालत में एक नई याचिका दायर करेगा, जिसमें एक स्वतंत्र निरीक्षण समिति के गठन की मांग होगी। अगर सरकार इसे नकारती है, तो यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बढ़ाएगा। यूएन और अमेरिका जैसे देशों ने पहले भी इमरान खान के लिए न्याय की मांग की है।

5 Comments

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    Narinder K

    नवंबर 28, 2025 AT 11:47

    अडियाला जेल में पांच सितारा होटल का खाना? भाई, अगर मैं वहां होता तो भूख से मर जाता। जेल में वेलवेट मैट्रेस और डबल बिस्तर तो बहुत अच्छा है... पर बहनों को मिलने नहीं देना? ये तो बस एक नाटक है।

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    Narayana Murthy Dasara

    नवंबर 29, 2025 AT 13:52

    दोस्तों, ये सब बहुत दर्दनाक है। अगर कोई व्यक्ति बिना साबित किए तीन साल से कैद है, तो उसके परिवार को मिलने का अधिकार तो बना ही रहना चाहिए। न्याय तभी असली होता है जब वो दिखे, न कि बस बयानों में।

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    lakshmi shyam

    नवंबर 29, 2025 AT 22:10

    अरे ये सब बकवास है। इमरान खान को जेल में रखना बिल्कुल सही है। भ्रष्टाचार करके पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बर्बाद की, फिर अब रो रहे हो? जेल के बाहर भीड़ भाड़ करना भी बेकार है। अदालत ने जो फैसला दिया वो बरकरार रहे।

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    Sabir Malik

    दिसंबर 1, 2025 AT 14:41

    सुनो, ये जो अफवाहें फैल रही हैं, वो बस एक भावनात्मक प्रतिक्रिया है। जब लोग देखते हैं कि न्याय धुंधला हो रहा है, तो वो अपने डर को एक वीडियो या एक बयान के रूप में बाहर निकाल देते हैं। ये तो सिर्फ एक राष्ट्र का आंतरिक आंदोलन है - जब आप लोगों को लगे कि आपकी आवाज़ नहीं सुनी जा रही, तो आप अपनी आवाज़ को बहुत तेज़ कर देते हैं। और फिर आपको लगता है कि आप बच गए।

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    Debsmita Santra

    दिसंबर 1, 2025 AT 17:05

    हमें ये समझना होगा कि न्याय का मतलब सिर्फ अदालत का फैसला नहीं होता ये तो बस एक प्रक्रिया है असली न्याय तो तब होता है जब एक व्यक्ति को उसके अधिकार मिलें जैसे परिवार से मिलने का या अपनी बात कहने का अगर ये नहीं मिल रहा तो ये न्याय का नाम नहीं बल्कि एक राजनीतिक दमन है और इसके खिलाफ आवाज उठाना बिल्कुल सही है

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