22 साल बाद पाक से हामिदा बानो की वतन वापसी
भारत और पाकिस्तान के बीच सामाजिक और भावनात्मक संबंधों की जटिलता अक्सर हमारे सामने आती है। इसी की एक दास्तान हैं हामिदा बानो, जो मुसीबतों के दलदल में फंसी रही और अंततः एक लंबी लड़ाई के बाद वे अपने घर लौटी। उनका इस तरह का सफर किसी फ़िल्मी कहानी जैसा है, परंतु यह पूरी तरह से सच है।
हामिदा बानो का जन्म मुंबई में हुआ था। उनका जीवन एक सामान्य मध्यवर्गीय परिवार का हिस्सा था। उन्हें अपने देश से काम के सिलसिले में बाहर जाने का अक्सार सोचती रहती थी। 2002 में, एक ट्रेवल एजेंट ने उन्हें दुबई में शेफ की नौकरी देने का वादा किया। यह प्रस्ताव उनके लिए आर्थिक समृद्धि का एक दरवाजा था, पर यह साज़िश निकला।
एजेंट ने धोखे से उन्हें पाकिस्तान के हैदराबाद भेज दिया। हामिदा को शायद ही यह उम्मीद थी कि यह उनका सालों तक का निवास स्थान बनेगा। यह अनुभव उनके लिए भारी पड़ गया। उन्हें जबरदस्ती वहां रखा गया था और उनके लिए वापस भारत लौटने के अवसर लगातार घटते जा रहे थे।
पाकिस्तान में भी नया जीवन
वक्त के साथ, हामिदा ने पाकिस्तान में जीवन को अपनाया। वहाँ उनकी शादी एक स्थानीय व्यक्ति से करवा दी गई जो बाद में कोविड-19 के कारण चल बसा। यह क्षण उनकी मुश्किलों का एक और अध्याय था। उनके पति के निधन के बाद, वे अपने सौतेले बेटे के साथ कराची में रहने लगीं।
इन संघर्षों के बीच हामिदा को अपने परिवार की बहुत याद आती थी। उनका परिवार और उनके बीच संवाद का कोई माध्यम नहीं था, और इसीलिए वे अपने परिवार के बारे में कुछ भी नहीं जान पाईं। यह अवधि उनके लिए अकेलापन और निराशा की थी।
वापसी की उम्मीद
2022 में, हामिदा की कहानी सुर्खियों में तब आई, जब यूट्यूबर वलीउल्ला मारूफ ने उनके हालात को दुनिया के सामने पेश किया। उनकी संवेदनशीलता और कहानी ने लोगों को झकझोर दिया। इस पहल ने उन्हें भारतीय अधिकारियों से संपर्क करने का मौका दिया।
इसके बाद, उनकी भारत वापसी की प्रक्रिया तेज़ कर दी गई। कराची से लाहौर तक की फ्लाइट के जरिए यात्रा करते हुए वे पाकिस्तान के वाघा बॉर्डर पर आ पहुंची। वहां से भारतीय अधिकारियों ने उन्हें अपने संरक्षण में ले लिया।
भावनाओं का अतिरेक
भारत की मिट्टी पर कदम रखते ही हामिदा बानो के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। उन्होंने अपनी जूनूनित यात्रा की याद करते हुए कहा कि वो अपनी वापसी के बारे में नाउम्मीद हो चुकी थीं, लेकिन भाग्य ने उन्हें यह दिन दिखाया।
बाईस साल का लंबा समय उनके और उनके परिवार के लिए इंतजार का था। उनकी वापसी न केवल उनके लिए बल्कि उनके परिवार के लिए भी नई उम्मीदों का उत्सव बन गई। उन्होंने कहा कि अब वे अपने बच्चों और परिवार के संग जिंदगी नये सिरे से प्रारंभ करेंगी।
सीख और संदेश
हामिदा का यह सफर हमें बताता है कि कैसे कभी-कभी हमारी आकांक्षाओं को धोखे का शिकार होना पड़ता है। यह घटना अंतर्राष्ट्रीय संबंधों और उनमें सहयोग की आवश्यकताओं को भी उजागर करती है।
इस घटना ने यह भी दिखा दिया कि कैसे सामाजिक मीडिया और नए युग के प्लेटफार्म का सही उपयोग करके लोगों की समस्याओं को सुना और सुलझाया जा सकता है। यह दिखाता है कि ऐसे लोग जो अपनी पीड़ा को दुनिया के सामने लाना चाहते हैं, उन्हें कोई न कोई आवश्यक मदद मिल ही जाती है।
Rohit verma
दिसंबर 17, 2024 AT 19:37harsh raj
दिसंबर 17, 2024 AT 23:26tejas cj
दिसंबर 19, 2024 AT 00:54Arya Murthi
दिसंबर 20, 2024 AT 09:27Rashmi Primlani
दिसंबर 21, 2024 AT 03:57swetha priyadarshni
दिसंबर 23, 2024 AT 00:51Prakash chandra Damor
दिसंबर 23, 2024 AT 17:31Debakanta Singha
दिसंबर 24, 2024 AT 23:30Khaleel Ahmad
दिसंबर 25, 2024 AT 17:39himanshu shaw
दिसंबर 25, 2024 AT 17:55Pooja Mishra
दिसंबर 26, 2024 AT 03:51Liny Chandran Koonakkanpully
दिसंबर 27, 2024 AT 22:04Chandrasekhar Babu
दिसंबर 29, 2024 AT 13:42Manu Metan Lian
दिसंबर 30, 2024 AT 13:23