महान अभिनेता दिल्ली गणेश का निधन: तमिल सिनेमा का एक युग समाप्त

महान अभिनेता दिल्ली गणेश का निधन: तमिल सिनेमा का एक युग समाप्त

दिल्ली गणेश: अभिनय की यात्रा और एक समर्पित जीवन

अभिनेता दिल्ली गणेश की छवि तमिल सिनेमा के एक उत्कृष्ट सितारे के रूप में अमर है। 1944 में जन्मे दिल्ली गणेश का निधन 80 वर्ष की आयु में चेन्नई में हुआ। उनके जाने से फिल्म जगत में शोक की लहर दौड़ गई। अपने जीवनकाल में उन्होंने 400 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया, जो उनकी अभिनय कला की असाधारण समझ और समर्पण का प्रतीक है।

थिएटर से सिनेमा तक का सफर

दिल्ली गणेश की अभिनय यात्रा का आरंभ एक थिएटर समूह, 'दक्षिणा भारत नाटक सभा', के साथ जुड़ने से हुआ। थिएटर के अनुभव ने उन्हें फिल्मों के लिए तैयार किया और उनके अभिनय की जड़े मजबूत की। 1964 से 1974 तक उन्होंने भारतीय वायुसेना में सेवा की और इसके बाद पूर्णतः अभिनय के क्षेत्र की ओर रुख किया।

फिल्मों में दिल्ली गणेश का योगदान

उनकी पहली फिल्म 'நான் அவன் இல்லை' से लेकर उन्होंने अनेक यादगार भूमिकाएं निभाईं। 'पासी' (1979) में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उन्हें तमिलनाडु राज्य फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया। इसके अलावा, 'सिंधु भैरवी' (1985), 'नायकन' (1987), 'माइकल मदना कामा राजन' (1990), 'आहा..' (1997) और 'तेनाली' (2000) जैसी फिल्मों में उनकी भूमिकाएं दर्शकों के दिलों में अमिट छाप छोड़ गई।

सीमा पार की धाराएँ और टी.V में योगदान

तमिल फिल्म उद्योग के साथ-साथ, दिल्ली गणेश को मलयालम सिनेमा में भी यादगार भूमिका निभाने का मौका मिला। उनका 'ध्रुवम' (1993), 'देवासुरम' (1993), 'कालापानी' (1996), 'कीर्ति चक्र' (2006), और 'पोक्किरी राजा' (2010) जैसे कई मलयालम फिल्मों में योगदान उल्लेखनीय है। उन्होंने टीवी पर भी काम किया, जिसमें 'मेट्टी ओली' उनका सबसे प्रसिद्ध धारावाहिक था।

सम्मान और उपलब्धियां

गणेश जी को 1994 में तत्कालीन मुख्यमंत्री जे जयललिथा द्वारा 'कालैमामणि' पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। यह पुरस्कार उनके कला क्षेत्र में दिए गए अतुलनीय योगदान के लिए दिया गया। उनके अभिनय करियर में जो भी उपलब्धियां उन्होंने हासिल की, वे तमिल सिनेमा के प्रशंसा-पत्र में सुनहरे अक्षरों से अंकित हैं।

परिवार और व्यक्तिगत जीवन

दिल्ली गणेश के परिवार में उनकी पत्नी और दो बच्चे हैं। अपने करीबियों के साथ वे एक सादा अतिरिक्त-लालित्य जीवन बिताते थे। फिल्म जगत में उनके योगदान के साथ-साथ उनके व्यक्तिगत जीवन की सरलता ने भी लोगों के दिलों में विशेष स्थान प्राप्त किया।

शोक और अंतिम संस्कार

उनके निधन पर सिनेमा जगत के साथ-साथ उनके चाहने वालों ने भी गहरा दुख व्यक्त किया। रविवार को उनका अंतिम संस्कार किया गया, जिसमें तमाम हस्तियों के अलावा आम जनता ने भी शामिल होकर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

दिल्ली गणेश जी का योगदान अनमोल है और भारतीय सिनेमा में उनकी यादें हमेशा जीवित रहेंगी।