विप्रो शेयरों में गिरावट: पहली तिमाही के नतीजों ने किया निवेशकों को निराश

विप्रो शेयरों में गिरावट: पहली तिमाही के नतीजों ने किया निवेशकों को निराश

विप्रो के शेयर में भारी गिरावट: पहली तिमाही के नतीजों के बाद निवेशकों की निराशा

जून 2024 के तिमाही नतीजों के बाद विप्रो लिमिटेड के शेयरों में बड़े पैमाने पर गिरावट देखने को मिली। बीते सोमवार, 22 जुलाई 2024 को कंपनी के शेयर में 9% की भारी गिरावट दर्ज की गई, जिससे यह एक महीने के निचले स्तर पर आ गया। निवेशकों की निराशा का मुख्य कारण कंपनी के निराशाजनक तिमाही नतीजे रहे हैं।

वित्तीय वर्ष 2025 की पहली तिमाही में कंपनी की स्थिर मुद्रा आय में लगातार छठी तिमाही गिरावट देखने को मिली, जो 1% थी। जबकि बाजार ने उम्मीद जताई थी कि कंपनी की आय में कोई बिगड़ाव नहीं होगा और यह स्थिर रहेगी। विप्रो के अमेरिकी बाजार में लिस्टेड शेयरों में भी शुक्रवार रात को 11.5% की गिरावट दर्ज की गई। यह आंकड़े संकेत देते हैं कि कंपनी के नतीजे निवेशकों को हताश करने वाले साबित हुए हैं।

CEO का बयान और सेक्टोरल प्रदर्शन

विप्रो के CEO श्रीनिवास पलिया ने इन नतीजों के पीछे क्लाइंट खर्च में सतर्कता और म्यूटेड डिस्क्रिशनरी स्पेंडिंग का हाथ बताया है। उन्होंने कहा कि कई क्लाइंट्स ने अपने खर्च में कटौती की है और उन क्षेत्रों में डिस्क्रिशनरी खर्च नहीं कर रहे हैं जो पहले मुनाफे के स्रोत थे। कंपनी की आय में गिरावट के बावजूद, यह प्रभावशाली है कि उन्होंने अपने ऑपरेटिंग मार्जिन को बनाए रखा है। कंपनी का EBIT मार्जिन भी 16.5% तक थोड़ा बढ़ा है।

साथ ही, बैंकिंग और वित्तीय सेवा (BFSI) सेगमेंट ने सकारात्मक प्रदर्शन किया है, जबकि मैन्युफैक्चरिंग, ऊर्जा और युटिलिटी सेक्टर्स में कमजोर नतीजे देखे गए। यह संकेत देता है कि कुछ विशिष्ट क्षेत्रों ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है, जबकि अन्य क्षेत्रों में गिरावट देखने को मिली है।

ब्रोकरेज राय और विश्लेषकों की प्रतिक्रिया

ब्रोकरेज राय और विश्लेषकों की प्रतिक्रिया

कई ब्रोकरेज हाउसेस ने इस तिमाही नतीजों के बाद अपने रेटिंग्स में बदलाव किया है। सिटी और मोर्गन स्टेनली ने अपने 'सेल' और 'अंडरवेट' रेटिंग्स को बनाए रखा है। उन्होंने कहा कि विप्रो का अपने कंप्टीटर्स के मुकाबले वृद्धि अंतराल चिंताजनक है।

44 विश्लेषकों में से 23 ने विप्रो को 'सेल' या समकक्ष रेटिंग दी है, 12 ने 'होल्ड' की सिफारिश की है, जबकि केवल 9 ने 'बाय' की सिफारिश की है। यह स्पष्ट करता है कि अधिकाधिक विश्लेषक कंपनी के भविष्य के प्रदर्शन को लेकर चिंतित हैं और निवेशकों को आगाह कर रहे हैं।

आर्थिक प्रभाव और आगे की चुनौतियाँ

यह गिरावट संभावित निवेशकों और मौजूदा शेयरधारकों के लिए बड़ा झटका साबित हो सकती है। कंपनी को अब अपनी रणनीतियों पर पुनर्विचार करना होगा और इस बात पर ध्यान देना होगा कि कैसे वे क्लाइंट्स को अधिक आत्मविश्वास दे सकते हैं ताकि वे अपने खर्चों को बढ़ा सकें।

आने वाले तिमाहियों में विप्रो को उन क्षेत्रों पर जोर देना होगा जिन्हें सकारात्मक रूप से प्रभावित किया जा सकता है। अगर वे अपने BFSI सेगमेंट में अधिक निवेश और नवाचार करने में सक्षम होते हैं, तो यह उनकी आय में वृद्धि ला सकता है। इसके अलावा, अन्य क्षेत्रों में प्रदर्शन सुधारने के प्रयास भी किए जाने चाहिए।

कंपनी को अपने प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले अपनी वृद्धि दर को भी सुधारने की आवश्यकता होगी। क्लाइंट खर्च में सतर्कता और म्यूटेड डिस्क्रिशनरी स्पेंडिंग जैसी समस्याओं का समाधान निकालने के साथ-साथ उन्हें अपनी सेवाओं और उत्पादों की गुणवत्ता में भी सुधार करने की आवश्यकता होगी।

संक्षेप में, विप्रो के लिए आने वाले समय में कई चुनौतियाँ होंगी जिन पर उन्हें काबू पाना होगा। उनकी सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि वे कैसे इन चुनौतियों का सामना और समाधान करते हैं और अपने निवेशकों का विश्वास वापस प्राप्त करते हैं।

7 Comments

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    Debakanta Singha

    जुलाई 23, 2024 AT 17:41
    विप्रो का ये गिरावट कोई अचानक नहीं हुआ है। पिछले दो साल से ये ट्रेंड चल रहा है। क्लाइंट्स अब ऑटोमेशन और AI पर भरोसा कर रहे हैं, न कि बड़े आउटसोर्सिंग फर्म्स पर। ये बाजार का बदलाव है, न कि सिर्फ विप्रो की गलती।
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    swetha priyadarshni

    जुलाई 23, 2024 AT 19:27
    मैंने विप्रो के फाइनेंशियल रिपोर्ट को ध्यान से पढ़ा है, और एक बात स्पष्ट है - BFSI सेगमेंट में उनकी ग्रोथ अभी भी टिकाऊ है। अगर वे इसी रास्ते पर आगे बढ़ेंगे, तो अगली तिमाही में वृद्धि का अवसर हो सकता है। अमेरिकी बाजार में गिरावट तो हुई है, लेकिन भारत में उनकी डिमांड अभी भी स्थिर है। इसलिए अभी बेचना जल्दबाजी होगी।
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    tejas cj

    जुलाई 23, 2024 AT 23:20
    ये सब बकवास है। CEO ने क्लाइंट्स को दोष दिया और खुद को निर्दोष बता लिया। जब तक वो अपने टीम को बदल नहीं देते, तब तक ये गिरावट जारी रहेगी। इन लोगों को तो अभी भी लगता है कि वो टेक्नोलॉजी कंपनी हैं, जबकि वो तो बस एक ऑफशोर बुककीपिंग फर्म बन चुके हैं।
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    Chandrasekhar Babu

    जुलाई 25, 2024 AT 07:35
    EBITDA मार्जिन में 16.5% का बढ़ोतरी एक बहुत ही महत्वपूर्ण मैक्रोइकॉनॉमिक इंडिकेटर है जो बताता है कि कंपनी की ऑपरेशनल एफिशिएंसी में सुधार हुआ है। हालांकि, रेवेन्यू ग्रोथ रेट अभी भी नेगेटिव है, जिसका मतलब है कि डिमांड साइड पर डिस्क्रिशनरी स्पेंडिंग के बारे में एक गहरी संरचनात्मक समस्या है। अगर वे अपने सेवा पोर्टफोलियो को AI-ड्रिवन एंटरप्राइज सॉल्यूशन्स की ओर री-एंजिनियर नहीं करते, तो ये गिरावट अगले चार तिमाहियों तक जारी रहेगी।
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    Pooja Mishra

    जुलाई 26, 2024 AT 06:46
    ये सब बस एक बड़ी गलती है। विप्रो ने अपने लोगों को बर्बाद कर दिया है। जो लोग इस कंपनी में काम करते हैं, उन्हें बर्बाद कर दिया गया है। ये लोग अपने घरों के लिए अपनी जिंदगी बेच रहे हैं और फिर भी वो अपने बॉस के बारे में बात कर रहे हैं कि उनके क्लाइंट्स ने खर्च कम किया है? ये बेवकूफी है। ये कंपनी अब बस एक बड़ी बाजार में फंसी हुई ट्रेन है।
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    Khaleel Ahmad

    जुलाई 28, 2024 AT 01:32
    बस इतना कहूं कि बाजार बदल रहा है। विप्रो को अपने आप को बदलना होगा। नहीं तो ये गिरावट और बढ़ेगी।
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    Liny Chandran Koonakkanpully

    जुलाई 28, 2024 AT 23:21
    मैंने तो बता दिया था कि ये कंपनी डूब रही है। लोग अभी भी सोच रहे हैं कि ये टेक कंपनी है? ये तो 2005 की बात है। अब तो ये बस एक बड़ा ऑफशोर डेटा एंट्री सेंटर है। अगर तुम इसमें पैसा लगा रहे हो तो तुम बस अपना समय बर्बाद कर रहे हो। ये गिरावट अभी शुरू हुई है। अगले 6 महीने में ये शेयर 30% और गिर जाएगा। बेच दो अभी।

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