ओडिशा 10वीं परिणाम 2024: लड़कियों ने लड़कों को पछाड़ा
बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (BSE) ओडिशा ने कक्षा 10 मैट्रिक परीक्षा 2024 के परिणामों की घोषणा कर दी है। इस वर्ष परिणाम 26 मई 2024 को घोषित किए गए। परीक्षार्थी अपने परिणाम bseodisha.ac.in या orissaresults.nic.in पर जाकर चेक कर सकते हैं। इस बार लड़कियों ने 96.73% पास प्रतिशत के साथ लड़कों से बेहतर प्रदर्शन किया, जिनका पास प्रतिशत 93% रहा।
हैरानी की बात यह है कि इस वर्ष कुल 5,51,611 छात्रों ने BSE ओडिशा वार्षिक मैट्रिक परीक्षा 2024 के लिए पंजीकरण किया था। इस साल का कुल पास प्रतिशत 96.07% रहा, जो पिछले साल के 96.04% के मुकाबले मामूली वृद्धि दर्शाता है। स्पष्ट है कि ओडिशा बोर्ड के छात्र निरंतर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं और परीक्षा परिणाम में भी सुधार हो रहा है।
परिणाम चेक करने का तरीका
परीक्षार्थी अपना परिणाम देखने के लिए अपने रोल नंबर और जन्म तिथि का उपयोग कर सकते हैं। परिणाम देखने के लिए परीक्षार्थी नीचे दिए गए तरीकों का उपयोग कर सकते हैं:
- आधिकारिक वेबसाइट्स bseodisha.ac.in या orissaresults.nic.in पर जाएं
- अपने रोल नंबर और जन्म तिथि दर्ज करें
- परिणाम को स्क्रीन पर देखें और डाउनलोड करें
इसके अलावा, छात्र एसएमएस के माध्यम से भी अपने परिणाम देख सकते हैं। इसके लिए 'OR10
हेड्स ऑफ स्कूल्स के लिए विशेष नोटिस
स्कूलों के प्रधानाचार्यों के लिए सूचना है कि वे अपने उपयोगकर्ता आईडी और पासवर्ड का उपयोग करके 12:30 बजे के बाद अपने स्कूल के टेबलुलेशन रजिस्टर तक पहुँच सकते हैं।
परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद छात्रों और उनके अभिभावकों में बहुत उत्साह देखा गया। छात्र अपने प्रदर्शन से खुश और गर्व महसूस कर रहे हैं। वहीं, कुछ छात्रों ने अपनी सफलता का श्रेय शिक्षकों और परिवार के सहयोग को दिया है।
पास प्रतिशत में सुधार
इस वर्ष का कुल पास प्रतिशत 96.07% रहा, जो पिछले वर्ष के 96.04% के मुकाबले हल्का सुधार दिखाता है। यह दर्शाता है कि ओडिशा के विद्यार्थी निरंतर उत्कृष्टता की ओर बढ़ रहे हैं।
शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि ओडिशा बोर्ड की गुणवत्ता में सुधार और शिक्षा के स्तर को बढ़ावा देने के कारण यह सुधार हो सका है। नियमित परीक्षा और शिक्षा स्तर की निरंतर निगरानी के कारण छात्रों का प्रदर्शन बेहतर हो रहा है।
- शिक्षा में नवाचार की पहल - ओडिशा बोर्ड ने शिक्षा में कई नए कदम उठाए हैं, ताकि छात्रों की शिक्षा को समृद्ध और प्रभावी बनाया जा सके।
- शिक्षकों के प्रशिक्षण पर जोर - शिक्षकों के प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया गया है जिससे वे बेहतर तरीके से छात्रों को शिक्षित कर सके।
- छात्रों के समर्थन के लिए कार्यशालाएं - छात्रों के आत्मविश्वास को बढ़ाने और उन्हें परीक्षा का तनाव कम करने के लिए नियमित कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं।
कुल मिलाकर, ओडिशा 10वीं परिणाम 2024 ने यह साबित कर दिया है कि विद्यार्थियों के समर्थन और प्रोत्साहन से वे बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। यह आशा की जा सकती है कि यह प्रवृत्ति भविष्य में भी जारी रहेगी और ओडिशा के विद्यार्थी राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपना परचम लहराते रहेंगे।
Shruti Singh
मई 27, 2024 AT 04:52ये लड़कियों का जीतना सिर्फ परिणाम नहीं, एक इतिहास है! अब कोई नहीं कह सकता कि लड़कियाँ अकेले पढ़ नहीं पातीं। हर घर की बेटी अब एक शक्ति है।
Liny Chandran Koonakkanpully
मई 27, 2024 AT 12:59अरे भाई, ये सब तो बस एक नंबर का खेल है! 😒 परीक्षा में जीतना तो आसान है, लेकिन जिंदगी में जीतना है तो दिमाग की जरूरत होती है। इनके अंकों के पीछे असली ज्ञान कहाँ है? 🤷♂️
Anupam Sharma
मई 27, 2024 AT 20:27ये 96.73% वाला नंबर तो बस एक लुक है... असली सवाल ये है कि इन बच्चों को असली सोचने की आदत कैसे डाली जा रही है? 🤔 बोर्ड ने तो सिर्फ रटने का रास्ता बदल दिया है... अब वो ट्रेनिंग के नाम पर ड्रिल करवा रहे हैं।
मैंने देखा है, बहुत से स्कूल अब एग्जाम के बाद बच्चों को डिस्कशन की जगह रिविजन सेशन में फंसा रहे हैं। ये तो शिक्षा की जगह रटाव की फैक्ट्री बन गई है।
पढ़ाई तो अगर बस एग्जाम के लिए हो रही है, तो फिर हम किसके लिए भविष्य बना रहे हैं? लड़कियाँ जीत रही हैं? हाँ। लेकिन वो किस चीज़ के लिए जीत रही हैं? एक रिपोर्ट या एक जीवन?
मैं इस नंबर से डरता हूँ... क्योंकि ये नंबर असली शिक्षा के बारे में बिल्कुल कुछ नहीं बताता।
Payal Singh
मई 29, 2024 AT 05:15ये परिणाम देखकर मुझे आँखों में आँसू आ गए... 🥹
हर उस बच्ची के लिए, जिसने रात भर पढ़ाई की, जिसके पास टॉर्च था लेकिन बिजली नहीं, जिसकी माँ ने खुद की चाय छोड़ दी ताकि उसके लिए दूध खरीद सके... ये जीत उनकी है।
हमें ये नंबर नहीं, इन लड़कियों की मेहनत को देखना चाहिए।
मैंने एक गाँव की लड़की को बताया था, जिसने 99% लाया, कि वो अपने भाई के लिए भी एक मिसाल बन गई है।
अब वो भाई भी इंजीनियर बनने के लिए तैयार है।
ये नंबर सिर्फ एक रिकॉर्ड नहीं, ये एक बदलाव का संकेत है।
हमें इसे रोकने की जगह, इसे बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए।
हर लड़की के लिए एक नया दरवाजा खुल रहा है... और ये सिर्फ शुरुआत है।
Kunal Sharma
मई 29, 2024 AT 09:23इस तरह के परिणाम बस एक बड़ी गुमराही हैं।
जब आप 96% पास रेट दिखाते हैं, तो आप वास्तविकता को छुपा रहे हैं।
मैंने एक स्कूल में काम किया था, जहाँ बच्चों को एग्जाम से तीन महीने पहले ही बता दिया जाता था कि कौन से प्रश्न आएंगे।
क्या आपको लगता है कि ये सब लड़कियाँ वाकई अपने दिमाग से पढ़ रही हैं? नहीं।
वो तो टेस्ट पैटर्न याद कर रही हैं।
पढ़ाई का मतलब है अपने दिमाग को विकसित करना, न कि एक बुकलेट को रटना।
ये नंबर बढ़ रहे हैं, लेकिन बच्चों की सोच घट रही है।
मैं एक छात्र था जिसने 92% लाया था, लेकिन मैंने अपने आप को एक वैज्ञानिक बनाया।
ये नंबर जीत नहीं, बस एक शोर है।
और शोर के पीछे खामोशी होती है - जिसमें वास्तविक शिक्षा मर रही है।
Raksha Kalwar
मई 30, 2024 AT 12:10मैं एक शिक्षिका हूँ। मैंने इन लड़कियों को पढ़ाया है।
मैंने देखा है कि वो रात को 11 बजे तक पढ़ रही हैं।
मैंने देखा है कि वो एक दूसरे को ट्यूटर बन गईं।
मैंने देखा है कि वो जब गलत होती हैं, तो दोबारा कोशिश करती हैं।
ये 96.73% नंबर नहीं - ये उनकी हिम्मत है।
ये उनकी लगन है।
ये उनकी आत्मविश्वास की जीत है।
कोई नंबर नहीं, कोई बोर्ड नहीं - ये लड़कियाँ खुद अपनी जीत बना रही हैं।
हमें इन्हें देखना चाहिए। न कि बस नंबर।
himanshu shaw
जून 1, 2024 AT 00:4596.73%? बहुत अच्छा।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि ये सभी लड़कियाँ असल में अपने घरों में क्या चाहती हैं?
क्या आप जानते हैं कि इनमें से 30% के घरों में लड़कियों को पढ़ाने के बजाय शादी का दबाव है?
ये नंबर एक शोर है।
एक शोर जो बोर्ड को अपने फंड्स बढ़ाने में मदद करता है।
एक शोर जो राजनीतिक दलों को चुनाव में फायदा देता है।
एक शोर जो बाजार में शिक्षा के लिए नए बुक्स बेचने का नाम बनाता है।
लेकिन जब ये लड़कियाँ बड़ी होंगी, तो क्या उन्हें नौकरी मिलेगी?
क्या उन्हें समाज ने वाकई सम्मान दिया?
ये नंबर एक नाटक है।
और नाटक का अंत हमेशा अंधेरा होता है।
Chandrasekhar Babu
जून 1, 2024 AT 23:42यह आंकड़ा शिक्षा प्रणाली के गुणवत्ता अनुकूलन के संकेतक के रूप में उचित है।
विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण से, यह प्रतिशत वृद्धि शिक्षा संसाधनों के समान वितरण, प्रारंभिक शिक्षा अनुदानों के बढ़ने और शिक्षक-छात्र अनुपात में सुधार के परिणामस्वरूप है।
लड़कियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन का कारण निश्चित रूप से लैंगिक समानता के लिए अभियानों का लगातार समर्थन है।
बोर्ड के द्वारा डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म का समावेश और एमएस-एमएस के माध्यम से परिणाम प्राप्त करने की सुविधा ने व्यापक पहुंच प्रदान की है।
यह दर्शाता है कि शिक्षा के लिए समाज का दृष्टिकोण एक अपरिवर्तनीय परिवर्तन की ओर बढ़ रहा है।
इसके अलावा, शिक्षकों के लिए निरंतर प्रशिक्षण कार्यक्रमों का उच्च उपयोग अनुमानित परिणाम के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इस प्रकार, यह आंकड़ा एक बहुआयामी शिक्षा नीति के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन का साक्ष्य है।
इसके अंतर्गत, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्यों के अनुरूप ओडिशा बोर्ड का दृष्टिकोण अनुकूलन के लिए एक आदर्श उदाहरण है।
avinash jedia
जून 2, 2024 AT 16:1296.73%? बस ये नंबर लड़कियों के लिए नहीं, बल्कि बोर्ड के लिए है।
क्या तुम्हें लगता है कि जब तक ये नंबर नहीं बढ़ेगा, तब तक कोई भी नई बुक नहीं बेचेगा?
असली सवाल ये है - क्या ये बच्चियाँ असल में समझ रही हैं या सिर्फ रट रही हैं?
मैंने एक बार एक स्कूल में देखा - बच्चियाँ एग्जाम से एक हफ्ते पहले तक पूरा सिलेबस रट रही थीं।
और फिर एग्जाम के बाद उन्होंने सब भूल दिया।
ये शिक्षा नहीं, ये एक रिपोर्ट बनाने का खेल है।