जो रूट ने टेस्ट रन-स्कोरर्स की सूची में एक और स्थान पर बढ़त बनाई: क्या वह सचिन को पकड़ सकते हैं?

जो रूट ने टेस्ट रन-स्कोरर्स की सूची में एक और स्थान पर बढ़त बनाई: क्या वह सचिन को पकड़ सकते हैं?

जो रूट का टेस्ट क्रिकेट में बढ़त

इंग्लैंड के बल्लेबाज जो रूट ने क्रिकेट के इतिहास में एक और मील का पत्थर हासिल किया है। उन्होंने शिवनारायण चंद्रपॉल को पछाड़ते हुए टेस्ट क्रिकेट में आठवां सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बन गए हैं। इस उपलब्धि की ओर बढ़ते हुए, रूट ने अपनी 32वीं टेस्ट सेंचुरी पूरी की, एक ऐसा कारनामा जिसे हासिल करना किसी भी बल्लेबाज के लिए गर्व की बात होती है।

रूट का यह सफर यहीं थमने वाला नहीं है। अनुमान लगाया जा रहा है कि 2024 में इंग्लैंड को दस और टेस्ट मैच खेलने हैं। अगर रूट इसी तरह अपने खेल को जारी रखते हैं, तो वह निश्चित रूप से ब्रायन लारा, कुमार संगकारा और एलिस्टर कुक जैसे दिग्गजों को भी पीछे छोड़ सकते हैं।

सचिन तेंदुलकर को पकड़ने की संभावना

हालांकि, सचिन तेंदुलकर के अभी भी सबसे ऊपर बने रहने की संभावना है। वर्तमान गति को देखते हुए, यदि रूट अपने औसत रन रेट 84 रन प्रति टेस्ट को बनाए रखते हैं, तो उन्हें सचिन को पकड़ने के लिए लगभग 47 और टेस्ट मैच खेलने होंगे। यह चरण लगभग चार साल का होगा, बशर्ते कि रूट की फिटनेस और फॉर्म बरकरार रहे।

रूट के करियर को देखते हुए, यह साफ है कि वे हमेशा से एक लगातार प्रदर्शन करने वाले बल्लेबाज रहे हैं। उनका करियर औसत लगभग 50 रन प्रति आउटिंग है, जो बताता है कि वे कितने मजबूत और सक्षम हैं।

वयोवृद्ध खिलाड़ियों का योगदान

वयोवृद्ध खिलाड़ियों का योगदान

टेस्ट क्रिकेट में 36 साल की उम्र के बाद भी खेलना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। अंग्रेजी बल्लेबाजों के लिए यह और भी ज्यादा मुश्किल होता है। हालांकि, जेम्स एंडरसन जैसे खिलाड़ी ने यह साबित किया है कि अगर सही तरह से रणनीति बनाई जाए और व्यक्तिगत अनुसूची को ठीक से प्रबंधित किया जाए, तो लंबी अवधि तक खेला जा सकता है।

रूट की फिटनेस उनके खेलने के स्तर को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उनके करियर में अब तक किसी गंभीर चोट का न होना उनके निरंतरता का एक प्रमुख कारण है।

भविष्य और संभावनाएं

आने वाले सालों में, अगर रूट इस गति को बनाए रखते हैं, तो उनमें कोई संदेह नहीं कि वह शीर्ष पांच बल्लेबाजों की सूची में शामिल हो सकते हैं। यह न केवल उनके व्यक्तिगत करियर के लिए बल्कि इंग्लैंड क्रिकेट टीम के लिए भी गर्व की बात होगी।

सबसे महत्वपूर्ण है, रूट का अपने खेल के प्रति समर्पण और प्यार। यह उनकी शारीरिक और मानसिक ताकत को दर्शाता है। उनकी आगामी चुनौतियां और उपलब्धियां उनके करियर को और भी रोमांचक बनाएंगी।

निष्कर्ष

निष्कर्ष

जो रूट ने अपनी शानदार क्रिकेटिंग प्रतिभा और मेहनत से एक और बड़ा मील का पत्थर हासिल किया है। अगर उनकी निरंतरता और फॉर्म इसी तरह बनी रहती है, तो वे निश्चित रूप से क्रिकेट के इतिहास में अपना नाम और भी ऊंचा कर सकते हैं। सभी क्रिकेट प्रेमियों की निगाहें अब उनके अगले कदम पर होंगी, और यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे उनके करियर में और क्या नई ऊंचाइयों को छूते हैं।

20 Comments

  • Image placeholder

    Shruti Singh

    जुलाई 23, 2024 AT 10:05

    जो रूट का जोश देखकर लगता है कि ये लड़का सचिन को पार करने के लिए जन्मा है। बस फिटनेस बनाए रखो, और देखो मामला कैसे बदल जाता है।

  • Image placeholder

    avinash jedia

    जुलाई 24, 2024 AT 00:09

    अरे भाई सचिन को पार करने की बात कर रहे हो? उनका रिकॉर्ड तो अब तक का सबसे बड़ा जादू है, इसे तोड़ने की कोशिश बेकार है।

  • Image placeholder

    Anupam Sharma

    जुलाई 25, 2024 AT 17:48

    अगर हम रूट के औसत को देखें तो ये बात बिल्कुल तर्कसंगत है कि वो सचिन को पार कर सकते हैं... लेकिन आपने कभी सोचा है कि क्या टेस्ट क्रिकेट का भविष्य ही बदल रहा है? अब ओवर रेट बढ़ गया है, मैच कम हो रहे हैं, और बल्लेबाज़ के लिए लंबे समय तक फॉर्म में रहना असंभव हो गया है।


    रूट का असली जादू ये नहीं कि वो रन बना रहे हैं... बल्कि ये है कि वो अभी भी एक टीम के लिए खेल रहे हैं, जहाँ अक्सर बल्लेबाज़ को बाहर कर दिया जाता है।


    और हाँ, सचिन के रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए 47 मैच? ये तो एक बच्चे की गिनती है। अगर रूट 30 मैच खेल गए और 12000 रन बना दिए, तो ये आंकड़ा बदल जाएगा।

  • Image placeholder

    Payal Singh

    जुलाई 26, 2024 AT 08:08

    मैं बस इतना कहना चाहती हूँ... जो रूट के खेल को देखकर मुझे लगता है कि क्रिकेट एक खेल है, न कि एक रिकॉर्ड का बहाना। उनकी निरंतरता, उनकी शांति, उनका निर्मम फोकस - ये सब कुछ एक असली गॉड की तरह है।


    हम बस इतना चाहते हैं कि वो खेलते रहें। रन कम हों या ज्यादा, वो खेलते रहें।

  • Image placeholder

    Kunal Sharma

    जुलाई 27, 2024 AT 00:11

    ये बात बिल्कुल गलत है कि रूट के पास सचिन को पार करने की संभावना है। आप लोग ये भूल रहे हैं कि सचिन ने एक ऐसे युग में खेला जब टेस्ट क्रिकेट एक धार्मिक अनुष्ठान था - जब मैच छह दिन के होते थे, जब बल्लेबाज़ अपने बल्ले को बार-बार नहीं बदलते थे, जब बारिश भी बल्लेबाज़ के दुश्मन नहीं थी।


    अब तो टेस्ट क्रिकेट का जीवन एक नियमित बुकिंग की तरह है - बार-बार बदलता हुआ, अस्थायी, और अक्सर बेकार।


    रूट एक शानदार खिलाड़ी है, लेकिन उनकी उपलब्धि को एक ऐसे रिकॉर्ड के साथ तुलना करना जैसे एक इलेक्ट्रिक कार को एक रेलगाड़ी से तुलना करना हो।


    हम दोनों की सराहना कर सकते हैं, लेकिन तुलना करना बेकार है।

  • Image placeholder

    Raksha Kalwar

    जुलाई 28, 2024 AT 04:56

    रूट की फिटनेस और डिसिप्लिन को देखकर लगता है कि वो खेलने के लिए नहीं, बल्कि खेल के लिए जन्मे हैं। उनका अपने शरीर के साथ रिश्ता एक अद्भुत उदाहरण है।


    कोई भी बल्लेबाज़ जो 36 की उम्र में भी एक टेस्ट मैच में 100 रन बना रहा है, वो निश्चित रूप से एक दिव्य शक्ति है।

  • Image placeholder

    himanshu shaw

    जुलाई 29, 2024 AT 06:10

    ये सब बकवास है। रूट का रिकॉर्ड तो बस एक आंकड़ा है, और आंकड़े बदल सकते हैं। लेकिन जब तक इंग्लैंड की टीम अपने बल्लेबाजों को नियमित रूप से बाहर नहीं करती, तब तक कोई भी रिकॉर्ड नहीं बनेगा।


    और अगर आप सचिन को पार करने की बात कर रहे हैं, तो आप भूल रहे हैं कि उन्होंने वो सब कुछ किया जब इंग्लैंड की टीम अभी भी अपने बल्लेबाज़ों को बेकार बना रही थी।

  • Image placeholder

    Rashmi Primlani

    जुलाई 30, 2024 AT 11:16

    रूट के खेल को देखकर लगता है कि वो क्रिकेट का असली अर्थ समझते हैं - न कि रनों की संख्या, बल्कि उनकी निरंतरता, उनकी शांति, और उनकी निर्मम लगन।


    सचिन के रिकॉर्ड को तोड़ने की बात तो बहुत बड़ी है, लेकिन रूट ने जो कुछ किया है, वो तो एक अलग ही स्तर का है।


    वो एक ऐसे खिलाड़ी हैं जो खेल को बदल रहे हैं।

  • Image placeholder

    harsh raj

    अगस्त 1, 2024 AT 02:15

    रूट का खेल देखकर लगता है कि वो बस एक बल्लेबाज़ नहीं, बल्कि एक शिक्षक हैं। उनकी शांति, उनकी तैयारी, उनकी अनुशासन - ये सब एक नया मानक स्थापित कर रहा है।


    हम अक्सर रिकॉर्ड की बात करते हैं, लेकिन रूट ने एक नया रास्ता दिखाया है - एक ऐसा रास्ता जहाँ खेल जीतने के लिए नहीं, बल्कि जीने के लिए होता है।

  • Image placeholder

    Prakash chandra Damor

    अगस्त 2, 2024 AT 08:43

    रूट के औसत 50 हैं और सचिन के 53 हैं तो अब बस इतना ही कहना है कि अगर रूट ने और ज्यादा मैच खेले तो वो पार कर जाएंगे लेकिन वो कितने मैच खेलेंगे ये तो कोई नहीं जानता

  • Image placeholder

    Rohit verma

    अगस्त 2, 2024 AT 22:48

    जो रूट के लिए ये रिकॉर्ड बन रहा है, वो देखकर लगता है कि वो अपने खेल के प्रति बहुत प्यार करते हैं।


    मैं बस ये चाहता हूँ कि वो खेलते रहें - चाहे वो 10000 रन बनाएं या 20000, बस खेलते रहें।


    वो हमारे लिए एक प्रेरणा हैं।

  • Image placeholder

    Arya Murthi

    अगस्त 4, 2024 AT 12:31

    रूट का खेल देखकर लगता है कि वो बस एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि एक असली गुरु हैं।


    उनकी शांति, उनकी निरंतरता - ये सब देखकर लगता है कि वो खेल के बारे में बात कर रहे हैं, न कि रनों के बारे में।

  • Image placeholder

    Manu Metan Lian

    अगस्त 6, 2024 AT 00:41

    ये सब बकवास है। रूट एक अच्छा बल्लेबाज़ हैं, लेकिन सचिन के साथ तुलना करना एक बेवकूफी है।


    सचिन ने एक ऐसा युग बनाया जिसे कोई नहीं दोहरा सकता।


    रूट के रन बस एक आंकड़ा हैं - और आंकड़े बदल सकते हैं।


    लेकिन सचिन का नाम अमर है।

  • Image placeholder

    Debakanta Singha

    अगस्त 7, 2024 AT 23:40

    रूट ने जो किया है, वो बहुत अच्छा है। लेकिन अगर वो अपने आप को एक रिकॉर्ड के लिए नहीं, बल्कि अपने खेल के लिए खेलते रहें, तो वो असली जीत हासिल करेंगे।


    हमें रनों की बजाय खेल को देखना चाहिए।

  • Image placeholder

    swetha priyadarshni

    अगस्त 8, 2024 AT 05:55

    रूट के खेल को देखकर लगता है कि वो एक ऐसे खिलाड़ी हैं जो खेल के बारे में सोचते हैं - न कि रिकॉर्ड के बारे में।


    उनकी शांति, उनकी निरंतरता, उनकी अनुशासन - ये सब एक नया मानक है।


    और अगर वो सचिन को पार कर जाते हैं, तो ये उनकी लगन का परिणाम होगा, न कि कोई आंकड़ा।


    हमें उनके खेल की सराहना करनी चाहिए, न कि उनके रनों की।


    रूट एक ऐसा खिलाड़ी हैं जो खेल को बदल रहे हैं।

  • Image placeholder

    tejas cj

    अगस्त 9, 2024 AT 20:37

    रूट को सचिन के साथ तुलना करना बेकार है।


    सचिन ने जो किया, वो एक देवता का काम था।


    रूट एक अच्छा बल्लेबाज़ हैं, लेकिन ये तुलना बेकार है।

  • Image placeholder

    Chandrasekhar Babu

    अगस्त 10, 2024 AT 02:21

    रूट के खेल का एनालिसिस करने के लिए हमें उनके बैटिंग स्ट्रैटेजी, बॉल ट्रैकिंग, और फील्डिंग एंगल्स को डीप लेवल पर एनालाइज़ करना होगा।


    उनका एवरेज 50 है, लेकिन उनका एक्सपेक्टेड रन रेट (xRR) 48.7 है, जो दर्शाता है कि वो बहुत कम रिस्क ले रहे हैं।


    इसका मतलब है कि वो लंबे समय तक बल्लेबाजी कर सकते हैं - लेकिन ये रिकॉर्ड तोड़ने के लिए बहुत धीमा है।

  • Image placeholder

    Pooja Mishra

    अगस्त 10, 2024 AT 21:03

    रूट को सचिन के साथ तुलना करना बहुत अनुचित है।


    सचिन ने भारत के लिए खेला, और उन्होंने एक देश को एक साथ लाया।


    रूट तो बस एक अंग्रेज बल्लेबाज़ हैं।


    इस तरह की तुलना करना बेकार है।

  • Image placeholder

    Khaleel Ahmad

    अगस्त 11, 2024 AT 22:58

    रूट अच्छा खिलाड़ी हैं, लेकिन सचिन तो एक देवता हैं।


    कोई भी उनके रिकॉर्ड को नहीं तोड़ सकता।

  • Image placeholder

    Liny Chandran Koonakkanpully

    अगस्त 12, 2024 AT 22:05

    रूट को सचिन के साथ तुलना करना बेकार है।


    सचिन ने जो किया, वो एक देवता का काम था।


    रूट तो बस एक अच्छा बल्लेबाज़ हैं।


    और अगर वो सचिन को पार कर जाते हैं, तो ये बस एक आंकड़ा होगा।


    लेकिन सचिन का नाम अमर है।

एक टिप्पणी लिखें