हसन नसरल्लाह की मौत और क्षेत्रीय प्रभाव
हिज़्बुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह, जिन्होंने पिछले तीन दशकों से लेबनानी आतंकी समूह का नेतृत्व किया था, की इजरायली हवाई हमले में मौत हो गई है। यह हमला बेरूत के दक्षिणी उपनगरों में हुआ, जो हिज़्बुल्लाह का मुख्य गढ़ माना जाता है। इजरायल की सैन्य कार्रवाई के तहत हुए इस हमले को हिज़्बुल्लाह के लिए एक बड़ी क्षति के रूप में देखा जा रहा है।
इजरायली सेना ने सोशल मीडिया पर एक बयान जारी कर नसरल्लाह की मौत की पुष्टि की और कहा कि वह अब दुनिया को आतंकित नहीं कर सकेगा। इस बयान के अनुसार, नसरल्लाह के निधन से क्षेत्रीय विरोधियों के बीच एक महत्वपूर्ण सामरिक स्थान खाली हुआ है। इसकी घोषणा इजरायल की एक व्यापक हवाई अभियान का हिस्सा थी, जो हिज़्बुल्लाह के कई ठिकानों पर लगातार हो रही है।
हिज़्बुल्लाह और इजरायल के बीच तनाव
पिछले 11 महीनों से हिज़्बुल्लाह और इजरायल के बीच तनाव और संघर्ष बढ़ता जा रहा था। यह संघर्ष धीरे-धीरे एक पूर्ण पैमाने पर युद्ध की ओर बढ़ता दिखा। हालिया हमलों की श्रृंखला में इजरायली सेना ने हिज़्बुल्लाह के कई उच्च रैंकिंग अधिकारियों को निशाना बनाया है। एक ग्राफिक रूपरेखा भी जारी की गई जिसमें 11 उच्च स्तरीय हिज़्बुल्लाह सैन्य नेताओं को दिखाया गया, जिनमें से 10 को समाप्ति के रूप में चिह्नित किया गया, जिसमें नसरल्लाह भी शामिल थे।
इस संघर्ष ने क्षेत्र में एक गंभीर मानवीय संकट को जन्म दिया है। लेबनान और इजरायल दोनों में हजारों लोग अपने घरों से विस्थापित हो चुके हैं। करीब 90,000 लेबनानी दक्षिणी लेबनान से अपने घरों को छोड़ चुके हैं, जबकि करीब 60,000 लोग उत्तरी इजरायली समुदायों से विस्थापित हुए हैं।
मानवीय संकट
लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने घोषणा की है कि दहिया में स्थित अस्पतालों को खाली किया जाएगा और शहर के अन्य हिस्सों में स्थित चिकित्सा सुविधाएं अगले सप्ताह तक गैर-आपातकालीन मामलों को निलंबित करेंगी, ताकि संकट से निपटने में मदद मिल सके। यह निर्णय क्षेत्रीय तनाव बढ़ने और चिकित्सा आवश्यकताओं में वृद्धि को देखते हुए लिया गया है।
ईरानी प्रतिक्रिया और भविष्य के संभावना
ईरानी सर्वोच्च नेता अयातोल्लाह अली खामेनेई ने इजरायल की कार्रवाइयों की कड़ी निंदा की है और कहा है कि 'प्रतिरोध' बलों, जिनमें हिज़्बुल्लाह, हमास और अन्य ईरानी प्रॉक्सी शामिल हैं, को प्रबलता मिलेगी। खामेनेई ने इजरायल की सैन्य कार्रवाइयों को इलाके में स्थिरता के लिए खतरा बताया और हिज़्बुल्लाह के समर्थन का आश्वासन दिया।
वर्तमान स्थिति अत्यंत अस्थिर बनी हुई है और संभावना है कि पक्षों के बीच और अधिक संघर्ष होंगे। हिज़्बुल्लाह की प्रतिक्रिया कैसी होगी और इजरायल की आगे की रणनीति क्या होगी, इस पर नजर रखनी होगी। क्षेत्रीय विशेषज्ञों का कहना है कि नसरल्लाह की मौत के बाद हिज़्बुल्लाह का नेतृत्व कौन संभालेगा, यह भी एक महत्वपूर्ण सवाल है।
क्षेत्रीय स्थिरता पर प्रभाव
इस प्रकार के संघर्षों का असर न केवल लेबनान और इजरायल पर बल्कि पूरे मध्यपूर्व क्षेत्र पर पड़ सकता है। हिज़्बुल्लाह का ईरान के समर्थन से संचालित होना, क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा माना जाता है। नसरल्लाह की मौत से उत्पन्न शक्ति का खालीपन और उससे होने वाली घटनाओं की श्रृंखला भविष्य में मध्यपूर्व की राजनीति को नया मोड़ दे सकती है।
यह स्थिति क्षेत्रीय देशों के लिए एक चेतावनी है कि उनकी सीमाओं पर क्या घटित हो रहा है और उससे कैसे निपटना है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाओं के परिणामस्वरूप आतंकवादी संगठनों में शक्ति संतुलन बदल सकता है, जिससे क्षेत्रीय स्थिरता को और भी मुश्किलें हो सकती हैं।
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की चिंता
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय भी इस स्थिति पर नज़र बनाए हुए है और इसकी निंदा की है। कई देश इस क्षेत्रीय संघर्ष के शांति पूर्ण समाधान के प्रयास कर रहे हैं, लेकिन सफलता अभी दूर दिखती है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठन इस तनाव को कम करने के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन उनके प्रयास कितने सफल होंगे, यह समय बताएगा।
इस प्रकार, हसन नसरल्लाह की मौत न केवल हिज़्बुल्लाह के लिए एक बड़ा आघात है, बल्कि यह पूरे मध्यपूर्व क्षेत्र के लिए एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है। इस घटना से उत्पन्न हुए असमंजस और अनिश्चितता के बीच, इजरायल और हिज़्बुल्लाह के बीच संघर्ष का भविष्य अस्थिर बना हुआ है और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए नए प्रश्न खड़े कर रहा है।