वायनाड उप-चुनाव में नव्या हरिदास की चुनौती
भारतीय जनता पार्टी ने प्रियंका गांधी वडेर्रा के खिलाफ जो बड़ा दांव खेला है, उसके केंद्र में नव्या हरिदास का नाम आता है। विदेशी पृष्ठभूमि और प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाली नव्या अब राजनीती का नया चेहरा बन चुकी हैं। 2007 के बाद से, जब उन्होंने केएमसीटी इंजीनियरिंग कॉलेज, कालीकट विश्वविद्यालय से अपनी बी.टेक डिग्री प्राप्त की, तब से वे पार्टी की सक्रिय समर्थक रही हैं और अब उन्हें इस महत्वपूर्ण चुनाव में उतारा गया है।
इस चुनाव में नव्या की उम्मीदवारी की जड़ें उनकी पिछली राजनीतिक उपलब्धियों में गहराई तक जुड़ी हुई हैं। कोझिकोड कॉर्पोरेशन की एक पार्षद और भारतीय जनता पार्टी की महिला मोर्चा की राज्य महासचिव के रूप में नव्या ने भारतीय राजनीति में एक प्रभावशाली पहचान बनाई है। उनकी राजनीतिक यात्रा का यह नया मुकाम सार्थक और रोमांचक है।
बयानों और संपत्ति से साफ छवि
नव्या हरिदास के खिलाफ कोई अपराधिक मामला दर्ज नहीं है, जो कि राजनीति में उनकी साफसुथरी छवि को प्रकट करता है। 1,29,56,264 रुपये की संपत्ति और 1,64,978 रुपये की देनदारी के साथ नव्या वायनाड में एक स्थिर और वित्तीय रूप से सक्षम नेतृत्व का भी प्रतिनिधित्व करती हैं। पार्टी नेता के रूप में उनकी प्रतिष्ठा उन्हें राजनितिक रूप से बेहद संभावनाओं वाले उम्मीदवार के रूप में प्रस्तुत करती है।
प्रियंका गांधी वडेर्रा का प्रवेश और चुनौती
वायनाड सीट पर प्रियंका गांधी वडेर्रा का नामांकन कांग्रेस पार्टी के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है, जहां वे पहली बार अपनी किस्मत आजमाने जा रही हैं। पिछले चुनाव में राहुल गांधी की इस सीट पर भारी बहुमत से विजय हासिल हो चुकी है, लेकिन उनके इस पद से इस्तीफा देने के बाद अब अपनी बहन के लिए यह परीक्षा बन गई है। राहुल गांधी द्वारा वायनाड सीट खाली करने की सूचना लोकसभा परिणामों के 14 दिन के भीतर दी गई थी, जिससे कांग्रेस अपने नए उम्मीदवार के लिए अभियान को गति देने की कोशिश कर रही है।
प्रियंका के चुनाव मैदान में आने से कांग्रेस के समर्थकों में एक नई ऊर्जा और आत्मविश्वास का प्रवेश हुआ है। उनके इस कदम को राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस पार्टी की प्रतिष्ठा को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
विपक्ष की तैयारियाँ और सथ्यान मोकेरी की भूमिका
गांधी परिवार के विरुद्ध विपक्ष की तैयारी में सथ्यान मोकेरी का नाम प्रमुख है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के एक पुराने और विश्वसनीय चेहरा, सथ्यान, वायनाड क्षेत्र का एक जाना-माना नाम है। उनकी खेती और कृषि क्षेत्र में समस्याओं को सुलझाने की कोशिशों ने उन्हें इस क्षेत्र में एक मजबूत व्यक्ति के रूप में स्थापित किया है। 2014 के लोकसभा चुनाव में सथ्यान मोकेरी ने कांग्रेस उम्मीदवार एम. आई. शनावास के विजय अंतर को कम करने में सफलता पाई थी।
चुनाव आयोग की तैयारियाँ और कार्यक्रम
चुनाव आयोग ने वायनाड में उप-चुनावों को आयोजित करने की तैयारी कर ली है। 13 नवंबर को होने वाले इस चुनाव का नतीजा 23 नवंबर को घोषित किया जाएगा। उम्मीदवारों के बीच की यह लड़ाई न केवल उम्मीदवारों की व्यक्तिगत छवि बल्कि उनकी राजनीतिक पार्टियों के भविष्य के लिए भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
यही वजह है कि इस बार का वायनाड उप-चुनाव न केवल वायनाड बल्कि राष्ट्रीय राजनीति की दिशा बदलने से संबंधित अनेकों पहलुओं की ओर संकेत करता है और उम्मीदारों के भविष्य के करियर के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
tejas cj
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