आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव 2024: क्या वाईएसआर कांग्रेस पार्टी को झेलना पड़ेगा बड़ा नुकसान?
आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव 2024 के परिणामों का शुरुआती आंकलन बताते हैं कि तेलुगु देशम पार्टी (TDP), जनसेना पार्टी और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के गठबंधन को बड़ी जीत की उम्मीद है। चुनाव आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, यह गठबंधन 175 में से 157 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। यह चुनाव परिणाम राज्य की राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में ऐतिहासिक परिवर्तन ला सकते हैं।
टीडीपी और गठबंधन की बढ़त
तेलुगु देशम पार्टी 130 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि जनसेना पार्टी 20 सीटों पर और भारतीय जनता पार्टी 7 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। इस बढ़त से गठबंधन की जीत की संभावना बहुत प्रबल हो गई है। टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू कुप्पम सीट से आगे चल रहे हैं और उनके बेटे नारा लोकेश मंगलागिरी सीट से बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। जनसेना पार्टी प्रमुख पवन कल्याण पिथापुरम सीट से बढ़त बनाए हुए हैं।
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की स्थिति
दूसरी तरफ, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) बहुत मुश्किल स्थिति में नजर आ रही है। मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी केवल पुलिवेंदुला विधानसभा क्षेत्र से आगे चल रहे हैं, लेकिन उनके पार्टी के कई मंत्री अपनी-अपनी सीटों से पीछे चल रहे हैं। वाईएसआरसीपी ने सभी 175 सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें अच्छी खासम हासिल नहीं हो पाई है।
इस परिणाम से येसआर कांग्रेस पार्टी के समर्थकों में निराशा की स्थिति बन गई है।
निर्वाचन प्रक्रिया और सुरक्षा
13 मई को एक ही चरण में संपन्न हुए इन चुनावों की वोटों की गिनती 5 जून से शुरू हो गई है। निर्वाचन आयोग ने वोटों की गिनती के दौरान सख्त सुरक्षा इंतजाम किए हैं ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना न हो सके।
रिपोर्टों के अनुसार, TDP ने 144 विधानसभा और 17 लोकसभा क्षेत्रों में चुनाव लड़ा था, जबकि भाजपा ने 6 लोकसभा और 10 विधानसभा क्षेत्रों में और जनसेना ने 2 लोकसभा और 21 विधानसभा क्षेत्रों में अपने प्रत्याशी उतारे थे। सबसे बड़ी बात यह है कि वाईएसआरसीपी ने सभी 175 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए थे।
टीडीपी गठबंधन की भविष्य की रणनीति
टीडीपी गठबंधन की यह जीत न केवल राज्य की राजनीति में परिवर्तन ला सकती है, बल्कि इसका प्रभाव राष्ट्रीय स्तर पर भी देखा जा सकता है। टीडीपी, जनसेना और भाजपा का गठबंधन पहले से ही राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) का हिस्सा है, और यह जीत NDA की स्थिति को और मजबूत बना सकती है।
गठबंधन की इस बढ़त से स्पष्ट है कि राज्य के मतदाता भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अराजकता से तंग आ चुके थे और उन्होंने बदलाव के पक्ष में अपने मत दिए हैं।
इस जीत के साथ ही चंद्रबाबू नायडू और पवन कल्याण अब राज्य की प्रशासनिक मशीनरी को पुनः सही दिशा में ले जाने का वादा कर रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि वे अपने वादों को किस प्रकार पूरा करेंगे।
इसके अलावा, इस चुनाव परिणाम से राज्य के अन्य विपक्षी दलों को भी सबक मिला है कि जनता परिवर्तन की ओर देख रही है।
आंध्र प्रदेश की राजनीति में यह एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है और आने वाले समय में राज्य की राजनीतिक दिशा को नया मोड़ दे सकता है।